आलोक ठाकुर
कानपुर। बरावफात की पूर्व संध्या पर शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में रोशनी और सजावट की रौनक दिखी। कई जगह चारमीनार और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों से प्रेरित इंस्टॉलेशन लगाए गए। शाम ढलते ही परिवार अपने बच्चों के साथ गलियों और चौकों पर निकल पड़े। जगह जगह नातख्वानी की ध्वनि सुनाई दी और लंगर के स्टॉल पर बिस्कुट शरबत और हल्का भोजन बांटा गया।
यहां दिखी सबसे ज्यादा रौनक

बेकनगंज की मुख्य गलियों में रंग बिरंगी झालर और हरे झंडे लगे।
चमनगंज में कटआउट और मेहराबी गेट बनाकर चारमीनार शैली की सजावट की गई।
तलाक महल के पास रोशनी की लंबी कतारों के साथ स्वागत द्वार बनाए गए।
अनवरगंज की स्टेशन रोड पर थीम बेस्ड पैनल और एलईडी स्ट्रिंग्स लगीं।
यतीमखाना चौराहा पर परिवारों की सबसे ज्यादा आवाजाही रही ।
सिसामऊ की बाजार लाइनें देर रात तक खुलीं और रोशनी से दमकती रहीं।
जाजमऊ के नदी किनारे वाले हिस्सों में सामुदायिक भवन और मस्जिदें रोशनी से निखरीं।
परेड से बड़ा फूल बाग तक का इलाका दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
अजमेर शरीफ के दरबार को देखते रहे अकीतदत मंद
इफ्ताराखाबाद चौराहे पर अकीदतमंदों द्वारा अजमेर शरीप के गेट से मिलता-जुलता गेट बनवाया गया था। यह गेट लोगों को इतना आकर्षित कर रहा था कि आसपास के मोहल्लों के अकीदतमंद यहां पहुंचे को गेट की सुंंदरता को निहारते ही रह गए। यहां उद्घोषक द्वारा अजमेर शरीफ के गेट की खूबियों के संबंध में लोगों को जानकारी देते रहे।
जाजमऊ की सजावट ने दिल जीता
शहर के जाजमऊ इलाके में कराई गई सजावट को देखने के लिये शहर के आसपास के इलाकों से भी तमाम लोग परिवार के साथ पहुंचे यहां बच्चे सजावट को देखकर खुशी से सजावट को निहारते रहे। जाजमऊ में नई चुंगी के अलावा भी कुछ स्थानों पर कराई गई सजावट लोगों को अपनी तरफ खींच रही थी।
बांस मंडी व सुतरखाना लाल कालोनी में सजावट देखने पहुंचे हजारों लोग
जाजमऊ व इफ्तखाराबाद के अलावा बांस मंडी तथा सुतरखाना में की गई सजावट को देखने के लिये शहर के कई इलाकों से लोग पहुंचे। कुछ वर्ष पहले तक सुतरखाना तथा बांस मंडी में कराई जाने वाली सजावट में नंबर एक होने की होड़ लगी रहती थी। इसके अलावा लाल कुआं, कायस्थाना रोड, नाला रोड, गुलाबघोसी मस्जिद, हलीम कालेज तथा फहीमाबाद कालोनी में कराई गई सजावट भी लोगों को आकर्षित कर रही थी।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी

भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। संवेदनशील मोड़ों पर बैरियर लगाए गए और पैदल गश्त बढ़ाई गई। ट्रैफिक पुलिस ने धीमी गति और वैकल्पिक मार्ग की अपील की। प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी से निगरानी की गई और कंट्रोल रूम सक्रिय रहा। नगर निगम ने सफाई और कूड़ेदान की अतिरिक्त व्यवस्था की, पानी के टैंकर और मोबाइल टॉयलेट भी लगाए गए। स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार टीमें चौकन्नी रहीं।
धर्मगुरुओं और स्थानीय समितियों से जुड़े लोग यहां पहुंचने वालों से गुजारिश करते रहे कि वह कतार बनाए रखें, बच्चों का ध्यान रखें और अफवाहों से बचें। बरावफात का वास्तविक संदेश अमन भाईचारा सेवा और अनुशासन है, जिसे लोग रोशनी और सजावट के बीच अपने आचरण से मजबूत बनाएं।