निशंक न्यूज डेस्क
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज रहे पूर्व कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली 2027 का विश्वकप खेल पाएंगे या नहीं इसका फैसला घरेलू क्रिकेट में उनका फार्म तय करेगा। दोनों ने 2027 का विश्वकप खेलने की इच्छा जताई है क्योंकि दोनों ही टी-20 तथा टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले चुके हैं ऐसे में उनके पास अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का कम ही मौका रहेगा अगर इन दोनों खिलाड़ियों को लय में बने रहना है तो इन्हें घरेलू क्रिकेट में हिस्सेदारी करनी होगी वरना विश्वकप टीम के लिये दोनों का चयन मुश्किल हो सकता है। क्योंकि आस्टेलिया के खिलाफ दूसरे मैच में भी विराट कोहली एक भी रन नहीं बना सके और रोहित शर्मा ने विपरीत परिस्थितियों में 73 रन की पारी जरूर खेली लेकिन उनमें पुरानी लय का अभाव दिखा।
कमेंट्रेटर बोले रोहित-विराट को घरेलू क्रिकेट में लेना चाहिये हिस्सा

भारत आस्टेलिया के खिलाफ दूसरे एक दिवसीय मैच में सभी क्रिकेट प्रेमियों की निगाह विरोट कोहली तथा रोहित शर्मा के प्रदर्शन पर ही टिकी थी लेकिन विराट कोहली एक फिर मतलब सिरीज में दूसरी बार बिना कोई रन बनाए आउट हो गये। गिल तथा कोहली के आउट होने के बाद रोहित शर्मा क्रीज पर टिके रहे लेकिन उन्होंने शुरुआती रन बनाने में काफी गेंद खेली तो कमेंन्ट्रेर बाक्स में बैठे भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा तथा इरफान पठान ने कई बार इस बात का जिक्र किया कि लय में बने रहने के लिये रोहित शर्मा को लगातार क्रिकेट खेलनी होगी अगर वह घरेलू क्रिकेट में ही हिस्सा ले रहे होते तो उन्हें लय पकड़ने के लिये इतनी गेंदें न खेलनी पड़तीं।
कोहली-रोहित को दिखानी होगी फॉर्म
पहले टी-20 फिर टेस्ट क्रिकेय से सन्यास लेने के बाद रोहित शर्मा तथा विराट कोहली ने करीब सात महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिये आस्टेलिया दौरे के शुरुआत अच्छी नहीं रही। दोनों ही धुरंधर दस रन भी नहीं बना सके। पहले मैच में ओपनिंग करने उतरे रोहित शर्मा अपने मिजाज के हिसाब से बल्लेबाजी नहीं कर सके और धीमी शुरुआत करने के बाद 14 गेंद में केवल आठ रन ही बना सके। जबकि इतिहास गवाह है कि रोहित शुरुआत में ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर विरोधी टीम के गेंदबाजों की लय बिगाड़ते रहे हैं जिसका लाभ नीचे आने वाले बल्लेबाजों को मिलता रहा औऱ वह भी बड़ा स्कोर बनाने में सफल होते रहे। रोहित धीमी शुरूआत करने के बाद केवल आठ रन पर आउट हो गये और कई महीनों बाद मैदान में उतरे विराट कोहली भी अपनी लय तलाशते नजर आए। कोहली शुरुआत की आठ गेंदों में खाता भी नहीं खोल सके जिसका दबाव पड़ा और वह तेज शाट खेलने के चक्कर में 0 पर ही आउट हो गये। ऐसे में कोहली-रोहित की आलोचना हो रही है। दूसरे मैच में भी विराट कोहली चार गेंदे खेलने के बाद बिना कोई रन बनाए आउट हो गये।
घरेलू क्रिकेट में होना चाहिये शामिल
कई महीनों के बाद क्रिकेट मैदान में उतरे इन दोनों धुरंधरों का लचर प्रदर्शन देख भारत के पुराने खिलाड़ी भी चिंतित हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व चयनकर्ता संजय जगादले ने दोनों खिलाड़ियों को सलाह दी है कि टेस्ट व टी-20 क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद अगर इन दोनों खिलाड़ियों को लय के साथ वनडे टीम में बने रहना है तो इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना चाहिये ताकि इनकी लय बनी रहे और वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मैदान में उतरने पर अपनी साख के हिसाब से प्रदर्शन कर सकें। अगर यह दोनों खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में हिस्सा नहीं लेते हैं तो उनका भी वैसा ही हाल हो जाएगा जैसा पूर्व क्रिकेट कप्तना महेंद्र सिंह धोनी है वह केवल आईपीएल तक ही सीमित होकर रह गये हैं।
नियमित क्रिकेट न खेलने से प्रदर्शन पर पड़ सकता असर

भारतीय क्रिकट टीम के पूर्व चयनकर्ता संजय जगादले ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि केवल एक ही फॉर्मेट में खेलने का उनका फैसला काफी कठिन रहा होगा। यह दोनों ही खिलाड़ी सीमित ओवरों के क्रिकेट में शानदार रहे हैं, लेकिन अगर आप नियमित रूप से नहीं खेलेंगे, तो उनमें जंग लग जाएगी, जैसा कि आईपीएल में धोनी के साथ हुआ था. ब्रायन लारा और मैथ्यू हेडन के साथ भी ऐसा हो चुका है। कई क्रिकेटर संन्यास लेने के बाद फिर किसी एक फॉर्मेट में पहले जैसा नहीं खेल पाते और यह बहुंत सामान्य बात है।
संजय जगादले ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर 50 ओवरों का क्रिकेट कम खेला जा रहा है और ऐसे में वह चाहते हैं कि लय में बने रहने के लिये रोहित शर्मा तथा विराट कोहली दोनों ही घरेलू क्रिकेट खेले। मैं नहीं जानता कि वो क्या सोच रहे हैं कि लेकिन घरेलू क्रिकेट खेलने से उनको फायदा जरूर मिल सकता है क्योंकि हर खिलाड़ी जानता है कि एक फॉर्मेट के लिए खुद को तैयार रखना काफी मुश्किल काम होता है।
विश्वकप टीम में रहना है तो बनाने होंगे ज्यादा रन
बताते चलें कि विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ही 2027 का विश्वकप खेलना चाहते हैं। इस बात की यह दोनों खिलाड़ी इच्छा भी जता चुके हैं लेकिन टेस्ट और टी20 से संन्यास लेने के बाद दोनों को अपनी फॉर्म साबित करने के लिये कई बार ज्यादा रन बनाकर चयनकर्ताओं के सामने साबित करना होगा कि उनमें रन बनाने की भूख पहले जैसी ही है। रोहित और कोहली को अगर विश्वकप के संभावित खिलाड़ियों में बने रहना है तो आगामी दो सालों तक वनडे में और अधिक रन बनाने होंगे। अन्यथा चयनकर्ता इन्हें नजरअंदाज कर अन्य युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जता सकते हैं। इसकी शुरुआत इन दोनों को आस्टेलिया दौरे के बचे शेष दो मैचों से ही करनी होगी क्योंकि दोनों पहले मैच में फ्लाप हो चुके हैं।
