संतों से अभद्रता दरोगा के निलंबन के बाद निकली जगन्नाथ रथयात्रा

निशंक न्यूज, कानपुर।

साढ़े तीन सौ सालों से कानपुर में निकल रही जगन्नाथ रथयात्रा में इस बार एक चौकी प्रभारी की बेजा हरकत से व्यवधान पड़ गया। हंगामा इतना बढ़ा कि पनकी के महंत जितेंद्र गिरी को आत्मदाह की धमकी देनी पड़ी। भाजपा विधायक सलिल विश्नोई को धरने पर बैठना पड़ा। यहां मौजूद भगवान जगन्नाथ के भक्तों को पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने पड़े। करीब नौ घंटे के हंगामे के बाद व्यवधान तब समाप्त हुआ जब संतों से अभद्रता करने वाले बादशाही नाका चौकी प्रभारी को निलंबित करने के बाद इसकी जानकारी संतों यहां मौजूद भाजपा नेताओ पार्षदों तथा अन्य लोगों को दी गई।

रथयात्रा की शुरुआत में लाउडस्पीकर को लेकर हुआ विवाद

रथयात्रा की शुरुआत के साथ ही एक विवाद भी सामने आया। आयोजकों का आरोप है कि पिछले एक सप्ताह से हुई 20 से अधिक बैठकों में लाउडस्पीकरों की संख्या को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए थे, लेकिन यात्रा के दिन प्रशासन द्वारा अचानक सख्ती बरतते हुए साउंड सिस्टम को सीमित कर दिया गया। आयोजकों के अनुसार, पुलिस ने साउंड वालों के साथ मारपीट करते हुए उन्हें सिर्फ दो साउंड बॉक्स लगाने की अनुमति दी। इसी बात को लेकर चौकी प्रभारी ने यहां मौजूद संतो तथा भगवान जगन्नाथ के भक्तों से अभद्रता शुरू कर दी और कुछ के साथ धक्का मुक्की भी की। दरोगा के इस रवैये से नाराज आयोजकों, स्थानीय नेताओं और भक्तों ने यात्रा मार्ग पर ही धरना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि संत समाज के साथ अभद्रता की गई, जो सनातन धर्म का अपमान है। अभद्रता करने वाले चौकी प्रभारी को निलंबित किया जाए लेकिन मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी दरोगा को हटाने की तो बात कर रहे थे लेकिन निलंबित नहीं करना चाह रहे थे। इस बात से खफा भाजपा के विधान परिषद सदस्य और क्षेत्र के दो बार विधायक रहे सलिल विष्नोई ने साफ कह दिया कि जब तक चौकी प्रभारी को निलंंबित नहीं किया जाएगा वह भी संतों के साथ ही बैठे रहेंगे। संतों को अपमान वह स्वीकार नहीं कर सकते।

ट्राली पर स्पीकर देखकर दरोगा ने की अभद्रता

शुक्रवार की दोपहर नयागंज चौराहे से प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकलने की तैयारी अंतिम चरण में थी। वक्त था तकरीबन दोपहर करीब साढ़े 11 बजे बादशाहीनाका चौकी इंचार्ज राजीव कुमार अग्रसेनी समाज मंडल की साउंड ट्राली में चार-पांच स्पीकर देखकर नाराज हो गये और आयोजको पर भी बेजा टिप्पणी करना शुरू कर दिया। दरोगा ने तुरंत माइक कम करने के आदेश दिये जब यहां मौजूद लोगों ने पनकी के महंत से बात हो जाने की बात कही तो दरोगा ने संतों के साथ ही अन्य आयोजकों को भी भला बुरा करना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ गालियां भी दी गई। इसके बाद विरोध की आग भड़की तो थामे नहीं थमी।

जिद्दी प्रशासन के सामने आस्था का सैलाब

एक ही शर्त थी कि, संतों का अपमान करने वाले चौकी इंचार्ज को निलंबित किया जाए, इसके बाद प्रभु का रथ आगे बढ़ेगा। पुलिस प्रशासन ने खाकी का पक्ष लिया तो बात बिगड़ने लगी। शाम छह बजे तक नयागंज चौराहे से दो किलोमीटर क्षेत्र के आसपास हजारों लोगों की भीड़ एकत्र हो गई थी। डीसीपी-पूर्वी सत्यजीत गुप्ता के साथ-साथ तमाम अधिकारियों ने पनकीधाम के महंत कृष्णदास और जीतेंद्रदास से बात की लेकिन दरोगा से निलंबन से कम पर कोई सुनने को तैयार ही नहीं था। पुलिस अधिकारी दरोगा को यहां से हटाने की बात कह रहे थे तो दूसरी तरफ भीड़ संतों का अपमान करने वाले को सजा बगैर रथयात्रा स्थगित करने करने की बात पर अड़े थे। काफी देर तक पुलिस द्वारा उनकी व जनता की बात न सुनने पर पनकी के महंत जीतेंद्रदास ने आठ बजे आत्मदाह का ऐलान करने के साथ ही माइक से ऐलान भी किया कि सभी भक्त घरों से बाहर आकर इस लड़ाई में शामिल हों इसके बाद मौजूद पुलिस अधिकारी भी सन्नाटे में आ गये। इस दौरान सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी भी यहां पहुंचे और संतों को प्रमाण करने के बाद सैकड़ों भक्तों ने सड़क पर धरना देकर हनुमान चालासी का पाठ शुरू कर दिया।

कोई नेता-अभिनेता नहीं, सभी प्रभु के भक्त

संतों के अपमान की खबर और रथयात्रा की परंपरा टूटने की नौबत देखकर राजनीतिक मर्यादाओं को लांघकर सलिल विश्नोई हुंकार लगाते हुए पहुंचे तो अमिताभ बाजपेई भी। तमाम संगठनों के मुखिया मौजूद थे और अपार संख्या में भक्त। पुलिस-प्रशासन ने नेताओं के जरिए व्यवधान को तोड़ना चाहा तो दो टूक जवाब मिला। एमएलसी सलिल विश्नोई के पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों से जमकर बहस हुई। भाजपा नेता सुरेश अवस्थी ने खाकी को जमकर लताड़ा। आवाज गूंजी कि, यह राम-कृष्ण की भूमि है, कोई पाकिस्तान की नापाक जमीन नहीं। यहां प्रभु की रथयात्रा निकलेगी तो संपूर्ण वैभव के साथ। श्री जगन्नाथ जी रथयात्रा प्रबंधन समिति के महामंत्री विवेक अग्निहोत्री के आग्रह पर नयागंज, जनरलगंज, बिरहाना रोड में प्रशासन मुर्दाबाद के नारों के साथ शटर गिरना शुरू हुए तो प्रशासन बैक-फुट पर नजर आने लगा।

सीएम के हस्तक्षेप के बाद चौकी इंचार्ज निलंबित

आठ बजे महंत जीतेंद्रदास अपने संकल्प के मुताबिक, आत्मदाह की जिद पर अड़े थे। भाजपा नेताओं ने अनर्थ होने की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई। तत्काल 5-कालीदास मार्ग से हस्तक्षेप हुआ। पुलिस कमिश्नर के पास मुख्य सचिव औऱ डीजीपी का फोन आया। अगले कुछ मिनट में बादशाहीनाका चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद पूर्ण वैभव के साथ प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा पूरे जोश व उत्साह के साथ आगे बढ़ी भक्तों में अपनी जीत से ज्यादा ही उत्साह था औऱ वह जय श्री राम के नारे भी लगाते रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से बात की और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर चौकी प्रभारी को निलंबित करने की मांग की साथ ही यहां के पूरे हालातों की जानकारी दी इसके बाद डीजीपी से संपर्क हुआ और चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया इसके बाद पूरे भक्ति भाव से यात्रा निकाली गई।

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