नौतपा रविवार से सेहत ठीक रखने के लिये इन बातों का रखे ध्यान

आलोक ठाकुर

जिन नौ दिनों में गर्मी चरम पर होती है और लोगों का इस गर्मी से बचना मुश्किल होता है थोड़ी भी असावधानी इस नौतपा में आपकी सेहत खराब कर सकती है। इस लिये अपनी सेहत को खराब होने से बचाने के लिये आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। नौतपा को लेकर आम लोगों के बीच चर्चा आम है। वैसे तो नौतपा रविवार है लेकिन इसका असर शनिवार से ही दिखने लगा है। शनिवार को शहर के दक्षिणी इलाके में दोपहर में सड़क पर सन्नाटा रहा।

नौतपा में भूलकर भी न करें ये गलती, उठाना पड़ सकता है बड़ा नुकसान

कानपुर- ज्योतिष और नक्षत्र काल गणना के अनुसार जब सूर्य रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो भीषण गर्मी की शुरुआत का समय होता है, जिसे नौतपा के नाम से जाना जाता है। इस बार नौतपा मई माह के अंतिम से शुरू हो रहे हैं। नौतपा के यह दिन 25 मई से शुरू होकर 3 जून तक चलेंगे। हालांकि सूर्य देव का रोहणी नक्षत्र में गोचर 15 दिनों का होता है और इस अनुसार 8 जून को सूर्य इस नक्षत्र से निकलेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा के शुरू के 9 दिन काफी प्रमुख होते हैं और इसमें कुछ कार्यों का करना वर्जित माना गया है। आज हम आपकों इन मान्यताओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

नौतपा में धार्मिक शास्त्र क्या कहते है

धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक सूर्य के रोहणी नक्षत्र में गोचर होने के बाद किसी तरह का मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है। इसमें शादी, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे कार्यों को करना से मना किया गया है। कानपुर सिविल लाइन्स के पं संजय दीक्षित के अनुसार इन कार्यों को नौतपा के दौरान करने से घर में कलेश जैसी स्थितियां बन सकती हैं। उनके अनुसार इस दौरान सूर्य से जुड़े अन्न और वस्तुओं का अनादर काफी विपरीत फल प्रदान कर सकता है। इसमें गुड़, घी, केसर, गेहू और शरबत जैसे पदार्थो का अनादर पूरी तरह वर्जित माना गया है। हालांकि पं संजय दीक्षित का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति इन पदार्थों का दान इस दौरान करता है तो उसको शुभ फल की प्राप्ति होना हमारे सनातन परम्परा में बताया गया है। उनका कहना है कि इस दौरान यदि आपसे कोई भी जरूरतमंद अन्न औऱ जल मांगे तो उसका दान सबसे अधिक फलदायी साबित होता है।

शरीर और मन पर क्या असर डालता है नौतपा

नौतपा के धार्मिक और ज्योतिषी गणना के बारे में आप इसके महत्व को आसानी से समक्ष सकते है कि इसका पृथ्वी पर प्रकृति और जीवों पर क्या प्रभाव पडता है। नौतपा के दौरान मांस और मदिरा से परहेज करना शरीर के स्वास्थ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस के सेवन से शरीर अस्वस्थ हो सकता है और पेट से संबधित समस्या हो सकती है। इस दौरान बैगन और मसालेदार भोजन शरीर को भुरी तरह प्रभावित कर सकता है। क्योंकि नौतपा में अधिक गर्मी के कारण मसालेदार और बैगन उदर से संबंधित बीमारियां पैदा करती हैं।

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