तारीख: 8 मई 2025
लेखक: Nishant

नई दिल्ली – भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि जब बात अपने नागरिकों की सुरक्षा की आती है, तो न तो सरहद की दूरी कोई मायने रखती है और न ही हालात की जटिलता। ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता सिर्फ एक बचाव मिशन नहीं, बल्कि भारतीय सेना की बहुआयामी ताकत और मानवीय संवेदनशीलता का प्रमाण है।
हर मोर्चे पर तैयार है भारत
चाहे वो दुश्मन की गोली हो या आपदा की घड़ी—भारतीय सेना हर चुनौती का डटकर मुकाबला कर रही है। ऑपरेशन सिन्दूर के जरिए न सिर्फ भारतीय नागरिकों को हिंसाग्रस्त श्रीलंका से सुरक्षित निकाला गया, बल्कि यह भी साबित किया गया कि भारत की सेनाएं न सिर्फ युद्ध भूमि में बल्कि संकट में फंसे नागरिकों की जीवन रक्षा में भी सबसे आगे हैं।
सरहद की रक्षा से लेकर सेवा तक
जहां एक ओर जवान सीमाओं पर तैनात होकर देश की रक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वो हेलीकॉप्टर, युद्धपोत और एयरलिफ्ट मिशनों के जरिए नागरिकों के जीवन की रक्षा कर रहे हैं। INS Sumitra और भारतीय वायुसेना के विमानों ने यह साबित कर दिया कि भारत सिर्फ लड़ना ही नहीं जानता, बल्कि समय पर सेवा भी करना जानता है।
भारतीयों का बढ़ता भरोसा
ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता के बाद देशभर में गर्व और आत्मविश्वास की लहर दौड़ गई है। हर भारतीय को इस बात पर नाज़ है कि उनकी सेना हर चुनौती के लिए तैयार है—चाहे वो दुश्मन हो या संकट।
सरकार और सेना का तालमेल
विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना के बीच तालमेल की वजह से यह मिशन बेहद कम समय में पूरा किया गया। हर विभाग ने अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाया, जो भारत की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक है।
✨ निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिन्दूर ने यह साबित कर दिया कि भारत की ताकत सिर्फ उसकी मिसाइलों में नहीं, बल्कि उसकी मनोबल, सेवा भावना और मानवता में भी है। सरहद हो या सेहत, दुश्मन कोई भी हो—भारत हर समय मुकाबले के लिए तैयार है।