महेश सोनकर
कानपुर। सीएसजेएमयू में काम करने वाले एक लिपिक ने अपने काम के लिये किसी से कर्ज लिया फिर वह धीमें धीमें इतने कर्ज में डुब गया कि उसका बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था। कर्ज देने वाले तगादा कर रहे थे औऱ वह पैसे चुकता नहीं कर पा रहा था। कुछ तगादगीरों ने समय दे दिया तो कुछ पैसा न चुका पाने पर अभद्रता करने लगे। कहा जा रहा है कि दो दिन पहले एक तगादगीर ने ज्यादा अभद्रता कर दी इस बात से आहत होकर विश्वविद्यालय के लिपिक ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
गोरखपुर का रहने वाला था लिपिक पत्नी गई थी मायके
गोरखपुर के सीपीगंज निवासी राकेश गौड़ (50) कानपुर विश्वविद्यालय में फाइनेंस विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात थे। राकेश बुधवार को ऑफिस नहीं गए थे। पत्नी सरिता देवी अपने मायके गोरखपुर गई हैं। बेटा अमन दूसरे कमरे में था। बेटे को लगा पिता कमरे में सो रहे होंगे। सुबह पिता कमरे से बाहर नहीं निकले तो बेटा दोपहर में जगाने पहुंचा। उसने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। उसने बाहर से खिड़की खोली, तो कमरे में लाश लटकी मिली।
25 लाख रुपये से ज्यादा का ले रखा कर्ज
लिपिक के करीबी लोगों ने पुलिस को बताया कि लिपिक राकेश गौड़ ने अलग-अलग कई लोगों से 25 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज ले रखा था। 5 से 7 लाख रुपए बैंक का कर्ज था, बाकी पैसा उसने अपने मिलने जुलने वालों से ले रखा था इनमें कुछ का वह पैसा अदा कर पा रहा था कुछ का नहीं। वह जिनका पैसा नहीं दे पा रहे थे वह लोग अपना पैसा मांगने के लिये अक्सर घर तक आ जाते थे। तगादगीरों के कारण राकेश परेशान रहने लगे थे। वह घर में अपने पुत्र से ही ज्यादा बात करते थे।
विनायकपुर के युवकों ने एक पखवारा पहले की थी अभद्रता
पुलिस को बताया गया है कि राकेश गौड़ ने विनायकपुर में रहने वाले कुछ लोगों से ब्याज पर पैसा ले रखा था। 15 दिन पहले 4 लोग विश्वविद्यालय के कैंपस में आए और राकेश से पैसे के मांग की पैसे का इंतजाम न होने के बात कहने पर इन लोगों ने पिता के साथ ज्यादा अभद्रता की और मारपीट करने के साथ ही इन्हें धमकी भी दी इसके बाद से राकेश ज्यादा तनाव में रह रहे थे और अाज उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुलिस का इस मामले में कहना है कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।