आलोक ठाकुर
कानपुर। मामूली विवाद में पुलिस ने एक व्यापारी व उसके पुत्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इतना ही नही जांच के नाम पर पहुंचे सिपाहियों ने व्यापारी की दुकान भी बंद करा दी। मंगलवार को जब व्यापारी इससे नाराज होकर पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचे और निष्पक्ष जांच कर व्यापारी का उत्पीड़न बंद करने की मांग की। साथ ही समस्या के हल न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी। तब पुलिस बैकफुट पर आयी और व्यापारी की दुकान खुलवाने के साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच करने का भरोसा भी दिया।
व्यापारियों के विवाद में दर्ज हुआ थे सराफ पर मुकदमा

व्यापारी उत्पीड़न को लेकर कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने दक्षिण उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर एडीपीसी महेश कुमार को ज्ञापन सौंपा। गोविंदनगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए बताया कि बीती इक्कीस मई को दादा नगर उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष व सर्राफा व्यापारी जमुना प्रसाद वर्मा के साथ क्षेत्र के ही दूसरे आदर्श व्यापार मंडल के पदाधिकारी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर मारपीट की थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्ष से मुकदमा दर्ज कर लिया था। जमुना प्रसाद वर्मा का आरोप है कि इस लड़ाई में उनके लड़को तक का नाम एफआईआर में दर्ज कर दिया गया है।जबकि घटना के समय उनके लड़के अपनी दुकान पर बैठे थे। जिसका सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध करा दिया गया है। वही दूसरे पक्ष ने सिक्ख समाज को लेकर घटना बताई थी। जिससे की शहर का माहौल बिगड़ सके। लेकिन दादानगर गुरुद्वारा कमेटी के ज्ञानी जी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए घटना का खंडन किया है।
व्यापारी बोले यह निजी विवाद
उन्होंने कहा है कि यह एक निजी लड़ाई हैं। जिसको समुदाय का रूप देकर माहौल बिगड़ने का प्रयास किया जा रहा। सिख समाज से इसका कोई लेना देना नहीं है। वही गोविंद नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष निर्मल त्रिपाठी ने बताया कि ये दो व्यापारियों के बीच की लड़ाई थी। इसमें किसी समुदाय की कोई बात नहीं है। एडीसीपी ने निष्पक्ष जाँच कर कार्यवाही की बात कही है। वही व्यापारी की दुकान भी खुलवा दी हैं। अगर कार्यवाही में कोई भी लापरवाही होती है तो कमिश्नर से मिलकर ज्ञापन दिया जाएगा। फिर भी कार्यवाही नहीं हुई तो कानपुर के व्यापारी व्यापार बंद कर आंदोलन करेंगे।