सलाखों के पीछे पहुंचा जज्बातों से खेलने वाला जालसाज

आलोक ठाकुर

कानपुर। शहर के नवाबगंज थानाक्षेत्र में रहने वाला एक नटवर लाल इतना शातिर निकला कि कई लड़कियां उसके जाल में फंस गईं। वह स्वयं को कभी जज तो कभी आईएएस अथवा पीसीएस अफसर युवतियों को जाल में फंसाता और शादी का झांसा देकर उनके जज्बातों से खेलने के बाद अपने सम्मोहन में लेकर उनसे पैसे ठगने के बाद गायब हो जाता। वर्तमान में उन्नाव जनपद में रहने वाले इस जालसाज ने जज बनकर शिक्षा विभाग की एक अधिकारी महिला को जाल में फंसाया और उससे करीब साठ लाख रुपये ठग लिये। इस जालसाज से गलती यह हो गयी कि ठगी की यह घटना उसने कानपुर में की। कानपुर कमिश्नरेट की सर्विलांस टीम ने उसे खोज निकाला और इस जालसाजी में उसका साथ देने वाली उसकी दूसरी पत्नी के साथ दबोचकर सलाखों के पीछे डाल दिया। पुलिस ने उसके पास से एक कार तथा ठगी के करीब 42 लाख रुपये भी बरामद कर लिये।

नवाबगंज में कपड़े की दुकान करता था जालसाज

पुलिस के हाथ लगे इस जालसाज के संबंध में बताया गया है कि वह कानपुर के नवाबगंज थानाक्षेत्र में थाने के पास ही कपड़े के दुकान करता था। जल्द ज्यादा कमाने के चक्कर में कपड़े की दुकान चलाने वाला विष्ण शंकर गुप्ता जरायम की दुनिया में उतर गया उसने कमाई करने का अनोखा तरीका निकाला। वह मेट्रीमोनियल साइट्स पर अपना प्रोफाइल डालकर शादी करने के लिये इस साइट पर आने वाली युवतियों को जाल में फंसाने का काम करता। इसके लिये वह स्वयं को कभी जज बताता तो कभी सरकारी अफसर। जालसाजी के जिस मामले में वह इस बार पकड़ा गया उसमें उसने स्वयं को जज बताते हुए अपना नाम अंशुमान विक्रम बताया और अपनी तैनाती सीतापुर में होने की बात कही।

जज बनकर डाली प्रोफाइल, नर्सिंग अफसर फंस गई जाल में

पुलिस की मानी जाए तो इस साइट पर ही लखनऊ के एक बड़े अस्पताल में तैनात नर्सिंग अफसर का भी प्रोफाइल पड़ा था। नर्सिंग अाफीसर के घर वाले भी उसके लिये योग्य जीवनसाथी की तलाश कर रहे थे। उन्हें जज का प्रोफाइल पसंद आया तो बाद आगे बढ़ाई गई। घर वालों की सहमति के बाद नर्सिंग अाफीसर तथा स्वयं को जज बताने वाले जालसाज से बातचीत शुरू हुई। शातिर दिमाग विष्णु ने कुछ समय में ही नर्सिंग आफीसर को अपनी बातों में फंसा लिया और दोनों अक्सर बात करने लगे। दो महीने की प्यारी-प्यारी बातों में अंशुमान विक्रम यानी विष्णु ने पल्लवी का भरोसा जीत लिया था। फिर उसने अपने रुतबे के मुताबिक एक करोड़ कीमत वाली महंगी कार खरीदने की बात नर्सिंग अाफीसर से कही। यह भी कहा कि वह इतनी मंहगी कार लेगा तो विभाग में उसे भ्र्ष्ट मान लिया जाएगा। स्वयं को ईमानदार दर्शाकर उसने नर्सिंग आफीसर से पैसे मांगे को आफीसर ने 15 लाख रुपये ही पास होने की बात कही इसके बाद जालसाज में युवती के नाम 45 लाख रुपये को बैंक से पर्सनल लोन करा दिया।

रेव-3 में फिल्म देखने गया और यहीं से पैसा लेकर भाग गया

डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि खाते में लोन की रकम आने के बाद जालसाज विष्णु ने नर्सिंग आफीसर से आग्रह किया कि, खाते में पहले से जमा 15 लाख रुपए सहित कुल 60 लाख लेकर कानपुर आ जाए यहीं से वह कार लेगा। उसकी बातों में आकर युवती सात सितंबर को 59.50 लाख रुपये लेकर चारबाग से झकरकटी बस स्टैंड पहुंचीं और फोन पर बात करने के बाद चुन्नीगंज स्थित शनिदेव मंदिर पहुंचीं । जहां से दोनों मूवी देखने पहुंचे। दोनों ने फिल्म बीच में ही छोड़ दी। इसके बाद जालसाज गाड़ी लाने की बात कहकर बाहर निकला और पैसा लेकर भाग गया। इस दौरान वह युवती को फोन कर बताता रहा कि जाम लगा होने के कारण गाड़ी लाने में देर हो रही है। जब वह रेव से काफी दूर पहुंच गया तो उसने अपना फोन बंद कर लिया। इस मामले में कर्नलगंज में मुकदमा दर्ज हुआ था।

नर्सिंग आफीसर की बहन को भी ठगा था

पुलिस की मानी जाए तो ठगी का शिकार नर्सिंग आफीसर का वेतन करीब एक लाख रुपये महीने है।ठगी गई युवती ने पुलिस को बताया कि ठगी के बाद जानकारी की तो मालूम हुआ कि, विष्णुशंकर ने कुछ साल पहले उसकी बहन को भी ऐसे ही ठगा था। कानपुर की सर्विलांस टीम ने अपने संपर्क सूत्रों व जानकारों की मदद से जालसाज तथा उसकी पत्नी को दबोचकर इनके पास से ठगे गए रुपयों में करीब 42.50 लाख रुपए तथा अर्टिगा कार बरामद की।

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