विकास वाजपेयी
कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर सीधा संवाद करने की ललक में पहलगाम हमले में मारे गये शुभम द्विवेदी के परिजन अपनी अकेली उस मांग को भूल गये जिसमें उन्होंने कहा था कि शुभम को शहीद का दर्ज दिया जाए। शुक्रवार को जब चकेरी एयरपोर्ट पर जब शुभम के परिजनों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई तो एक सपने को पूरा होता देख परिवार के लोग प्रधानमंत्री से ज्यादा बात ही नही कर सके। बस आपरेशन सिंदूर को सफल बताते हुए इनकी आंखों में आंसू भर आये। प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह शुभम की पत्नी एेशन्या व शुभम के माता पिता के सामने दुख जताकर इन्हे सान्त्वना दी।
प्रधानमंत्री ने एेशान्यां से कहा आतंकियों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
प्रधानमंत्री ने चकेरी एयरवेज पर शुभम के परिजनों से मुलाकात करने के दौरान शुभम की पत्नी एेशान्यां ने जब उन्हें आपरेशन सिन्दूर की सफलता पर बधाई दी तो भावुक होते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आपने जो खोया हैै वह अर्पूणीय है। आपरेशन सिन्दूर आतंकवाद के खत्म होने तक जारी रहेगा। उन्होंने कहाकि सेना को आतंकियों के खिलाफ काररवाई की खुली छूट दी गयी है। आतंकवाद का समूल नाश किया जायेगा। उन्होने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई लम्बी है और आगे भी चलेगी। प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए शुभम की पत्नी व परिजनों को एक बार फिर मुलाकात करने का भरोसा दिया।
पहलगाम में आतंकियों के हांथो मारे गये थे शुभम
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों की गोली का शिकार हुए शुभम द्विवेदी के परिजनों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चकेरी कानपुर में मुलाकात की। हालांकि सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के समक्ष शुभम को शहीद का दर्जा देने की बात पर प्रशासन और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने परिवार को काफी समझाया है कि इस विषय पर कोई चर्चा न की जाए। आपको बतादें की शुभम के परिजन घटना के बाद से शुभम को शहीद का दर्जा देने की बात करते रहे है ।
कैसे नेताओं ने परिजनों को समझाया
कानपुर शहर में 24 अप्रैल को मेट्रो के नए रूट का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आना था लेकिन पहलगाम की घटना के बाद उनका ये कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। इस आतंकी वारदात में कानपुर शहर के शुभम द्विवेदी को भी अपनी जान गवानी पड़ी थी। शुभम के परिजन कानपुर के महराजपुर विधानसभा के हाथीपुर के रहने वाले है। घटना के बाद से परिजनों की मांग थी कि शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाना ही उनकी प्रमुख मांग है। हालांकि सरकार और प्रशासन की तरफ से परिजनों को शहीद के दर्जे को लेकर आ रही टेक्निकल परेशानियों के बारे में उनको बताया गया था लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे।
सतीश महाना को दिया गया परिजनों को समझाने और मनाने का जिम्मा
सूत्रों के मुताबिक शुभम द्विवेदी के परिजन इस बात पर भी अड़े थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कानपुर के दौरे के समय मोदी उनके घर पर सान्तवना देने आए। ऐसे समय मे पीएम के दौरे से कोई गलत राजनीतिक संदेश समाज मे जाए उससे बचने के लिए भाजपा संगठन ने परिजनों को समझाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को लगाया। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल के मुताबिक प्रधानमंत्री से शुभम के कितने परिजन मिलेंगे और उनकी मुलाकात कहाँ होगी इसकी जिम्मेदारी सतीश महाना को सौंपी गई है, क्योंकि महाना के विधानसभा क्षेत्र में ही शुभम के परिजनों का निवास है इसलिए इस काम के लिए पार्टी ने उनको ही जिम्मेदारी दी है। शुक्रवार के पीएम के दौरे के एक दिन पहले तक परिजनों के मिलने का स्थान तय नहीं हो पाया था। गुरुवार देर शाम को पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक उनके श्याम नगर आवास पहुँचे फिर सतीश महाना ने परिजनों से बात करके सारी वस्तुस्थिति से परिजनों को अवगत कराया। तब जाकर परिजनों के मुलाकात का समय और स्थान तय हो पाया। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक पहले परिजन परिवार के कई सदस्यों को पीएम से मुलाकात की बात कर रहे थे लेकिन पीएमओं से मिलने वालों की जो संख्या शहर प्रशासन को भेजी गई है उसमें शुभम के पिता संजय द्विवेदी, माता जी और शुभम की पत्नी ऐशान्यां का नाम रखा गया है। शुभम के पिता संजय द्विवेदी का कहना है कि तीन लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी से चकेरी एयरपोर्ट पर मुलाकात की सूचना दी गई है हालांकि शहीद के दर्जे की क्या वो मांग पीएम के सामने करेंगे इस पर संजय चुप्पी साध जाते है। हालांकि इस बात की पार्टी के अंदर चर्चा है कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दी गई जिम्मेदारी को पूरी सफलता के साथ पूरा किया है।
शुभम के चाचा की नही हो सकी प्रधानमंत्री से मुलाकात
जानकार सूत्रों की मानी जाये तो आतंकी हमले में मारे गये शुभम द्विवेदी को मुखाग्नि देने के साथ ही 13 दिन तक अंतिम संस्कार के पूरे क्रिया कर्म करने वाले शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी की प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी। पीएमअो से शुभम के परिवार के सदस्यों की सूची मांगी गयी थी। जिनकी कानपुर प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात होनी थी। बताया गया है कि इस सूची में शुभम का अंतिम संस्कार करने वाले उनके चाचा मनोज द्विवेदी का नाम भी भेजा गया था। लेकिन शुक्रवार को पीएमओ से जो सूची फाइनल होकर आयी उसमें मनोज द्विवेदी का नाम शामिल नहीं था। केवल शुभम की पत्नी एेशान्यां उनके पिता संजय द्विवेदी तथा माता को प्रधानमंत्री से मिलने की अनुमति दी गयी। जिसके चलते मनोज की मुलाकात प्रधानमंत्री से नही हो सकी।