विकास वाजपेयी
कानपुर। पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय व उसके करीबी नारायण भदौरिया पर एक और मुकदमा लिखा गया है। यह मुकदमा शहर के विधनू थाने में लिखा गया। इस मामले में शहर के विधनू थाना क्षेत्र में रहने वाले देशराज यादव को 2 सालों की मशक्कत के बाद आखिर पुलिस से न्याय मिला। कभी अपने रसूख से नेताओं और अधिकारियों को जेब में रखने वाले एडवोकेट दीनू उपाद्धयाय के खिलाफ एक और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक दीनू और नरायण सिंह भदौरिया ने किसान को धोखा देकर उसकी करोड़ो की जमीन के एग्रीमेंट के कागज को बैनामें में बदलवा दिया और जब पीड़ित ने इसकी शिकायत की तो परिवार सहित हत्या की धमकी देकर मामले को दबा दिया।
लड़की की शादी तय होने पर मजबूरी में किया था जमीन का सौदा
मामला जनवरी 2022 का है। विधनू थाना क्षेत्र में पड़ने वाले गढ़वा मझावन गांव में देशराज यादव का परिवार रहता है। परिवार में लड़की की शादी तय होने पर परिवार ने एक राय होकर सड़क के किनारे पड़ने वाली 6 बीघा जमीन को बेचने का मन बनाया। इस संबंध में देशराज अपने भाइयों के साथ किदवई नगर में रहने वाले नरायण सिंह भदौरिया से मिले जिसने उनको कचहरी में एडवोकेट दीनू से मिलवाया। 40 लाख प्रति बीघा के हिसाब से जमीन की बात तय हुई। साथ में यह भी तय हुआ कि जमीन का एग्रीमेंट के तौर पर 25.50 लाख रुपए दिये जाएंगे। 9.50 लाख का चेक से भुगतान तय हुआ।
पहले बैनामा कराया फिर कमी बताकर चेक भी वापस ले ली
देशराज ने पुलिस को बताया कि उनको कोर्ट कचहरी के मामलों की ज्यादा जानकारी नहीं थी इसका फायदा उठाकर दीनू और नारायण भदौरिया ने अपने साथियों के साथ एग्रीमेंट की जगह पूरी जमीन का बैनामा करा लिया और चेक भी कुछ कमी बताकर वापस ले लिया। जब परिवार के लोगों ने जमीन का बाकी पैसा लेकर बैनामा करवाने की दीनू से बात की तो उसने कहा कि बैनामा तो पहले ही हो चुका है और यदि दोबारा कचहरी में कही दिखाई दिए तो परिवार सहित गायब कर दिए जाओगे। इसके बाद देशराज यादव न्याय की गुहार लगाते हुए थाने और अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे लेकिन दीनू और नरायण भदौरिया के रसूख के कारण उनको कही न्याय नहीं मिला। किसी तरह जब मामला उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा तो विधनू थाने में दीनू और नारायण भदौरिया के साथ उनके सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।