अमित गुप्ता
कानपुर। श्याम नगर क्षेत्र में एक घर से करीब 75 लाख रुपये की चोरी करने वाले शातिर दिमाग निकले। इन चोरों ने जेवरात पर लोन देने वाली मणिप्पुरम कंपनी के एक अधिकारी को भी अपने गिरोह में मिला लिया। चोरों का यह गिरोह कुछ समय के अंतराल में ही घर में रखा जेवरात तथा नगदी गायब कर देता था। जरूरत भर का जेवरात बेंचने के बाद शेष सोने को यह गिरोह अपने साथी मणिप्पुरम कंपनी के अधिकारी की मदद से कंपनी में गिरवी रखकर पैसा ले लेते जिससे पैसा भी तुरंत मिल जाता और बार बार बाजार के चक्कर काटने से चेहरा होनी की संभावना भी कम हो जाती। गिरोह के साथ सदस्य पुलिस की जांच में सामने आए जिनमें अधिकांश को गिरफ्तार कर पुलिस ने चुनौती बने चोरो के इस छुपारुस्तम गिरोह का खुलासा कर दिया।
श्याम नगर में 75 लाख की चोरी करने वाले पकड़े गए
पकड़े गये चोरों से पुलिस को पता चला कि सरगना और दो चेले तिजोरी का ताला खोलकर अथवा तोड़कर इसका माल साफ करने में माहिर थे। यह तीनों जिस घर को निशाना बनाते सिर्फ सात मिनट में किसी भी सूने मकान की तिजोरी का पूरा माल गायब कर देते। पुलिस द्वारा पकड़े गए सात लोगों में दो सुनार हैं, जोकि चोरी का माल गलाने और खपाने की जिम्मेदारी निभाते थे। गिरोह का एक सदस्य वारदात के समय घर के आसपास आने जाने वालों पर नजर रखता था और चोरी के बाद तुरंत ही वारदात में शामिल लोगों को यहां से लेकर सुरक्षित स्थान पर छोड़ने का काम करता था। गिरोग में शामिल सात सदस्यों में एक सोना गिरवी रखा पैसा देने वाली प्रतिष्ठित मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में सहायक ब्रांच प्रमुख के पद पर कार्यरत है। ज्यादा मुनाफा के चक्कर में गोल्ड लोन कंपनी पुख्ता कागजात बगैर सोना गिरवी रखकर लोन बांटने से परहेज नहीं करती थी। कारण यह कि, चोरी के माल के एवज में बतौर कर्ज मोटी रकम मिलने के बाद अधिकांश मामलों में सोना वापस लेने कोई नहीं आता है।
फाइनेंस कंपनी की सभी ब्रांच में होगी पड़ताल
चोरी का सोना खरीदने में मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की संलिप्तता सामने आने के बाद पुलिस ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर नजर गड़ाई है। अपने संपर्क सूत्रों के माध्यम से पुलिस को पता चला है कि गिरवी रखने वाले माल की बाजारी कीमत के मुताबिक, 75 फीसदी तक कर्ज मांगने वालों से तमाम कागजात दिखाने व उनकी पड़ताल कराने की शर्त रखी जाती है लेकिन जो भी व्यक्ति जरूरत मंद बनकर जाता और आसानी से ही माल की कीमत से 30-35 फीसद पैसा मिलने पर ही सहमति जताता है तो ऐसे व्यक्ति से कंपनी के लोग सिर्फ आधार-कार्ड की छायाप्रति जमा कर उसका लोन स्वीकृत कर पैसा देते हैं। चोरी के माल के एवज में रकम हासिल करने वाला व्यक्ति अक्सर कर्ज चुकाकर सोना वापस लेने नहीं आता है। इस तथ्य़ के उजागर होने के बाद गोल्ड लोन कंपनियों की पड़ताल करने का फैसला किया गया है। चकेरी एसीपी अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि, फिलहाल मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की शहर की सभी शाखाओं में बांटे गए गोल्ड लोन के कागजात जांचे जाएंगे। शक की बुनियाद पर कर्ज लेने वालों की छानबीन होगी।
आधार-कार्ड दिखाकर मणिप्पुरम से दिलाया कर्ज
श्यामनगर के रामपुरम में 28-29 जून की रात में एक के सूने घर से 70 लाख रुपए कीमत का सोना-चांदी चुराने के बाद गैंग के सरगना शिवम ने अपने शागिर्दों में काबिलियत के हिसाब से बंटवारा कर दिया। इसके बाद अपने हिस्से का कुछ सोना शुक्लागंज में रहने वाले सुनार संजय सोनी को गलाने के लिये पैसा ले लिया। संजय ने चोरी का माल गलाने के बाद चौक-सर्ऱाफा के व्यापारी निमिष गुप्ता को औने-पौने में बेच दिया। दूसरी ओर, सरगना शिवम तथा उसके खास हिमांशु गौतम और रोहन सचान ने अपने हिस्से का सोना बाजार में बेचने के बजाय गोल्ड लोन के जरिए रकम जुटाने का रास्ता अपनाया। गैंग के सदस्य हरिओम की मणिप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की मालरोड शाखा के सहायक ब्रांच प्रमुख रोहित दुबे से दोस्ती-यारी थी। सौदा तय हुआ और सिर्फ आधार-कार्ड की छायाप्रति जमा कराने के बाद 15 लाख के सोना के एवज में साढ़े चार लाख रुपए बतौर कर्ज दिया गया।
शिवम है सरगना और हरिओम जुगाड़बाज
चोरों पूछताछ में पुलिस को पता चला कि शिवम गैंग का सरगना और शातिर चोर है। कर्रही रोड-बर्रा का हिमांशु गौतम और रोहन सचान उसके खास हैं इन तीनों पर कई मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह का दस्य हरिओम कार ड्राइवर होने के साथ-साथ वारदात के वक्त निगरानी का काम करता है। इसके अतिरिक्त चोरी का माल ठिकाने लगाने के लिए उसके पास तमाम जुगाड़ हैं। मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी के सहायक ब्रांच प्रमुख रोहित दुबे की हरिओम से दोस्ती-यारी थी। इसी संबंध के नाते सोना खरीदारी के कागजात बगैर सोना गिरवी रखकर धड़ल्ले से लोन दिया जाता था।
आपरेशन त्रिनेत्र से मिली सफलताः डीसीपी
शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत कदम-कदम पर स्थापित सीसीटीवी फुटेज और कैमरों में कैद कार के नंबर से चोरों को पकड़ने में कामयाबी मिली है। इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के संबंध में जानकारी करने के साथ ही चोरों ने जो बातें बताई हैं उसकी भी पड़ताल कर आगे काम करने के लिये पुलिस टीम को लगाया गया है। चोरी का माल बरामद करने के साथ सभी अभियुक्तों को सिर्फ सात दिन में गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
चोरी के जेवरात रख मणिप्पुरम कंपनी से ले लेते थे लोन
अमित गुप्ता
कानपुर। श्याम नगर क्षेत्र में एक घर से करीब 75 लाख रुपये की चोरी करने वाले शातिर दिमाग निकले। इन चोरों ने जेवरात पर लोन देने वाली मणिप्पुरम कंपनी के एक अधिकारी को भी अपने गिरोह में मिला लिया। चोरों का यह गिरोह कुछ समय के अंतराल में ही घर में रखा जेवरात तथा नगदी गायब कर देता था। जरूरत भर का जेवरात बेंचने के बाद शेष सोने को यह गिरोह अपने साथी मणिप्पुरम कंपनी के अधिकारी की मदद से कंपनी में गिरवी रखकर पैसा ले लेते जिससे पैसा भी तुरंत मिल जाता और बार बार बाजार के चक्कर काटने से चेहरा होनी की संभावना भी कम हो जाती। गिरोह के साथ सदस्य पुलिस की जांच में सामने आए जिनमें अधिकांश को गिरफ्तार कर पुलिस ने चुनौती बने चोरो के इस छुपारुस्तम गिरोह का खुलासा कर दिया।
पकड़े गये चोरों से पुलिस को पता चला कि सरगना और दो चेले तिजोरी का ताला खोलकर अथवा तोड़कर इसका माल साफ करने में माहिर थे। यह तीनों जिस घर को निशाना बनाते सिर्फ सात मिनट में किसी भी सूने मकान की तिजोरी का पूरा माल गायब कर देते। पुलिस द्वारा पकड़े गए सात लोगों में दो सुनार हैं, जोकि चोरी का माल गलाने और खपाने की जिम्मेदारी निभाते थे। गिरोह का एक सदस्य वारदात के समय घर के आसपास आने जाने वालों पर नजर रखता था और चोरी के बाद तुरंत ही वारदात में शामिल लोगों को यहां से लेकर सुरक्षित स्थान पर छोड़ने का काम करता था। गिरोग में शामिल सात सदस्यों में एक सोना गिरवी रखा पैसा देने वाली प्रतिष्ठित मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में सहायक ब्रांच प्रमुख के पद पर कार्यरत है। ज्यादा मुनाफा के चक्कर में गोल्ड लोन कंपनी पुख्ता कागजात बगैर सोना गिरवी रखकर लोन बांटने से परहेज नहीं करती थी। कारण यह कि, चोरी के माल के एवज में बतौर कर्ज मोटी रकम मिलने के बाद अधिकांश मामलों में सोना वापस लेने कोई नहीं आता है।
फाइनेंस कंपनी की सभी ब्रांच में होगी पड़ताल
चोरी का सोना खरीदने में मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की संलिप्तता सामने आने के बाद पुलिस ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर नजर गड़ाई है। अपने संपर्क सूत्रों के माध्यम से पुलिस को पता चला है कि गिरवी रखने वाले माल की बाजारी कीमत के मुताबिक, 75 फीसदी तक कर्ज मांगने वालों से तमाम कागजात दिखाने व उनकी पड़ताल कराने की शर्त रखी जाती है लेकिन जो भी व्यक्ति जरूरत मंद बनकर जाता और आसानी से ही माल की कीमत से 30-35 फीसद पैसा मिलने पर ही सहमति जताता है तो ऐसे व्यक्ति से कंपनी के लोग सिर्फ आधार-कार्ड की छायाप्रति जमा कर उसका लोन स्वीकृत कर पैसा देते हैं। चोरी के माल के एवज में रकम हासिल करने वाला व्यक्ति अक्सर कर्ज चुकाकर सोना वापस लेने नहीं आता है। इस तथ्य़ के उजागर होने के बाद गोल्ड लोन कंपनियों की पड़ताल करने का फैसला किया गया है। चकेरी एसीपी अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि, फिलहाल मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की शहर की सभी शाखाओं में बांटे गए गोल्ड लोन के कागजात जांचे जाएंगे। शक की बुनियाद पर कर्ज लेने वालों की छानबीन होगी।
आधार-कार्ड दिखाकर मणिप्पुरम से दिलाया कर्ज
श्यामनगर के रामपुरम में 28-29 जून की रात में एक के सूने घर से 70 लाख रुपए कीमत का सोना-चांदी चुराने के बाद गैंग के सरगना शिवम ने अपने शागिर्दों में काबिलियत के हिसाब से बंटवारा कर दिया। इसके बाद अपने हिस्से का कुछ सोना शुक्लागंज में रहने वाले सुनार संजय सोनी को गलाने के लिये पैसा ले लिया। संजय ने चोरी का माल गलाने के बाद चौक-सर्ऱाफा के व्यापारी निमिष गुप्ता को औने-पौने में बेच दिया। दूसरी ओर, सरगना शिवम तथा उसके खास हिमांशु गौतम और रोहन सचान ने अपने हिस्से का सोना बाजार में बेचने के बजाय गोल्ड लोन के जरिए रकम जुटाने का रास्ता अपनाया। गैंग के सदस्य हरिओम की मणिप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की मालरोड शाखा के सहायक ब्रांच प्रमुख रोहित दुबे से दोस्ती-यारी थी। सौदा तय हुआ और सिर्फ आधार-कार्ड की छायाप्रति जमा कराने के बाद 15 लाख के सोना के एवज में साढ़े चार लाख रुपए बतौर कर्ज दिया गया।
शिवम है सरगना और हरिओम जुगाड़बाज
चोरों पूछताछ में पुलिस को पता चला कि शिवम गैंग का सरगना और शातिर चोर है। कर्रही रोड-बर्रा का हिमांशु गौतम और रोहन सचान उसके खास हैं इन तीनों पर कई मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह का दस्य हरिओम कार ड्राइवर होने के साथ-साथ वारदात के वक्त निगरानी का काम करता है। इसके अतिरिक्त चोरी का माल ठिकाने लगाने के लिए उसके पास तमाम जुगाड़ हैं। मणिप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी के सहायक ब्रांच प्रमुख रोहित दुबे की हरिओम से दोस्ती-यारी थी। इसी संबंध के नाते सोना खरीदारी के कागजात बगैर सोना गिरवी रखकर धड़ल्ले से लोन दिया जाता था।
आपरेशन त्रिनेत्र से मिली सफलता
शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत कदम-कदम पर स्थापित सीसीटीवी फुटेज और कैमरों में कैद कार के नंबर से चोरों को पकड़ने में कामयाबी मिली है। इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के संबंध में जानकारी करने के साथ ही चोरों ने जो बातें बताई हैं उसकी भी पड़ताल कर आगे काम करने के लिये पुलिस टीम को लगाया गया है। चोरी का माल बरामद करने के साथ सभी अभियुक्तों को सिर्फ सात दिन में गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।