निशंक न्यूज, कानपुर।
गोशाला में पल रहे गोवंश के हाल जानने के लिये चौबेपुर की एक गोशाला में पहुंचे जिलाधिकारी को यहां वह रजिस्टर ही नहीं मिला जिसमें इस बात का उल्लेख होता है कि गोवंश को खाने के लिये क्या-क्या और कितनी मात्रा में दिया जा रहा है। इस बात पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताने के साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार करने की चेताबनी दी।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज विकास खण्ड चौबेपुर की ग्राम पंचायत वंसठी स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान कई खामियाँ प्रकाश में आईं, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के समय गौशाला में कुल 46 गोवंश मौजूद पाए गए। जिलाधिकारी द्वारा भूसा, हरा चारा, दाना-पानी तथा गुड़-चना-नमक से संबंधित अभिलेखों की मांग की गई, जो मौके पर उपलब्ध नहीं कराए जा सके। कुछ गोवंश शारीरिक रूप से दुर्बल अवस्था में पाए गए, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए उत्तरदायी अधिकारियों से स्पष्ट जवाब मांगा, किंतु कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। आमद रजिस्टर के अवलोकन में पाया गया कि अंतिम गोवंश की प्रविष्टि दिनांक 20 जून को की गई थी। जिलाधिकारी ने ईयर टैगिंग एवं पशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित अभिलेखों की भी समीक्षा की।
नही मिले पंचायत सचिव,मांगा स्पष्टीकरण
गौशाला परिसर में साफ-सफाई की स्थिति असंतोषजनक पाए जाने पर जिलाधिकारी ने व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। निरीक्षण के समय पंचायत सचिव अनुपस्थित मिले, जिसके लिए उनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया है। साथ ही, गौशाला के पर्यवेक्षण में शिथिलता पाए जाने पर खण्ड विकास अधिकारी एवं एडीओ पंचायत से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा प्रतिदिन प्रति गोवंश 50 रुपये की दर से आहार प्रबंधन हेतु धनराशि प्रदान की जा रही है। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक गोवंश को शासन की मंशानुरूप पौष्टिक आहार उपलब्ध हो। लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी संजीव दीक्षित भी उपस्थित रहे।