गर्मी में बढ़ रहे हेपेटाइटिस के मरीज,बचना हो तो यह करें

आलोक ठाकुर

इस बार गर्मी के मौसम में पेट की बीमारियां ज्यादा बढ़ रही हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। हैलट व उर्सला अस्पताल हो अथवा निजी चिकत्सक सभी के यहां ओपीडी में आने वाले मरीजों में अधिकांश संख्या पेट के बीमार लोगों को ही देखने को मिल रही है। कानपुर के दक्षिणी इलाके में ओपीडी करने वाले प्रमुख चिकित्सक डाक्टर अनिकेत त्रिपाठी का कहना है कि इस बार गर्मी के मौसम में पीलिया अथवा हैपेटाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ी है इसका प्रमुख कारण लोगों द्वारा दूषित खाने की वस्तुओं का सेवन करना तथा प्रदूषित पानी पीना है अगर लोगों को इस मौसम में गंभीर बीमारियों से बचना है तो उन्हें पीने तथा खाने की वस्तुएं तैयार करने अथवा पकाने में उबले पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिये साथ ही किसी भी हालत में सड़क पर ठेलों में खुले में बिकने वाले खाने के सामान का सेवन नहीं करना चाहिये ना ही कटे फलों का सेवन करना चाहिये। केवल उतना ही फल काटें जितना खाना हो।

नौतपा समाप्त होने के बाद और बढ़ी गर्मी

लोगों की मानी जाए सामान्य नौतपा को गर्मी के सबसे गर्म दिन माने जाते हैं लेकिन इस बार नौतपा में तो उतनी गर्मी नहीं पड़ी जितनी गर्मी पड़ने की लोग उम्मीद कर रहे थे औऱ इसकी तैयारी की थी लेकिन इस बार नौतपा के दिन बीतने के बाद कानपुर में कुछ ज्यादा ही गर्मी पड़ रही है और आने वाले तीन चार दिनों में और ज्यादा गर्मी पड़ने की बात कही जा रही है। इसे लेकर लोग तो सतर्क हो रहे लेकिन इस दौरान लिवर से संबंधित बीमारिया पीलिया, डायरिया के साथ ही हैपेटाइटिस के शिकार लोग भी कुछ ज्यादा ही डाक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि बढ़ती गर्मी का मौसम और बिगड़ते खान पान से युवाओ समेत बुजुर्ग वर्ग हेपेटाइटिस ए का शिकर हो रहे है। अगर इनके आंकडे की बात की जाये तो इनकी संख्या अभी फिलहाल 5 से 10 फीसदी तक ही है जो कि खान पान है। जीवन शैली को दुरूस्त नही किया तो यही प्रतिशत आगे बढ़ भी सकता है।

गर्मी के कारण बढ़ रहे हेपेटाइटिस ए के मरीज

पिछले करीब 11 साल से शहर के दक्षिणी इलाके में ओपीडी कर रहे प्रमुख फिजीशियन डाक्टर अनिकेत त्रिपाठी का कहना है कि गर्मी के बढ़ने का असर अब सीधे तौर पर लोगो हेपेटाइटिस ए देखने को मिल रहा है जिसका प्रमुख कारण हेपेटाइटिस ए वायरस (एचएवी) संक्रमण है,जो सामान्यतः दूषित भोजन का सेवन करने व प्रदूषित पानी पीने से यह फैलता है। वर्तमान में हेपेटाइटिस ए वायरस संक्रमित के मरीज बढ़े है। हेपेटाइटिस ए वायरस का संक्रामण व्यक्ति में मौजूद होता है और जब यह दूषित भोजन या पानी के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो संक्रमण फैलता है। साथ ही दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैल सकता है।

संक्रमित व्यक्ति हाथ साफ किये बगैर खाना बनता है तो हो सकता है संक्रमण

खासकर जब संक्रमित व्यक्ति उचित हाथ स्वच्छता का पालन नहीं करता है तब। वहीं बच्चे अक्सर स्वच्छता की कमी या दूषित भोजन के सेवन के कारण हेपेटाइटिस ए से संक्रमित हो जाते हैं। इसमें अगर कोई संक्रमित व्यक्ति हाथ धोए बिना खाना पकाता है तो वायरस उस खाने से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता हैय़ हेपेटाइटिस ए एक संक्रामक रोग है और इससे बचाव के लिए स्वच्छता, दूषित भोजन,दूषित पानी का सेवन हेपेटाइटिस ए का प्रमुख कारण है ।

यह लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क

आम तौर पर असामान्य थकान और कमज़ोरी कमजोरी महसूस होने लगे और अचानक ही मचली के साथ उल्टी व दस्त शुरू हों तो सतर्क हो जाना चाहिये यह बीमारी के लक्षण हो सकते हैं जो आगे नुकसान दायक साबित हो सकती है। इसके अलावा पेट में दर्द या बेचैनी होने लगे और भूख लगना कम हो जाए तोे इसे गंभीरता से लेकर डाक्टर से सलाह लेनी चाहिये। इसके अलावा हल्का पेशाब का रंग सामान्य रंग से ज्यादा गहरा हो जाए और जोड़ों मे दर्द बढ़ने लगे त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ने लगे तो यह पीलिया का लक्षण है इससे बचाव करना बहुत जरूरी होता है।

इन चीजों से बचकर किया जा सकता बीमारी से बचाव

प्रदूषित पानी से बचाव , बाजार में मिलने वाले कटे हुए फल, गन्ने का रस , बाहर का खुले में बनी हुई तथा रखी हुई खाने की वस्तुओं का सेवन करने से बचना चाहिये क्योंकि यह दूषित हो जाती है और यह बीमारी का प्रमुख कारण बन सकती है।

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