प्रमाण और परिणाम को ध्यान में रखकर करें पत्रकारिताः शैलेश अवस्थी

निशंक न्यूज कानपुर।

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर कानपुर प्रेस क्लब में आयोजित गोष्ठी में पत्रकारों ने कहा कि आयोजित गोष्ठी में पत्रकारों को खबर लिखते समय इस बाता ध्यान रखना चाहिये की खबर के पूरे प्रमाण हैं अथवा नहीं औऱ इस बात पर भी मंथन कर लेना चाहिये कि लिखी गई खबर का परिणाम क्या होगा ऐसा न हो कि आपकी खबर के तथ्यों का कोई गलत इस्तेमाल कर ले। पत्रकारों का काम लोक कल्याण की भावना को ध्यान में रखकर खबर लिखना और लोगों को न्याय दिलाने का होना चाहिये।

तीस मई को प्रकाशित हुआ था हिंदी का पहला अखबार

तीस मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन कलक्कता से हिंदी के पहले अखबार का प्रकाशन शुरू किया गया थो जो आजादी की लड़ाई में कारगर साबित हुआ। यह अखबार कानपुर में ही रहने वाले पंडित जुगल किशोर शुक्ला ने निकाला था। जो काफी समय तक चला इसके चलते तीस मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

खबर लिखने के पहले इसके प्रभाव पर करें मंथन

कार्यक्रम में कानपुर प्रेस क्लब के महामंत्री शैलेश अवस्थी ने कहा कि किसी भी पत्रकार को खबर लिखते समय प्रमाण और परिणाम को ध्यान रखना चाहिये। ऐसा कतई न होना चाहिये की खबर ब्रेक करने के चक्कर में आप बिना प्रमाण के खबर लिख दें और इसके परिणाम स्वरूप समाज में वैमश्यता फैल जाएlइस लिये हर खबर को लिखने के पहले रिपोर्टर को इस बात पर भी मंथन कर लेना चाहिये कि आप जो खबर लिख रहे हैं इसका परिणाम क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि ख़बरों की होड़, धन के जोर और चैनलों के शोर के बीच सच के साथ खड़े रहना मुश्किल ज़रूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं l इसलिए खबर ऐसी लिखें जो तथ्य और तर्क पर खरी उतरे l तभी विश्वासनीयता रहेगी।

l

पत्रकारिता में रखे सकारात्मकता व लोक कल्याण की भावना

अध्यक्ष सरस वाजपेई ने कहा कि सौभाग्य है कि हम उस शहर कानपुर में पत्रकारिता कर रहे हैं, जहां के जुगल किशोर शुक्ल ने 30 मई 1826 हिंदी का पहला अख़बार निकला l आज के दौर में पत्रकारिता बड़ी चुनौती है, लेकिन सकारात्मकता और लोक कल्याण की भावना रखें तो अपने कर्तव्य का सच में निर्वहन कर सकते हैं l यदि ईमानदार हैं तो भय नहीं होगा और सत्य के प्रहरी बने रहेंगे l उन्होंने कहा कि हिंदी ऐसी भाषा है जिससे आप आसानी से अपनी बात लोगों तक पहुंचा सकते हैं। सरकार को भी चाहिये कि वह सरकारी विभागों के काम हिंदी में ही कराने के आदेश जारी करे। प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता को वास्तव में हिंदी से ही बढ़ावा मिला और सूचनाएं लोगों को तक पहुंचाने के लिये ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग किया जाना चाहिये। जिस समय देश में अंग्रेजो का शासन था उस समय हिंदी अखबार निकालने का मतलब ही लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का रहा होगा।

गोष्ठी में यह पत्रकार भी रहे मौजूद

इस मौके पर उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत, मंत्री शिवराज साहू, गगन पाठक, कौस्तुभ मिश्रा उत्सव शुक्ला, मयंक मिश्रा, संजीव शुक्ला, अमित गुप्ता, जेबा खान, एज़ाज सिद्द्की, नीरज तिवारी, विकास वाजपेई,वेद गुप्ता आदि मौजूद रहे l संचालन आलोक पांडे ने किया। कानपुर प्रेस क्लब को मंत्री शिवराज साहू ने यहां मौजूद लोगों को धन्यवाद दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *