निशंक न्यूज।
कानपुर। गंगा में बाढ़ का असर एक बार फिर दिखने लगा है। बाढ़ का कहर बढ़ने से ग्रामीण चिंतित हैं। कई गांव में बाढ़ का पानी पुहंच गया जिससे लोगों को जीना मुश्किल हो रहा है कई स्थानों पर ग्रामीण कटरी छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं। पानी भरने से कटरी में रहने वाले लोग पलायन को मजबूर हैं। कई परिवारों ने गंगा बैराज मंधना हाइवे पर अस्थाई आशियाने बना लिए हैं और परिवार एवं जानवरों के साथ रहने को मजबूर हैं। कहा जा रहा है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से करीब एक दर्जन इलाके बाढ़ की चपेट में हैं।
एक दर्जन से ज्यादा गांव में पहुंचा गंगा का जल

भगवानदीन पूरवा, बनियापुरवा, भारतपुर, दुर्गापुरवा, सुधीनपुरवा, गिल्लीपुरवा, सरयूपुरवा, पुराना कानपुर, चैनपुरवा, धरामखेड़ा, देवानीपुरवा, पहाड़ीपुरवा, तिवारी घाट, चिरान समेत तमाम इलाके जो गंगा किनारे हैं वहाँ बाढ़ का पानी घुस चुका है। इनमे से कुछ गांव ऐसे हैं जहाँ दूसरी बार बाढ़ का पानी आया है। एक बार फिर जलभराव होने से ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर अपना ठिकाना बनाने को मजबूर हो रहे हैं।

बाढ़ के कारण लोग हाइवे पर रहने को मजबूर हैं। लोगों ने गंगा बैराज मंधना हाइवे पर अस्थाई घर बनाए हैं। यहां पर हाइवे किनारे लोग जानवरों को भी बांधे हैं। हालांकि प्रशासन ने बाढ़ रिलीफ सेंटर्स बनाए हैं, जहाँ कुछ ग्रामीणों को शिफ्ट किया गया है, लेकिन कुछ लोग हैं जो हाइवे पर रह रहे हैं। मन्नीपुरवा कंपोजिट विद्यालय और कांशीराम नगर प्राथमिक विद्यालय में रिलीफ सेंटर्स बनाए गए हैं। वहीं हाइवे पर वन वे किया गया है, जिससे लोगों को किसी तरह की दिक्क़त ना हो।
संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका से भय का माहौल
बाढ़ के कारण लोगों को काफ़ी दिक्क़तो का सामना करना पड़ रहा है, वहीं जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो गया है। डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। ग्रामीणों को दवाएं वितरित की जा रही हैं। इसके साथ पशु चिकित्सक भी तैनात किये गए हैं।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने देखी व्यवस्था बंटवाई राहत सामग्री
बताया गया है कि सोमवार को जॉइन्ट मजिस्ट्रेट अनुभव सिंह ने अपनी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों को खाद्य सामग्री बांटी। जिम्मेदारों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को किसी तरह की दिक्क़त ना हो इसका ध्यान रखा जाए। जो लोग बाढ़ रिलीफ सेंटर्स में जाना चाहे उन्हें तुरंत शिफ्ट किया जाए। ग्रामीणों के लिए खाने पीने के सभी इंतजाम किये जाएं। बता दें कि गांव में 10 ट्रैक्टर और 6 नाव की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन हर एक स्थिति पर नजर बनाए है। बनियापुरवा चौराहे पर बाढ़ चौकी बनाई गई है।