अमित गुप्ता
निशंक न्यूज कानपुर।
पिंटू सेगर हत्याकांड में जेल जाने के बाद धोखाधड़ी तथा वसूली सहित दबाव बनाकर कई लोगों की जमीन कब्जाने के कई मुकदमों में नामजद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय का भौकाल आज पुलिस ने कचहरी में भी खत्म कर दिया। पुलिस नवाबगंज थाने में दर्ज एक मुकदमें में तलबी कराने के लिये दीनू को कचहरी लगाई और मुख्य द्वार पर गाड़ी से उतचाने के बाद उसे पैदल ही अदालत परिसर तक ले गई। जिस कचहरी में दीनू के पहुंचने पर उसे सलाम ठोकने वालों की कतार लगती थी वहां आज वह बस कुछ लोगों के साथ था। करीब पौन घंटे तक कचहरी परिसर में रखने के बाद पुलिस ने दीनूं को पुनः जेल में दाखिल कर दिया। कोर्ट परिसर में इस दौरान बार एसोसिएशन के महामंत्री अमित सिंह लायर्य एसोसिएशन के महामंत्री अभिषेक तिवारी बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री दिनेश शुक्ला आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस दौरान यहां मौजूद भारी पुलिस बल हर एक गतिविधि पर पैनी नजर रखे रहा पुलिस ने गुपचुप तरीके से दीनू को जेल से कचहरी ले जाने और यहां से वापस जेल में दाखिला करने तक हर गतिविधि की गुपचुप तरीके से वीडियोग्राफी भी कराई।
गढ़ में पहले ही खत्म करा चुकी है पुलिस दीनू का रुतबा।
बताते चलें कि पिछले दिनों पुलिस ने पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल गए अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के रिमांड में लेकर उसके गढ़ में उसका रुतवा खत्म किया था। पुलिस रिमांड पर लेने के बाद दीनू को उसके गढ़ रैना मार्केट ले गई थी यहां वह लोग भी दीनू से मुंह चुराकर दूसरी तरफ निकल रहे थे जो दीनू के रैना मार्केट पहुंचने पर उसकी सेवा में लगते थे अथवा उपना चेहरा दिखाने के लिये आगे अागे रहने का प्रयास करते थे। रैना मार्केट के बाद पुलिस दीनू को उसके गढ़ नवाबगंज तक पैदल ही ले गई थी। नवाबगंज दीनू का गढ़ के साथ ही घर भी रहा है और यहां की अधिकांश पंचायते वह अपने दरबार में ही निपटा लेता था लेकिन जब वह रिमांड के दौरान यहां पहुंचा तो वह लोग भी उसकी तरफ देखने को तैयार नहीं थे जिनके कई काम दीनू अपने रुतबे के चलते बात बात में निपटा चुका था। गढ़ में ही अपना रुतबा खत्म होने से दीनू परेशान था और उसने पुलिस के सामने भी अपनी पीड़ा बताई थी।
गुरुवार को खत्म किया कचहरी में भौकाल
बताया गया है कि गुरुवार को पुलिस मुकदमें में तलभी कराने के लिये दीनू को कचहरी लेकर पहुंची। दीनू को उम्मीद थी कि कचहरी में उससे मिलने के लिये कई अधिवक्ता मौजूद रहेंगे लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। शाम करीब पांच बजे पुलिस दीनू को जेल से लेकर कचहरी पहुंची। यहां कचहरी गेट पर पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी से उतरवाया और यहां से पैदल ही दीनू को संबंधित अदालत तक ले गई। कचहरी की जिन गलियों में दीनू का भौकाल था और कई जूनियर अधिवक्ता उसे पांव छूते थे उन्हीं गलियों में दीनू से बात करने वाला तक कई नहीं था।़
अदालत में कही अधिवक्ता को परेशान करने की बात
पेशी के दौरान मौजूद एसीपी कोतवाली आशुतोष सिंह ने कहा कि कचहरी में आधिवक्ता मौजूद थे। यहां दीनू ने रोते हुए स्वंय के अधिवक्ता होने और अधिवक्ता को परेशान करने की बात कही। अदालत नें तलबी कराने के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया।