जन नायक के गढ़ से मोदी ने साधा तीस सीटों पर निशाना

निशंक न्यूज डेस्क

कानपुर। जन नायक के रूप में चर्चित लोकप्रिय नेता कर्पूरी ठाकुर के गढ़ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एनडीए के चुनावी अभियान की शुरुआत की। 2025 विधानसभा चुूनाव में अपनी पहली चुनावी सभा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिलांचल की करीब तीस सीटों पर निशाना साधा। मिथिलांचल को एनडीए का गढ़ माना जाता है। पिछले यानि 2920 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने यहां की तीस में 22 सीटों पर जीत दर्ज कर महागठबंधन को करारा झटका दिया था। इस बार एनडीए यहां अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने के साथ ही इससे भी बेहतर प्रदर्शन करने की रणनीति बनाकर काम कर रही है।

कर्परी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद पहली बार पहुंचे मोदी

पिछले चुनाव से इस चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने जननायक के रूप में चर्चित नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजा। इससे मिथिलांचल में भाजपा की छवि और बेहतर हुई लेकिन कर्पूरी ठाकुर के भारत रत्न देने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां नहीं पहुंचे थे और लोग इनका इंतजार कर रहे थे। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के चुनावी अभियान की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर के गढ़ को ही चुना और वह शुक्रवार को समस्तीपुर से चुनावी अभियान की शुरुआत करने पहुंचे। जननायक के गढ़ में चुनावी सभा करने का मकसद मिथिलांचल की 30 सीटों पर एनडीए की पकड़ मजबूत करना रहा और इसमें वह काफी हद तक सफल भी रहे। इस रैली में विकास और सामाजिक समीकरणों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

मिथिलांचल में हुई प्रधानमंत्री की चौथी सभा

बताया गया है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मौदी यहां चौथी सभा करने पहुंचे तो लोगों में उत्साह था। प्रधानमंत्री ने भी यहां से लोगों के मन की ही बातकर इनका काफी हद तक विश्वास जीत लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समस्तीपुर के दुधपुरा से सभा करने के यही मायने निकाले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री की समस्तीपुर में यह चौथी सभा रही। इसके पहले वह दो बार समस्तीपुर के जितवारपुर और एक बार सरायरंजन में सभा को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने समस्तीपुर से मिथिलांचल की 30 सीटों पर सामाजिक समीकरण को साधकर एनडीए को काफी हद तक मजबूती दी। इससे एनडीए के खेमे में उत्साह बढ़ गया और यहां के रास्ते ही वह विधानसभा चुनाव में अपनी बढ़त का आंकलने करने लगे। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद प्रधानमंत्री पहली बार जननायक की जन्मभूमि पर पहुंचे।

पीएम मोदी का मिशन मिथिलांचल

एनडीए मिथिलांचल के क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत करने की रणनीति बनाकर काम कर रही है। इसी के तहत प्रधानमंत्री की पहली सभा मिथिलांचल में रखी गयी इसका प्रमुख कारण यह भी रहा कि पिछेले विधानसभा चुनाव में एनडीए ने यहां की तीस सीटों में 22 सीटों पर जीत दर्झ की थी और महागठबंधन को केवल आठ सीट पर ही विजय मिल सकी थी। मिथिलांचल से जुड़े तीन जिलों में 2020 के चुनाव में 22 सीट एनडीए के पास रही तो 8 सीट महागठबंधन के पास। दरभंगा में 9, मधुबनी में 8 और समस्तीपुर में पांच सीट मतदाताओं ने एनडीए के उम्मीदवारों को जिताया था। समस्तीपुर की स्थिति सबसे खराब रही थी। यहां की दस विधानसभा में आधी-आधी की हिस्सेदारी रही थी। एक बात साफ है कि पीएम मोदी के इस दौरे से जहां दरभंगा-मधुबनी की खोयी हुई दो-दो सीटों पर फिर से एनडीए को जीत दिलाने की होगी वहीं समस्तीपुर में पांच से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य भी होगा।

पिछड़ा वर्ग को दिया अपनत्व का संदेश

राजनीति के जानकारों की मानी जाए तो समस्तीपुर को चुनावी राजनीति का केंद्र बनाकर पीएम मोदी एक बड़ा संदेश अति पिछड़ा समाज को दे गए। प्रधानमंत्री ने पिछड़ा वर्गे के लोगों को अपनत्व का संदेश देकर एनडीए उम्मीदवार को मजबूती देने में काफी हद तक सफलता हासिल कर ली।

बिहार की राजनीति में धुरी रहे कर्पूरी ठाकुर

17 फरवरी 1988 में जननाायक कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु के साथ ही वे बिहार की राजनीति के केंद्र बिंदु बन गए। लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का। सभी चुनाव में इनके नाम को सभी ने भुनाया। यहां तक कि ताउम्र कांग्रेस विरोध का झंडाबरदार बने रहे कर्पूरी ठाकुर के विचारों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषणों में शामिल किया। वर्षों तक इन्हें भारत रत्न देने के नाम पर राजनीति होती रही। इसे देकर भी केंद्र की मोदी सरकार ने सारे विरोधियों के बाल को अपने पाले में कर लिया। इस कारण पीएम मोदी की समस्तीपुर में उपस्थति मात्र से विरोधियों में काफी छटपटाहट है।

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