वेद गुप्ता
कानपुर जेल का प्रशासन पवित्र रक्षा बंधन के पर्व पर भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती देगा। महिला बंदियों में देश व समाज प्रेम की भावना जगाने के लिये यहां महिला बंदियों से राखी तैयार कराई जा रही है। रक्षा बंधन पर भाई-बहन अपने प्यार को बांट सके इसके लिये मिलाई की विषेश व्यवस्था की जा रही है। जो महिला बंदी हैं उनके भाई अलग से कतार में जाकर बहन से राखी बंधवा सकेंगे और जो पुरुष बंदी हैं उनकी बहनों को भी जेल में भाई को राखी बांधने व टीका करने का पूरा समय दिया जाएगा। बंदियों को भी घर के माहौल की कमी महसूस न हो इसके लिये रक्षा बंधन के दिन भोजन भी अन्य दिनों से अलग बनाने की तैयारी की गई है।

नौ अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक है पूर्णिमा
भाई -बहन के प्यार व एक दूसरे को जीवन में मजबूती देने का पर्व रक्षाबंधन इस बार नौ अगस्त को मनाया जा रहा है। कानपुर के प्रमुख ज्योतिषाचार्य पंडित पवन तिवारी के अनुसार रक्षाबंधन का यह पर्व सावन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इस वर्ष आठ अगस्त की दोपहर करीब दो बजे से लगने वाली पूर्णिमा की तिथि 9 अगस्त दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी। इससे साफ है कि रक्षाबंधन के लिये नौ अगस्त को दोपहर तक सबसे उपयुक्त महूर्त है। इसके चलते माना जा रहा है कि ज्यादातर भाई बहनों का प्रयास रहेगा कि सुबह से दोपहर 1:24 बजे के पहले ही रक्षा सूत्र बांध लिया जाए।
जेल में महिला बंदियों से बनवाई गई राखी

बताया गया है कि जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने कानपुर में तैनाती के बाद से ही महिला बंदियों को स्वावलंबी बनाने के साथ ही इन्हें समाज व देश से जोड़ने के लिये कई कार्यक्रम चलाए अभी कुछ दिन पहले ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिये महिला बंदी बैरक में सिलाई मशीन लगवाई गईं ताकि किसी कारण वश में जेल में आने वाली महिलाएं सिलाई-कढ़ाई का काम सीख लें और जेल से छूटने के बाद अपना रोजगार कर समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन करने के साथ ही स्वावलंबी भी बन सकें। इस तरह इस बार पवित्र रक्षा बंधन के त्योहार में भी महिलाओं का हुनरमंद करने का प्रयास किया गया। जेल में निरुध 80 महिला बंदियों को राखी बनाने की जिम्मेदारी दी गई। यह महिला बंदी अब तक करीब साढ़े तीन सौ राखी बना चुकी हैं जिन्हें समाज व देश सेवा से जुड़े लोगों को देने के लिये एक एनजीओ ने ले लिया। महिला बंदियों को राखी बनाने का मेहनताना भी दिलाए जाने की तैयारी है ताकि वह बाहर निकलकर भी त्योहार में यह काम कर अपना खर्च निकाल सकें।
सुबह आठ बजे से शुरू की जाएगी मिलाई
इस पावन पर्व पर जिला कारागार में निरुध महिला व पुरुष बंदियों को अपने भाई अथवा बहन से मिलने तथा इनका टीका करने अथवा राखी बांधने में कोई दिक्कत न हो और भाई-बहन पूरे मनोयोग से त्योहार मना सकें इसके लिये जेल प्रशासन ने तय किया है कि रक्षा बंधन के दिन सुबह आठ बजे से ही मिलाई शुरू करा दी जाए ताकि बहनें जेल में निरुध अपने भाई को आकर बिना दिक्कत के टीका कर रक्षा सूत्र बांधकर इनसे सुरक्षा के साथ ही सुधरने का भी वचन ले सकें। सुबह आठ बजे से मिलाई शुरू कराने का एक कारण इस दिन पूर्णिमा दोपह करीब डेढ़ बजे तक ही पड़ रही है और इस दौरान ही रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है। जेल में निरुध महिला बंदियों से मिलने को आने वाले भाइयों की अलग कतार लगवाकर इन्हें बहन से टीका कराने का समय दिया जाएगा।
वैध आईडी व आधार कार्ड लाना होगा जरूरी
इस दिन मिलाई करने वालों की संख्या ज्यादा होने की संभावना के चलते सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह व्यवस्था की गई है कि जो भी अपने भाई अथवा बहन से त्योहार पर मिलना चाहता है उसे अपने वैध आई़डी व आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। इसे देखकर ही जेल में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही जेल में उस दिन बंदियों का घर की कमी का अहसास न हो इसके लिये भोजन भी त्योहार के हिसाब से ही तैयार कराने की तैयारी है।
अपराध से दूर रहने का वचन लें बहनें- जेल अधीक्षक
इस संबंध में जेल अधीक्षक बीडी पांडेय का कहना है कि रक्षा बंधन भाई-बहनों के प्यार का पवित्र पर्व है। इस दिन हर बहन अपने भाई को टीका कर रक्षा सूत्र बांधना चाहती है इस दिन जेल में निरुध बंदियों को टीका करने को आने वाली बहनों को कोई दिक्कत न हो इसके लिये तय किया जा रहा है कि सुबह आठ बजे ही बहनों की मिलाई शुरू करा दी जाए। जो बहन पहले आएगी वह पहले अपने भाई को टीका कर सकेगी। इस तैयारी के साथ ही जेल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। इस दिन भीड़ ज्यादा होगी इसके लिये जो भी मिलाई करने आएगा उसे अपनी वैध आईडी तथा अाधार कार्ड लाना जरूरी होगा। सब लोग हंसी खुशी से त्योहार मना सके इसके लिये पूरी तैयारी की जा रही है। जेल में मिलने को आने वाली बहनों को प्रेरित किया जाएगा कि वह अपने भाई से अपराध से दूर रहने तथा जेल से छूटने के बाद सामाजिक कार्यों में लगने का संकल्प लें।