ओ पी पाण्डेय
अलीगढ। अपनी कार्यप्रणाली के कारण आम जनता के बीच लोकप्रिय बने वाराणसी के सिटी मजिस्ट्रेट रवि शंकर सिंह का कहना है कि जनसेवा के प्रति जुनून ही उन्हें देश व जनहित में कठोर निर्णय लेने की प्रेरणा व हिम्मत देता है। जनपद वाराणसी के सिटी मजिस्ट्रेट जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन कर्मठता एवं लगनशीलता से ओतप्रोत उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार एवं ईमानदारी के लिए पूरे प्रदेश में चर्चित वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी रविशंकर सिंह की धर्मपत्नी डिप्टी कंट्रोलर के पद पर नरौरा बुलंदशहर में तैनात है, उनके परिवार में लगभग सभी लोग उत्तर प्रदेश शासन में उच्च पदों पर आसीन है ।
गाजीपुर के किसान परिवार से जुड़े हैं सिटी मजिस्ट्रेट
उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर के जमानिया तहसील क्षेत्र के गांव गायघाट के मूलनिवासी पीसीएस रवि शंकर सिंह जी का जन्म 7 जून 1966 में एक बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनके बाबा एक साधारण किसान थे तथा उनके पिता रेलवे विभाग में नौकरी करते थे । उनकी माता जी धार्मिक प्रवृति की एक घरेलू महिला थी । परिवार के संस्कारों ने उनके अंतश में सामाजिक मूल्यों की जो ज्योति आलोकित की, उसे रवि शंकर सिंह जी ने सदैव जीवंत रखा। प्रशासनिक सेवा में आने के लिए रवि शंकर सिंह को उनके ताऊ राम उपदेश सिंह जी (आईएएस) ने प्रेरित किया, जो स्वयं मुख्य सचिव बिहार के पद पर रहे चुके हैं। सन 1961 बैच के वरिष्ठ आईएएस राम उपदेश सिंह जी ने आईएएस बनने के बाद अपने पूरे कार्यकाल में घोर ईमानदारी एवं लगनशीलता तथा कर्मठता एवं कठिन परिश्रम के साथ जनता की सेवा मैं तन मन के साथ जुट गए थे ।
ताऊ से प्रेरित होकर चुना ईमानदारी का रास्ता
बिहार के मुख्य सचिव रहे अपने ताऊ से प्रेरित होकर रवि शंकर सिंह जी ने पीसीएस की परीक्षा पास करने के बाद आजीवन ईमानदारी, कर्मठता लगनशीलता के साथ राष्ट्रसेवा एवं जनसेवा के जुनून में सरोबर होकर समाज के गरीब, कमजोर वर्ग के लोगों की समस्याओं का समाधान कर उनके जीवन स्तर को उज्जवल बनाने की शपथ लेकर जी जान से जनसेवा में जुट गए । यही उनके जीवन की प्राथमिकता एवं उद्देश्य है । पीसीएस में अपने चयन के लिए वह अपने पारिवारिक परिवेश की महत्ता को स्वीकार करते हुए स्पष्ट कहते हैं कि परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला है। मनुष्य अपने भविष्य का स्वयं निर्माता और नियंता है। जो अपने वर्तमान से पराजित हो जाएगा वह अपने भविष्य की आधारशिला को कदापि सुदृढ़ नहीं कर सकता। स्वर्णिम भविष्य के निर्माण के लिए अपने वर्तमान से समर आवश्यक है। निर्भीकता को अपना हथियार बनाओ और समरक्षेत्र में अपनी समग्र क्षमता से युद्धरत हो जाओ।
साक्षात्कार के समय पीसीएस रविशंकर सिंह ने नवयुवकों को संदेश देते हुए कहा कि किसी भी सफल व्यक्तित्व के जीवन-चक्र का अवलोकन और मंथन करके देखिए तो आप निष्कर्षतः एक ही तथ्य पाएंगे कि समझौते के बादल नहीं हैं उनकी जिंदगी में बल्कि संघर्षों के कठोर धरातल पर निर्मित होती है उनकी जिंदगी। वह संघर्ष से यदि पराजित हो जाते तो इतिहास के किसी पृष्ठ पर उन में से किसी का नाम अंकित नहीं होता। इतिहास में स्वर्णिम पृष्ठ उन्होंने ही लिखे हैं जिन्होंने संघर्ष से अपने जीवन की विपरीत परिस्थितियों की दशा और दिशा बदली है। उन्होंने सदैव हालातों को हराया है, परिस्थितियों को पराजित किया है।
हरिनाम सिंह की कार्य प्रणाली ने किया प्रेरित
उन्होंने बताया कि वह अलीगढ़ , भदोही, इलाहाबाद, मेरठ ,उन्नाव, मुजफ्फरनगर ,आगरा, मथुरा एवं बुलंदशहर मे अपनी उच्चकोटि की सेवाएं प्रदान कर चुके हैं । एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि सीनियर पीसीएस अधिकारी हरनाम सिंह जी उत्तर प्रदेश के निर्भीक अधिकारियों में से एक थे , मैं उनकी कार्यप्रणाली से बहुत ही प्रभावित हुआ उन्हीं को अपना आदर्श एवं पथ प्रदर्शक मानते हुए उनके सानिध्य में रहकर सरकारी सेवा में राजनीतिक दबाव को दरकिनार कर जनता से जुड़े सही काम को करने की एक-एक बारीकी सीखी है । गुरु हरनाम सिंह जी की बदौलत ही वह आज अपने कामों में खरे उतरते हैं । ज्ञातव्य हो कि सीनियर पीसीएस अधिकारी हरनाम सिंह जनपद अलीगढ़ में अपर जिलाधिकारी नगर एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व पद को लंबे समय तक रह चुके है ।
जनता के हित की रक्षा करना सर्वोपरि
वाराणसी के सिटी मजिस्ट्रेट रवि शंकर जी ने बताया कि जनता के हित को सर्वोपरि मानते हुए,उनके हितो की सदैव रक्षा करने के लिए वह तत्पर है उन्हें यह प्रेरणा उत्तर प्रदेश के चर्चित सीनियर पीसीएस अधिकारी हरनाम सिंह जी से मिली है। जिन्होंने जनमानस मे अपनी एक अलग छवि बनाई थी । रवि शंकर जी ने बताया कि इससे पूर्व अलीगढ़ में तैनाती के दौरान उनके द्वारा समाज के सबसे निचले स्तर पर जीवनयापन कर रही जनता के जीवनस्तर को उज्जवल बनाने के लिए उनके द्वारा उप जिलाधिकारी कोल एवं उप जिलाधिकारी अतरौली के पद पर किए गए कार्यों को आज भी अलीगढ़ जनपदवासी याद कर भावुक हो जाते हैं । उन्होंने बताया कि उनके गुरु हरनाम सिंह जनपद अलीगढ़ में जन जन मे जनप्रिय थे । जन सेवा के लिए हर समय तत्पर रहने वाले में अधिकारी के रूप में हरनाम सिंह सदैव उत्तर प्रदेश राज्य के कोने -कोने में जाने जाते रहेंगे।
जिस देश का बचपन सुरक्षित वह देश हमेशा मजबूत
एक प्रश्न का जवाब देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट रविशंकर सिंह जी ने बताया कि मेरा व्यक्तिगत मानना है कि किसी भी कर्मचारी पर नियंत्रण रखने एवं शासन के अनुरूप कार्य कराने के लिए सबसे पहले स्वयं को उनका अनुपालन करना एवं स्वयं को पूर्ण रूप से ईमानदारी के साथ अनुशासित रखना अनिवार्य है । किसी भी कर्मचारी से सकारात्मक सोच के साथ सकारात्मक दिशा में प्रेरित कर शासन के अनुरूप ही कार्य करवाना चाहिए जिससे शासन की मंशा के अनुरूप शासन की योजनाओं का लाभ समाज के सबसे निचले तबके अर्थात समाज के निम्न वर्ग अर्थात आखरी तबके तक के लोगों तक पहुंचाया जा सके । उन्होंने बताया कि कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं जिन्हें कई- कई बार सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने के बावजूद भी उनमें अपेक्षित सुधार नहीं होता है तो उनके लिए दण्ड का विधान भी है ,ऐसी नकारा कर्मचारियों को कठोर से कठोर दण्ड से दण्डित करना चाहिए जिससे भविष्य में कोई और कर्मचारी नकारा कर्मचारी की प्रवृत्ति की पुनरावृत्ति ना कर सके । इसके साथ-साथ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कर्तव्य के प्रति अपना नजरिया भी ईमानदार होना जरूरी है। अंत में जनता को संदेश देते हुए कहा कि मेरा यकीन है कि जिस भी देश का बचपन सुरक्षित है उस देश का भविष्य भी स्वयं ही सुरक्षित होगा। विधार्थी जीवन में कठिन परिश्रम करो सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी यही सफलता की असली कुंजी है।
