निशंक न्यूज।
हत्या के एक मुकदमे में आरोपी होने के बाद जेल गया। इसके बाद एक बार जमानत मिली तो वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया और करीब चालीस साल तक पुलिस को चकमा देता रहा अदालत उसके खिलाफ वारंट जारी करती रही और वह पुलिस को चकमा देने के बाद नाम बदलकर लगातार लोगों की आंख में धूल झोंकता रहा। पुलिस आयुक्त ने फरार लोगों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजने के निर्देश दिये तो पुलिस सक्रिय हुई और करीब चालीस साल से चकमा देने वाले को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
करीब 43 साल पहले हुई थी हत्या,हुई थी बीस साल की सजा
पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो कानपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के बंगाली मोहाल में रहने वाले प्रेमकुमार उर्फ पप्पू पर दिसंबर 1982 में फीलखाना थाना क्षेत्र में पुरानी रंजिश में बम मारकर एक व्यक्ति की हत्या करने का आरोप लगा था। इस घटना में बम लगने से प्रेमकुमार भी घायल हुआ था। हत्या के इस मामले में अदालत से प्रेमकुमार सहित 4 दोषियों को 20 साल कैद की सजा हुई थी। जिसकी अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट में की गई थी।
हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद फरार हुआ नाम भी बदला
पुलिस की मानी जाए तो हत्या के इस मामले में 1985 में ऊपरी अदालत में अपील की गई और प्रेम सहित चारों दोषियों को जमानत पर रिहा किया गया था। जमानत मिलने के बाद अन्य तीन दोषी लगातार कोर्ट में हाजिर हो रहे थे, लेकिन जमानत मिलने के बाद प्रेम कुमार फरार हो गया और कानपुर छोड़कर गोंडा में रहने लगा। उसने अपना नाम बदल लिया यहां तक कागजों मे उसने खुद की पहचान तक को बदल लिया।
शादी समारोह के वीडियो से खुला मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार एक शादी समारोह में वह एक वीड़ियों में दिखा तो उसको जानने वाले कुछ लोगों में चर्चा हुई। इधर पुलिस जांच करते हुए उसके पैतृक गांव पहुंची तो कई अहम जानकारियां मिली जिसके बाद पुलिस उस तक पहुंच गयी।
पुलिस ने दिन रात एक कर की गिरफ्तारी
हाईकोर्ट वारंटी को हाजिर करने का दबाव दे रही थी, लेकिन वारंटी का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था। 11 दिन तक लगातार पुलिस की टीमें उसकी तलाश में दर दर भटक रही थ्ज्ञी। पुलिस ने इलाके के बुजुर्गों से बात की, तो पता चला कि वारंटी का परिवार मूल रूप से गोंडा जिले का रहने वाला था। फरार होने के बाद प्रेम कुमार उर्फ पप्पू ने अपना नाम बदलकर प्रेम प्रकाश कर लिया था। दस्तावेजों में भी उसका यही नाम था और उसके बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। लेकिन पुलिस ने जब उसे शक के आधार पर पकड़ा और उसके करीबियों से पहचान करायी तो उसका राज उजागर हो गया।
मुकदमें की वादी की भी हो चुकी है मौत
डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि 40 साल से फरार चल रहे प्रेम कुमार उर्फ पप्पू उर्फ प्रेम प्रकाश को पुलिस ने गोंडा से गिरफ्तार किया है। पुलिस के पास वारंटी का कोई रिकार्ड नहीं था। मामले के वादी की भी मौत हो चुकी थी, जिससे घटना की भी सही जानकारी नहीं हो पा रही थी। लेकिन पुलिस टीम ने इसमें काफी गहनता से काम किया और वारंटी को गिरफ्तार कर लिया। इसलिए पूरी टीम को 25 हजार रुपए का ईनाम दिया जाएगा। कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में फीलखाना थाना प्रभारी शरद तिलारा, इंस्पेक्टर क्राइम जावेद अहमद, एसआई आशुतोष दीक्षित, दीपक शर्मा, हेड कांस्टेबल राम औतार सिंह और कांस्टेबल सिद्धांत शामिल रहे।
