अमित गुप्ता
कानपुर के प्रसिद्ध कानपुर ऑर्थोपेडिक सर्जन डाक्टर अभिषेक त्रिवेदी ने कमाल कर दिया। जो अभी तक पूरे उत्तर प्रदेश में नहीं हुआ था वह उन्होंने कर दिया और सत्तर साल के उस कैंसर पीड़ित को फिलहाल वॉकर के सहारे चला भी दिया जिसका पैर काटने की बात कही जा रही थी। पैर काटने की बात सुनकर भयभीत मरीज ने भी डाक्टर का साहस बढ़ाया जिससे वह इतना बड़ा आपरेशन करने से सफल रहे। यह आपरेशन किया गया मालरोड कानपुर में स्थित नार्थ स्टार हास्पिटल में। इस सफलता के लिये अस्पताल के निदेशक शोभित जायसवाल ने बुके देकर डाक्टर को सम्मानित किया।
कैंसर से खराब हो गई थी जांघ की हड्डी
ऑर्थोपेडिक्स के मशहूर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ अभिषेक त्रिवेदी द्वारा नाथ हॉस्पिटल में 70 वर्षीय लखनऊ निवासी राजेश सक्सेना के पूर्व में कैंसर होने का कारण जांघ की पूरी हड्डी खराब हो गई थी। जिसके कारण उनका चलना फिरना भी बंद हो गया था। तब नॉर्थ स्टार के डॉक्टर अभिषेक त्रिवेदी द्वारा घुटने तक पूरी जांघ बदलकर एक विशेष कीर्तिमान बनाया। हम आपको बता दें इस तरह की जटिल सर्जरी जो सफलतापूर्वक करने वाले प्रदेश के अंदर पहले डॉक्टर डॉक्टर अभिषेक त्रिवेदी ऑर्थोपेडिक सर्जन बन चुके हैं। इससे पहले या विशेष सर्जरी उत्तर प्रदेश में कभी किसी ने नही की है।
ऐसी सर्जरी के लिये कानपुर के मरीजों को जाना पड़ता बाहर

अभी तक इस तरह की सर्जरी करने के लिए लोगों को बड़े शहरों की राह देखनी पड़ती थी परंतु अब डॉक्टर अभिषेक त्रिवेदी ने यह साबित कर दिया है कि बाहर जाने की आवश्यकता नहीं जो इलाज और सर्जरी आपके शहर में डॉक्टर के द्वारा सफलता पूर्वक करने के पश्चात लोगों में नई उम्मीद जगी है। कैंसर अथवा किसी भी कारण से कोई हड्डी खराब हो जाती है तो अब उसके लिए हमें बाहर के अस्पतालों में परेशान होने की जरूरत नहीं है अपने ही शहर में जो ऑर्थोपेडिक्स के स्पेशल डॉक्टर अभिषेक त्रिवेदी हैं उनके द्वारा सर्जरी करवा के चलने और सामान्य जीवन की उम्मीद की जा सकती है ।
स्थूल से लेकर घुटने तक पूरी जांघ बदली
पत्रकार वार्ता में डाक्टर अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि लखनऊ में रहने वाले राजेश सक्सेना को कुछ डाक्टरों ने सुधार न होने पर पैर काटा जा सकता है। इसके बाद से श्री सक्सेना परेशान थे। उन्हें कूल्हें से लेकर घुटना तक जांघ तीनों एक साथ बदलने की बात कही गई तो वह इस आपरेशन के लिये यह कहकर तैयार हो गए कि टांग काटी जाए इससे बेहतर है कि सर्जरी करा ली जाए। उनका साहस देख आपरेशन पर सहमति बनी और भगवान की कृपा से आपरेशन सफल रहा। अब श्री सक्सेना वाकर के सहारे चलने भी लगे हैं। उनकी उम्र ही सत्तर साल की है वह दौड़ तो नहीं सकते लेकिन आपरेशन के बाद वह आसाम से सामान्य व्यक्ति की तरह चल सकते हैं। उन्होंने कहा कि नॉर्थ स्टार हॉस्पिटल हुए इस आपरेशन में स्थूल से लेकर घुटने तक पूरी जांघ बदली गई है इस आपरेशन से उन्हें भी संतोष हुआ और आत्मविश्वास भी बढ़ा है।