किशोरावस्था से अपराध जगत में सक्रिय हो गया था भाई को मारने वाला जितेन्द्र

सरस वाजपेयी

बादशाही नाका थानाक्षेत्र में बिजली के बिल के मामूली विवाद में छोटे भाई ब्रिजेन्द्र यादव की हत्या करने का आरोपित जितेन्द्र यादव किशोरावस्था से ही अपराध की गतिविधियों में लिप्त हो गया था। क्षेत्र में उसके दबदबे के कारण उस समय भी कोई ज्यादा कुछ बोलने की हिम्मत नही करता था और शनिवार को जब उसने अपने भाई पर सूजे से प्रहार किया तब भी कोई उसे पकड़ने की हिम्मत नही जुटा सका।

बादशाही नाका गुलियाना कई दशक से अपराधिक बाहुल्य क्षेत्र रहा है। यही अपना बचपना गुजारने वाला जितेन्द्र यादव किशोरावस्था में आते ही अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया और वह गुलियाना से कुछ दूर पर ही स्थित रेलवे माल गोदाम से सामान गायब कराने लगा। जिसे लेकर उसका क्षेत्रीय युवकों व गोदाम में सक्रिय दलालों से कई बार झगड़ा हुआ लेकिन इन घटनाओं की रिपोर्ट नही दर्ज की जाती थी। रिपोर्ट न दर्ज करने का एक कारण यह भी बताया गया है कि उस समय गुलियाना क्षेत्र में शहर के नामी अपराधियों की आवाजाही होती थी और वह दोनो पक्षों को डांट डपट देते थे। उन्हें इस बात का डर रहता था कि मुकदमेंबाजी होने पर पुलिक की गुलियाना क्षेत्र में बढ़ेगी जो उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

करीब 20 साल पहले की थी हत्या

जानकार पुलिस सूत्रों तथा क्षेत्रीय लोगों की मानी जाय तो जितेन्द्र यादव रेलवे माल गोदाम से सामान गायब कराते कराते प्रभावशाली हो गया था। इस काम में ही क्षेत्र में रहने वाले देवी दही वालो के परिवार का एक युवक भी सक्रिय था। जो साथी होने के साथ शरीर से भी मजबूत था। उसकी दखलनदाजी बढ़ने पर जितेन्द्र का प्रभाव कुछ कम होने लगा। इन दोनो गुटों के बीच दो चार बार मारपीट भी हुई। इसके बाद अपना दबाव बरकरार रखने के लिए करीब 20 साल पहले जितेन्द्र ने अपने कुछ साथियों की मदद से कोपरगंज चौराहे के पास देवी दही वाले के परिवार के इस युवक की सरेआम हत्या कर दी। जिसमें वह जेल गया।

आतंक बढ़ाने के लिए की थी हत्या करीब 15 साल रहा जेल में

जानकार क्षेत्रीय लोगों की मानी जाये तो जितेन्द्र ने अपने साथियों की मदद से प्रतिद्धंदी युवक की हत्या गुलियाना रेलवे गोदाम तथा कलेक्टर गंज बाजार में अपना आतंक बढ़ाने के मकसद से की थी, ताकि वह वसूली तथा अन्य जरायम बिना किसी विरोध के कर सके। भरी बाजार हुई इस हत्या की घटना में जितेन्द्र को पुलिस ने जेल भेजा। कहा जा रहा है कि हत्या के इस मामले में जितेन्द्र को सजा हुई और वह 15 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहा। कुछ समय पहले वह जेल से छूटकर आया और बर्फ का काम करने लगा। आज छोटे भाई से विवाद होने पर उसने बर्फ तोड़ने वाले नुकीले सूजे से गोदकर अपने छोटे भाई की हत्या कर दी।

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