दीनू के साथियों में श्रोत गुप्ता का भी नाम,लग सकता गैंगस्टर

विकास वाजपेयी

कानपुर। पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद दीनू उपाध्याय का गैंग पंजीकृत करने की तैयारी की जा रही है। दीनू के मददगारों अथवा साथियों के रूप में पुलिस ने 15 लोगों की पहचान की है। इनमें एक समय शहर की राजनीति में प्रभावी रहे श्रोत गुप्ता का भी नाम शामिल होने की बात कही गई है। पुलिस इसकी तैयारी कर रही है कि दीनू के कारोबार में शामिल लोगों की गिरफ्तारी कर अथवा इनका वारंट लेकर इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जाए जिसके आधार पर दीनू का गैंग पंजीकृत किया जा सकता है।

दीनू के करीबी धीरज के खिलाफ गैरजमानती वारंट

भरोसेमंद पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो गैंगस्टर एक्ट के तहत गैंग घोषित करने से पहले गैंग के सभी सदस्यों की गिरफ्तारी अथवा संबंधित मुकदमों में आरोप पत्र लगना होता है, ऐसे में दीनू और सत्येंद्र त्रिवेदी के अतिरिक्त अन्य 13 अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस इस प्रयास में है कि इनकी गिरफ्तारी न होने पर जल्द ही कोर्ट से अभियुक्तों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू प्राप्त किया जाए। इसी क्रम में बुधवार को अदालत ने धीरज दुबे का गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है। धीरज के भाई नीरज दुबे की अग्रिम जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई होगी। इसके बाद नीरज तथा अन्य अभियुक्तों के एनबीडब्ल्यू के लिए प्रयास किया जाएगा।

दीनू की टीम के लिए गैंग शब्द का इस्तेमाल

पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू उपाध्याय के जेल जाने के बाद विभिन्न थानाक्षेत्रों में दीनू के साथ-साथ उसके साथियों के खिलाफ नामजद मुकदमें दर्ज किये गये। बुधवार को जारी प्रेस-नोट में दीनू उपाध्याय तथा उसके 14 साथियों को सामूहिक रूप से गैंग के रूप में संबोधित किया गया है। कमिश्नरेट पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो गैंग बनाकर जमीनों पर कब्जा करने और उगाही के लिए मारने-डराने-धमकाने की हरकत में दीनू उपाध्याय के साथ-साथ 14 अन्य लोग शामिल हैं। इनमें दीनू का सगा भाई संजय उपाध्याय तथा भतीजा मनु उपाध्याय के अलावा अरिदमन सिंह, धीरज दुबे, नीरज दुबे, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, नारायण सिंह भदौरिया, रामखिलावन, सत्येंद्र त्रिवेदी, अनूप शुक्ला और विकास ठाकुर विक्की, धर्मेंद्र सिंह धर्मू और श्रोत गुप्ता आदि का नाम सामने आया है।

कोई वूसली की कोशिश करे तो अफसरों को सूचना दें

पुलिस की मानी जाए तो पुलिस कमिश्नर को गोपनीय शिकायतों के आधार पर मालूम हुआ है कि, दीनू उपाध्याय से निकटता के कारण पुलिस कार्रवाई का खौफ दिखाकर कचहरी में उगाही की कोशिश जारी है। ऐसे मामलों के सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नरेट ने स्पष्ट किया है कि, दीनू उपाध्याय के साथ 14 अन्य नामों के अतिरिक्त किसी अन्य के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। उगाही की कोशिश करने वालों की शिकायत के लिए पुलिस कमिश्नर समेत आठ पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर सार्वजनिक करते हुए अपील की गई है कि रंगदारी अथवा उगाही की कोशिश करने वालों की शिकायत करें, ताकि संबंधित के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जा सके।

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