जीआरपी ने तीन लावारिस बच्चे बरामद कर दिखाया मानवीय चेहरा

अमित गुप्ता

हमेशा स्टेशन परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने तथा लोगों को सुरक्षा का अहसास कराने के लिये दिन रात एक करने वाली राजकीय रेलवे पुलिस ने शुक्रवार को मानवीय चेहरा दिखाया। जीआरपी ने प्लेटफार्म दस पर बैठे तीन लावारिस बच्चों को बरामद कर इन्हें अभिभावक की तरह प्यार दिया बच्चों को खाने का सामान देने के बाद पूरे स्टेशन परिसर में इनके अभिभावकों को तलाशा गया लेकिन यह इनके अभिभावक नहीं मिले तो इन्हें चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया ताकि सामने आने पर बच्चों को इनके अभिभावकों के हवाले किया जा सके।

जीआरपी के यह रूप देख सराहना करते रहे यात्री

बताया गया है कि कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर लावारिस हालत में मिले तीन बच्चों को जीआरपी पुलिस ने बरामद कर उन्हें चाइल्डलाइन को सौप दिया। ऑपरेशन मुस्कान के तहत जीआरपी पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई पर रेल यात्रियों ने पुलिस की प्रशंसा की। जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह ने बताया कि पीआरबी 112 कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि प्लेटफार्म नंबर 10 पर 3 नाबालिक बच्चे लावारिस हालत में रो रहे हैं और अपना नाम पता नहीं बता पा रहे हैं।

कोई नहीं दे सका बच्चों की जानकारी

इस सूचना पर उप निरीक्षक सुनील कुमार व स्कार्ट टीम ने प्लेटफार्म की ड्यूटी मौजूद उपनिरीक्षक असलम खान तथा महिला आरक्षित सपना के साथ जाकर तीनों नाबालिक बच्चों को अपने संरक्षण में लिया और सभी प्लेटफार्म पर तथा सर्कुलेटिंग एरिया में बच्चों के माता-पिता की खोजबीन की गई तथा यात्रियों से भी उनकी जानकारी की गई। परंतु कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

जीआरपी ने तीनों बच्चों को किया चाइल्डलाइन के हवाले

इस पर प्लेटफार्म पर बने मेरी सहेली संस्था के कार्यालय में आरपीएफ महिला सिपाही सपना की सुपुर्दगी में बच्चों को बैठाया गया तथा बाद में इन तीनों बच्चों को चाइल्ड लाइन के सदस्य गौरव सचान व महिला सूची अवस्थी के हवाले कर दिया गया। जीआरपी प्रभारी ने बताया कि इन तीनों बच्चों के परिजनों के संबंध में जानकारी की जा रही है तथा जल्द ही बच्चों को उनके परिजनों के हवाले किया जाएगा।

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