निशंक न्यूज।
कानपुर। कानपुर के रिजवी रोड में रहने वाले कांग्रेस के प्रमुख नेता अब्दुल मन्नान का निधन हो गया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे अब्दुल मन्नान को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनियां गांधी का करीबी नेता माना जाता था। उनके निधन की जानकारी मिलते ही उनके तमाम समर्थक रिजवी रोड पहुंच गये। सोमवार की देर शाम उनका अंतिम संस्कार किए जाने की बात कही जा रही है।
मिलनसार मन्नान लड़े तीन बार विधानसभा का चुनाव

राजनीति के जानकार लोगो की मानी जाये तो करीब सात वर्ष तक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे अब्दुल मन्नान की हाईकमान में मजबूत पकड़ थी। अपने मिलनसार स्वभाव के कारण वह अन्य राजनीतिक दलो में सक्रिय लोगो के बीच भी लोकप्रिय रहे। कुछ स्थानीय नेताअों के विरोध के बाद भी कांग्रेस ने उन्हे जनरलगंज विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक का उम्मीदवार बनाया था। जिसमें वह कुछ मतो के अंतर से पराजित हो गये थे। आम जनता के बीच उनकी पैठ को देखते हुए कांग्रेस ने एक बार फिर उन्हें विधानसभा टिकट देकर छावनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा लेकिन इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।

वार्ड से राष्ट्रीय राजनीति तक रही सक्रियता
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे अब्दुल मन्नान के संबंध में कहा जाता है कि वह अपनो के बीच हमेशा सक्रिय रहते थे। उन्होंने मोहल्ले की राजनीति से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति तक वह सक्रिय रहे। वार्ड की राजनीति करने के बाद वह कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हुए इस दौरान उन्होंने बिजली व जनसमस्याअों को लेकर खाट बिछाव जैसे आन्दोलन पर आम लोगो के बीच सुर्खियां बटोरी। कानपुर की राजनीति के अलावा उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं के बीच अपनी पहचान बनायी। कांग्रेस के वरिष्ट नेता मणिशंकर अय्यर से उनके पारिवारिक ताल्लुकात थे। श्री अय्यर ने राजनीति में आगे बढ़ाने में उनकी बहुत मदद की। वार्ड की राजनीति से आग बढ़ने वाले अब्दुल मन्ना उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के चेयरमैन, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव भी रहे।

साथ छोड़ गया जमीन से जुडा नेता
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री तथा आलोक मिश्रा का कहना है कि अब्दुल मन्नान जमीन से जुड़े नेता था वह कांग्रेस कमेटी के करीब नौ साल जिलाध्यक्ष रहे और अपने कार्यकाल में संगठन को आगे बढ़ाने के लिये जनता की समस्याओं को जोरदारी से उटाया वह युवाओं को आगे बढ़ाते थे और समस्या आने पर उन्हें अभिभावक की तरह सलाह भी देते थे और हम लोगों ने जमीन से जुड़े नेता को खो दिया जिसकी कमी पूरा करना मुश्किल होगा।