आलोक ठाकुर
कानपुर : सुबह से मौसम सुहावना था। बारिश के आसार कम ही नजर आ रहे थे। रक्षा बंधन को लेकर खरीदारी के लिए लोग निकले। दोपहर करीब दो बजे साफ नजर आने वाला आसमान काली घटा से घिर गया और शुरू हो गई घनघोर बारिश। करीब तीन घंटे की बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया। इस दौरान जो जहां था, उसके कदम वहीं थम गए। वाहनों की रफ्तार थम गई। हर सड़क और गली में जलजमाव नजर आने लगा। निचले इलाके की सड़कें तालाब बन गईं। लोगों के घरों तक में पानी भर गया। कल-कारखानों में मशीनें बंद हो गईं। जहां भी छाया नजर आई, राहगीरों ने वहीं शरण लेने की कोशिश की पर भीगने से नाकाम रहे। करीब तीन घंटे बाद बारिश थमते ही लोगों ने आगे बढ़ने की कोशिश की पर जलजमाव ने हर प्रयास नाकाम कर दिए। कुछ देर बाद सड़कों पर जमा पानी कम हुआ तो वाहनों की रेलमपेल के बीच चारों तरफ जाम नजर आने लगा।
दोपहर से छाई घनघोर घटा, जमकर बरसे बदरा
दोपहर करीब दो बजे आसमान में काली घटा घिर आई और देखते ही देखते बारिश शुरू हो गई। कुछ ही देर में घनघोर बारिश के चलते सड़कें जलमग्न हो गईं। चौपहिया वाहन के चालक लाइट जलाकर चलने को मजबूर हुए। रफ्तार के बजाए वाहन रेंगते हुए निकले। इसके इतर जलजमाव ने दोपहिया वाहन चालकों के हौसले पस्त कर दिए और वे जहां जगह मिली, वहीं रुकने को मजबूर हो गए। करीब आधा घंटे की बारिश में ही चारों तरफ तालाब नजर आने लगा। दक्षिण क्षेत्र से लेकर पाश इलाके मालरोड तक की सड़कों पर जलजमाव नजर आने लगा। परिवार के साथ खरीदारी को निकले लोग दुकानों या मकानों के छज्जे के नीचे शरण लेने को मजबूर हुए। दक्षिण के किदवई नगर, साकेत नगर, गोविंद नगर, बर्रा, रतनलाल नगर, नौबस्ता, यशोदा नगर से लेकर हर इलाके में चारों तरफ केवल पानी ही पानी नजर आने लगा। यही हाल मालरोड, पांडु नगर, स्वरूप नगर जैसे इलाकों का भी रहा।
पानी में फंसी बाइक दे गई धोखा
साकेत नगर निवासी बाबी श्रीवास्तव परिवार के साथ खरीदारी करने के लिए गोविंद नगर गए थे। मौसम के आसार खराब होता देख वह बच्चों को लेकर घर लौटने को मजबूर हुए। हालांकि घर पहुंचने की कोशिश कामयाब नहीं हो सकी और झमाझम बारिश में ही एक अपार्टमेंट की पार्किंग में रुकने को मजबूर हूुए। बारिश बंद होते ही घर को चले तो दीप सिनेमा रोड पर जमजमाव के बीच बाइक ने धोखा दे दिया और परिवार समेत पानी के तालाब में ही फंस गए। बाबी तो एक उदाहरण हैं, दर्जनों लोगों की बाइक व स्कूटी ने जलजमाव में फंस धोखा दिया और लोग अपना वाहन घसीटते नजर आए। सबसे बुरा हाल महिलाओं और बच्चों का हो गया। ऐसा नजारा किसी एक सड़क पर नहीं बल्कि शहर की कमोवेश हर सड़क पर नजर आया।
तेज बारिश और हवा से गिरे पेड़ के नीचे मिले दो शव
मंगलवार को जूही ढाल क्षेत्र में सड़क के किनारे बने रैंप पर स्थित एक विशाल एवं पुराना पाकर का पेड़ अचानक सड़क की ओर गिर गया था, जिससे समीप लगे दो विद्युत खंभे भी क्षतिग्रस्त होकर गिर गए। स्थानीय पुलिस द्वारा इस घटना की तत्काल सूचना संबंधित विभागों को दी गई थी, और उद्यान विभाग द्वारा मौके पर पेड़ की कटाई एवं सड़क से मलबा हटाने का कार्य निरंतर किया जा रहा था।
आज छह अगस्त को इस गिरे हुए पेड़ की जड़ों के समीप नीले त्रिपाल के नीचे दबे दो अज्ञात शवों की सूचना प्राप्त हुई । सूचना प्राप्त होते ही मौके पर पहुंचकर 02 हाइड्रा मशीनों की सहायता से पेड़ की जड़ों को हटवाया गया, जिसके पश्चात नीले त्रिपाल के भीतर दबे हुए दो शव बरामद किए गए।मौके पर फील्ड यूनिट को बुला कर पंचायतनामा व अन्य विधिक कार्यवाही की गई।
बच्चों व युवाओं ने उठाया बरखा का लुत्फ
सावन के अंतिम दिनों में हुई घनघोर बारिश का बच्चों और युवाओं ने जमकर लुत्फ उठाया। गली-मोहल्ले की तालाब बनी सड़कें जहां बच्चों के लिए पूल बन गईं, वहीं युवा वर्ग साथियों के साथ मस्ती में झूमते नजर आया। ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे पर राकेश, सुरेश और बउवा झमाझम बारिश में भीगने के बाद सड़क किनारे लगे ठेले पर गर्मा गर्म पकौड़ों का लुत्फ ले रहे थे। मूसलाधार बारिश की बात सुनते ही बोले, भइया इस मौसम में बारिश नहीं होगी तो क्या लू चलेगी? अब ऐसी बरसात का भी मजा नहीं लिया जाए तो क्या घर के अंदर बैठें। वहीं ऊंची सड़कों पर काम पानी देख युवा साथियों के साथ बाइक पर फर्राटा भरते नजर आए।
घरों के अंदर घुसा पानी
बारिश में ध्वस्त ड्रेनेज व्यवस्था ने घनी बस्तियों के बाशिंदों के लिए आफत बरपा दी। घरों के अंदर पानी भर गया। नालियों की गंदगी घर में तैरती नजर आई। घर-गृहस्थी का सामान बर्बाद हो गया।