डंपर चालक ने लगाया ब्रेक तो पीछे से घुसा ट्रक केबिन में फंसकर चली गई चालक की जान

कानपुर कमिश्नरेट के घाटमपुर थानाक्षेत्र के जहांगीराबाद गांव के पास रास्ते से निकल रहे एक डंपर ने अचानक ही ब्रेक लगा दिया। अचानक ब्रेक ल गा देने से पीछे से आ रहा ट्रक डंपर में घुस गया जिससे भीषण दुर्घटना हुई औऱ ट्रक चालक केबिन में फंस गया। टक्कर इतनी तेज थी, कि ट्रक चालक केबिन में फंसे लगभग दो घंटे तक तड़पता रहा। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने क्रेन से केबिन खिंचवाकर चालक को बाहर निकालकर घाटमपुर सीएचसी पहुंचाया जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घाटमपुर से कानपुर की तरफ आ रहा था ट्रक

घाटमपुर थाना क्षेत्र के राजेपुर भदरस निवासी 35 वर्षीय दिनेश सिंह चौहान ट्रक चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। रविवार देर रात वह ट्रक लेकर घाटमपुर से कानपुर की ओर जा रहे थे, तभी घाटमपुर थाना क्षेत्र के जहांगीराबाद गांव के पास पहुंचते ही आगे चल रहे डंपर ने अचानक ब्रेक लगा दी। जिससे ट्रक अनियंत्रित होकर आगे चल रहे डंपर में जा घुसा। हादसे में ट्रक चालक केबिन में फंसकर लगभग दो घंटे तक तड़पता रहा। राहगीरों ने घटना की सूचना फोनकर पुलिस को दी। जानकारी मिलते मौके पर पहुंची पतारा चौकी पुलिस ने पीएनसी की क्रेन से ट्रक की केबिन खिंचवाकर चालक को घायल अवस्था में बाहर निकालकर घाटमपुर सीएचसी पहुंचाया। जहां डाक्टर ने चालक को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनो को सूचना देने के साथ चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस घटना की जांच पड़ताल कर रही है। घाटमपुर इंस्पेक्टर धनंजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि परिजनो को सूचना देने के साथ चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हाइवे पर दो घंटे ठहरा रहा यातयात

घटना के बाद हाइवे पर क्षतिग्रस्त वाहनों के खड़ा होने से एक लेन चलती रही, जिससे हाइवे पर लगभग दो घंटे तक यातयात ठहरा रहा। पुलिस ने पीएनसी की क्रेन की मदद से हाइवे पर खड़े क्षतिग्रस्त वाहनों को किनारे करवाकर यातयात बहाल कराया है। इस दौरान घाटमपुर की ओर जगन्नाथपुर और कानपुर की ओर पतारा तक जाम के हालात बने रहे। घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि क्षतिग्रस्त वाहनों को किनारे करवाकर हाइवे पर यातयात बहाल कराया गया है।

तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

ट्रक चालक दिनेश सिंह चौहान की मौत के बाद से पत्नी सुमन देवी का रो रोकर बुरा है। वह कहती है, कि अब उनके तीनों बच्चों का भरण पोषण कौन करेगा। रिश्तेदार पत्नी को सांत्वना दे रहे है। चालक की मौत से उसके तीन बेटे 12 वर्षीय भानु प्रताप सिंह, 10 वर्षीय पीयूष, 8 वर्षीय अभय और एक बेटी 7 वर्षीय निधि उर्फ पिंकी के सिर से पिता का साया उठ गया।

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