सीबीएसई 2025 के इन होनहारों ने छू लिया आसमां, बढ़ाया स्कूल का मान

सीबीएसई 10वीं व 12वीं का 2025 परीक्षा परिणाम जारी कर चुका है। इसमें कानपुर के कई मेधावियों ने अपना परचम फहराया है। इन्हीं में वीरेंद्र स्वरूप स्कूल की नित्या रस्तोगी, लाफिंग बुद्धा एकेडमी के छात्र रघुनाथ शरण शुक्ला और वुडबाइन गार्डेनिया स्कूल के शुभांक अग्निहोत्री भी शामिल हैं। इन विद्यार्थियों ने न सिर्फ स्कूल का नाम रोशन किया है बल्कि अपने माता पिता का भी मान बढ़ाया है। परीक्षा परिणाम आने के बाद से उनके घरों में बधाइयों का दौर चल रहा है।

डाक्टर दंपती की बेटी ने बायलॉजी में हासिल किए 99 अंक

किदवई नगर निवासी नित्या रस्तोगी वीरेंद्र स्वरूप स्कूल की छात्रा हैं और 12वीं में बायलॉजी में सौ में 99 अंक हासिल करके डाक्टर बनने की राह पर कदम रखा है। नित्या के पिता डा. रमित रस्तोगी कानपुर में एसीएमओ हैं और मां डा. प्रमिदा चंद्रा अपना क्लीनिक चलाती हैं। नित्या का कहना है कि वह डाक्टर बनना चाहती है। नित्या ने आेवरआल 92.6 फीसद अंक हासिल किए हैं, जिसमें बायलॉजी में 99, अंग्रेजी में 98 तथा केमेस्ट्री में 96 फीसद अंक हैं।

माता पिता को दिया सफलता का श्रेय

बचपन से पढ़ने में रुचि रखने वाली नित्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता तथा स्कूल की मैम को दिया। नित्या का कहना है कि माता पिता ने कभी ज्यादा पढ़ने का दबाव नहीं डाला, उनका यह कहना था कि वह जितना समय पढ़े मन से और एकांचित्त होकर ही पढ़ाई करे। नित्या को नृत्य तथा संगीत में भी खासी रुचि है। उनका कहना है कि नृत्य से एकाग्रता आती है। वीरेंद्र स्वरूप स्कूल से पहले वह सेंट मैरी स्कूल कैंट में पढ़ती थीं।

व्यस्तता के बीच निकाला समय

नित्या के पिता डा. रमित रस्तोगी एसीएमओ हैं और उनकी व्यस्तता अधिक रहती है, इसके बाद भी वह रोज शाम को घर आने के बाद बेटी नित्या से पढ़ाई के संबंध में बात जरूर करते और उत्साह बढ़ाते रहे। मां डा. प्रमिदा चंद्रा भी मरीजों की सेवा के चलते व्यस्त रहती थीं लेकिन वह बेटी को स्कूल छोड़ने जातीं और घर में पढ़ाई व अन्य मुद्दों पर बात जरूर करतीं।

रघुनाथ ने किया स्कूल टाप

किदवई नगर ओ ब्लाक स्थित लाफिंग बुद्धा एकेडमी के छात्र रघुनाथ शरण शुक्ला ने 10वीं की परीक्षा में 94% अंक हासिल कर स्कूल टॉप किया है। होनहार छात्र की उपलब्धि पर घर परिवार के साथ विद्यालय में भी खुशी की लहर है। रघुनाथ ने अपनी सफलता का श्रेय गुरुजनों को दिया है। उनकी इस सफलता पर माता श्वेता शुक्ला, पिता ध्रुव शुक्ला, बाबा अखिलेश शुक्ला, दादी भारती शुक्ला, चाचा गोविंद शरण शुक्ला ने मिठाई खिलाकर खुशी जताई। परिजनों ने बताया कि परीक्षा के दौरान ही रघुनाथ बीमार पड़ गया था, जिससे परीक्षा की तैयारी प्रभावित हुई वरना उसकी सफलता का ग्राफ और ऊपर होता।

आईएएस बनकर समाज की सेवा चाह

भविष्य की योजना पर रघुनाथ कहते हैं कि वह आईएएस अफसर बनकर समाज व देश की सेवा करना चाहता है। 12वीं में और भी अच्छे अंक लाने का प्रयास करेगा। ग्रेजुएशन के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी में भी जुट जाएगा। आईएएस बनकर अपने माता-पिता, बाबा-दादी का सपना पूरा करेगा।

जब भी पढ़ें तो बाहरी दुनिया को भूल जाएं

सफलता के लिए रघुनाथ ने कहा कि जरूरी नहीं है कि आप आठ दस घंटे पढ़ें। दो चार घंटे ही पढ़ें लेकिन जब पढ़ाई करें तो बाहरी दुनिया से एकदम कट जाएं। उस समय केवल और केवल मन लगाकर पढ़ाई करें। रघुनाथ ने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया कि वह जितना पढ़ता था उससे कहीं ज्यादा खेलता कूदता था। मोबाइल पर गेम भी खेलता था और आउटडोर गेम में क्रिकेट और इनडोर गेम में शतरंज उसके पसंदीदा खेल हैं।

शुभांक ने भी छुआ आसमां

वुडबाइड गार्डेनिया स्कूल के छात्र शुभांक अग्निहोत्री ने भी दसवीं में सफलता का आसमां छुआ है। शुभांक ने दसवीं की परीक्षा में 88.6 फीसद अंक हासिल करके स्कूल और माता पिता का नाम रोशन किया है। उसकी सफलता से घर और रिश्तेदारों में खुशी की लहर है और बधाईयों का सिलसिला जारी है। शुभांक ने अपनी सफलता का श्रेय स्कूल के शिक्षकों और ट्यूशन टीचर आशुतोष पांडेय सर को दिया है। उनकी सफलता से खुश दादी भाग्यवती, मां सुष्मिता अग्निहोत्री, पिता अभिषेक कुमार, चाचा अवनीश कुमार और भाई ओम, कृष्णा और सौम्य ने मिठाई खिलाकर खुशी जताई है।

ट्यूशन टीचर को विशेष श्रेय

शुभांक ने अपनी सफलता में ट्यूशन टीचर आशुतोष पांडेय को विशेष श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि आशुतोष सर ने प्रतिदिन तीन से चार घंटे की कोचिंग पढ़ाई और परीक्षा से पहले सुबह और शाम बुलाकर सैंपल पेपर करवाने के साथ ही बोर्ड में किस स्वीकेंस में आंसर कैसे लिखने है सबकी प्रैक्टिस कराई। यही वजह उनकी सफलता की है, सर ने छोटे भाई की तरह छुट्टी के दिनों में भी जमकर पढ़ाया और कभी टाइम को मैटर नहीं किया। इसके साथ ही वह अपनी मां और पिता को भी सफलता का श्रेय देते हैं।

आईएएस बनने की है चाह

शुभांक आईएएस बनने की चाह रखते हैं। वह कहते हैं कि आईएएस बनकर देश और समाज की सेवा करेंगे। 12वीं में भी अच्छे अंक लाकर ग्रेजुएशन से ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दूंगा। आईएएस बनकर अपने दिवंगत बाबा अशोक अग्निहोत्री का सपना पूरा करुंगा। इसके लिए मैं और मन लगाकर पढ़ाई करूंगा।

जितना मन से खेलो उतना ही मन से पढ़ो

शुभांक कहते हैं कि पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी होता है। इसलिए जितना मन से खेल खेलो उतना ही मन से पढ़ाई भी करो। वह बताते हैं कि कोचिंग के बाद जितनी देर घर में पढ़ाई करता तो एकाग्रचित होकर विषय पर फोकस रखता था। जो भी पढ़ता उसे अच्छे से पढ़ता था, इससे रिवीजन के समय कुछ भूलता नहीं था। स्कूल में प्रतिदिन हर क्लास में टीचर द्वारा पढ़ाने पर चैप्टर पर पूरा ध्यान रखता और नोट्स भी बनाता रहा, यही नोट्स परीक्षा के समय खास मददगार रहे। सीबीएसई की वेबसाइट से पुराने सैंपल पेपर डाउनलोड करके साल्व किए, जिससे बोर्ड में आने वाले प्रश्नों का तरीका समझ में आया। परीक्षा के समय मोबाइल फोन और टीवी से दूरी बनाकर रखी।

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