विकास वाजपेयी
पहलगाम में आतंकियों द्वारा किये गये हमले में मारे गये कानपुर के शुभम द्विवेदी घर शनिवार को असम सरकार के कैबिनेट मंत्री पहुंचे। उन्होंने परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने के साथ ही शुभम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। असम सरकार की तरफ से गहरी संवेदना व्यक्त करने के साथ ही कैबिनेट मंत्री ने शुभम के परिवार के सदस्यों को असम सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की।

असम सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री रंजीत कुमार दास ने आज उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित श्याम नगर में पहलगाम हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के निवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर राज्य की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की। शुभम द्विवेदी जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में 22 मई 2025 को हुए आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे। इस हमले में कुल 26 निर्दोष नागरिकों ने अपनी जान गंवाई थी।
कैबिनेट मंत्री ने शुभन की पत्नी ऐशान्यां द्विवेदी और परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधाया और राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा की तरफ से प्रेषित शोक संवेदनाएं भी व्यक्त कीं। इस अवसर पर रंजीत कुमार दास ने शहीद के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का चेक भी सौंपा।

आतंकी हमले को अमानवीय करार दिया
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि असम सरकार ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए इसे अमानवीय करार दिया और शहीदों के परिवारों के साथ एकजुटता प्रकट की है । असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने पहले ही इस हमले की निंदा करते हुए कहा था कि यह पूरे देश के लिए एक दुखद घटना है और शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस अवसर पर असम सरकार के प्रधान सचिव दिवाकर नाथ मिश्रा तथा मंत्री की पत्नी अंजुरानी बैश्य भी उपस्थित रहीं। मंत्री ने कहा कि असम की जनता शहीद शुभम द्विवेदी जैसे वीर सपूतों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगी।
राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि असम सरकार की संवेदनशीलता और राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राज्य की सीमाओं से परे जाकर किसी और राज्य के शहीद के परिजनों के साथ खड़ा होना असम सरकार की सहृदयता को उजागर करता है। यह न केवल शहीद के परिवार के प्रति सहानुभूति का प्रतीक है, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट राष्ट्र की भावना का परिचायक भी है। यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश करता है।