निशंक न्यूज, कानपुर।
कानपुर में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही हैं। जिलाधिकारी द्वारा लगातार किये गये निरीक्षण में खामियां मिलने तथा अन्य शिकायतों पर सीएमओ को तो यहां से हटा दिया गया लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को एसीएमओ के निरीक्षण में लगभग हर स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर व कर्मचारी गायब मिलें जिनका वेतन काटने के आदेश दिया गया है।
सरसौल, पतारा और घाटमपुर में 70 से ज्यादा कर्मचारी गैरहाजिर

तीन दिन पहले ही जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने घाटमपुर जाते समय दो स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया तो यहां एक स्वास्थ्य केंद्र पर प्राइवेट कर्मी पर्चा बनाते मिला था। जिसे जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेकर सीएमओ को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के निर्देश दिये थे। जिलाधिकारी की नाराजगी के बाद सोमवार को कानपुर नगर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। सुबह 8:05 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरसौल में दो चिकित्साधिकारी और आयुष्मान मित्र अनुपस्थित मिले। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पतारा में सुबह 8 बजे किए गए निरीक्षण में स्थिति और गंभीर थी। यहां छह चिकित्साधिकारी, 15 नियमित और 12 संविदा कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर की हालत सबसे खराब
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेहरबान सिंह का पुरवा में तीन कर्मचारी अनुपस्थित थे। गुजैनी केंद्र में एक फार्मासिस्ट और डीटीसी गुजैनी में तीन कर्मचारी गैरहाजिर मिले। सबसे खराब स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घाटमपुर में देखी गई। यहां कुल 62 कर्मचारियों में से 42 कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित थे। अधिकारियों ने केंद्र में मरीजों से बात की, जिन्होंने किसी प्रकार की अवैध वसूली की शिकायत नहीं की। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में अनुपस्थित पाए गए कर्मचारियों और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही उनका एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए गए हैं। प्रातः 10:35 मिनट पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर परास का संयुक्त औचक निरीक्षण किया गया। वहां सी०एच०ओ० भारती सचान उपस्थित थी एवं ओ०पी०डी० कर रही थी। प्रातः 11:00 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरीपाल घाटमपुर का संयुक्त औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी समेत तीन कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सभी अनुपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने और एक दिन का वेतन अवरूद्ध करने हेतु निर्देश दिये गये।