कमल के सहारे किसानों को आर्थिक मजबूती देने की तैयारी

निशंक न्यूज।

कानपुर। शासन ने कमल के फूल के सहारे नून नदी के किनारे रहने वाले किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके लिये मंडलायुक्त ने नून नदी के आसपास के कमल के फूल खिलाने की योजना को अमली जाम देना शुरू किया है।

बिल्हौर तहसील क्षेत्र के शिवराजपुर ब्लाक अंतर्गत रामपुर नरूवा से बहने वाली नून नदी दुर्दशा का शिकार होकर सूखने की कगार पर थी। सरकार की पहल से डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीडीओ दीक्षा जैन ने इसके पुनरुद्धार की तरफ कदम बढ़ाए। गत फरवरी में जमीनी स्तर पर पुनरुद्धार अभियान का आगाज किया गया। तकरीबन चार महीने में एक हजार मनरेगा मजदूरों की मदद से नदी के करीब 25 किमी अवरुद्ध भाग को सुचारु करने में कामयाबी हासिल हुई। इससे नदी के बहाव ने तेजी पकड़ ली। वहीं, बुधवार को नदी के उद्गम स्थल चड़ारी तालाब पर मंडलायुक्त विजयेंद्र पाण्ड्यन व सीडीओ दीक्षा जैन की अध्यक्षता में कमल के बीज की रोपाई की गई। कार्यक्रम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं शान्त्योदय स्वयं सेवी संगठन द्वारा आयोजित हुआ। इस मौके पर मंडलायुक्त ने कहा गया कि बीते दिनों बिठूर के एक महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मखाने का उत्पादन का अनुरोध किया, वर्तमान समय में उस महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मखाने के विभिन्न किस्मों का उत्पादन करते हुए लगभग चार करोड़ रुपए वार्षिक जुटाए जा रहे है। उन्होंने इसी के जैसे मौजूदा समूह की महिलाओं को कार्य करने की प्रेरणा दी और अपेक्षा की कि कमल की खेती के साथ-साथ मखाने का उत्पादन करने व उसकी प्रोसेसिंग हेतु यूनिट स्थापित की जाएगी। सीडीओ ने बताया कि कमल की खेती में ब्लाक अंतर्गत दो ग्राम पंचायतों से पांच समूह की 56 महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत दो सप्ताह में तैयार पौध को रोपित किया गया। बताया कि नून नदी के पुनरुद्धार कार्यक्रम के शुरुआत से ही मंडलायुक्त का लगातार दिशा-निर्देशन प्राप्त होता रहा है। मनरेगा के श्रमिकों द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया गया। कार्य में लगे 851 श्रमिकों को 1.22 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की गयी, जिससे एक ओर स्थानीय रोजगार में वृद्धि हुयी। उन्होंने आगामी कार्य योजना के हवाले से बताया कि उद्गम स्थल के समीप प्रत्येक एक किमी पर मील का पत्थर लगाया जायेगा, इससे नदी की दूरी के बारे में अंकन होगा। निकट भविष्य में नून नदी के मुख्य जल स्रोत कन्हैयाझाल को संरक्षित करने और टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने की रूपरेखा बनाई जा रही है। अफसरों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और नून नदी को संरक्षित करने में सहयोग की अपील की। पुनरुद्धार कार्यक्रम के सहयोगियों को प्रशस्ति पत्र सौंपे गए। इस मौके पर मंडलायुक्त व सीडीओ के अलावा परियोजना निदेशक डीआरडीए आलोक कुमार सिंह, एसडीएम संजीव दीक्षित, ब्लॉक प्रमुख शुभम बाजपेई, बीडीओ आदि मौजूद रहे।

अटल आवासीय विद्यालय की व्यवस्था देखी

कमल बीजारोपण कार्यक्रम के बाद मंडलायुक्त व सीडीओ का काफिला रामपुर नरूआ में बने अटल आवासीय विद्यालय जा पहुंचा। यहां विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान स्टडी क्लास रूम में नेट कनेक्टविटी नहीं पाई गई, जिसके क्रम में प्रधानाध्यापक द्वारा अवगत कराया गया कि नेट कनेक्टिविटी हेतु वायरिंग समस्त कक्षाओं में नहीं हुई है। क्लास रूम में लगी लर्निग डिस्पले में पाठ्यक्रम से सम्बन्धित पठनीय पी0डी0एफ0 ही उपलब्ध पाई गई, जबकि उक्त पाठ्यक्रम से सम्बन्धित वीडियो इत्यादि भी लर्निग डिस्पले में डाउनलोड होने चाहिए थे। बच्चों के खेलने हेतु बनाये गये क्रीडा-स्थल के निर्माण में अप्रयुक्त बजरी इत्यादि को मैदान में डम्प किया गया। मंडलायुक्त ने व्यवस्थाओं में सुधार के लिए उचित दिशा निर्देश दिए।

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