जिला कृषि कार्य योजनाओं को मिली स्वीकृति

वेद गुप्ता।

कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के अगुवाई में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में हुई कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (एनएफएसएनएम) के गवर्निंग बोर्ड की बैठक में आत्मा योजना तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन के अंतर्गत गत वर्ष कराए गए कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही, वर्ष 2025-26 के लिए विभिन्न योजनाओं की जिला कार्य योजनाओं को अनुमोदन प्रदान किया गया। जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत योजनाओं के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण, फसलों का प्रदर्शन, बीज वितरण, जागरूकता कार्यक्रमों तथा तकनीकी सशक्तिकरण से जोड़े जाने के प्रावधान किए गए हैं।

बैठक में उप निदेशक कृषि ने बताया कि आत्मा योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 की जिला कृषि कार्य योजना (डीएएपी) के तहत ₹339.76 लाख की धनराशि व्यय की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न फसलों के खण्ड प्रदर्शन किसानों के खेतों पर कराए जाएंगे, फार्म स्कूलों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा जनपदीय, राज्य स्तरीय एवं अंतर्राज्यीय भ्रमण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाएगी ।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन की जिला कार्य योजना के अंतर्गत ₹219.52950 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत क्लस्टर प्रदर्शन, प्रमाणित बीजों का वितरण, सूक्ष्म पोषक तत्वों तथा एकीकृत कीट प्रबंधन के उपाय, फसल पद्धति आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम, जागरूकता अभियान एवं स्थानीय पहल (लोकल इनिशिएटिव) को बढ़ावा दिया जाएगा।

इसी क्रम में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल–ऑयलसीड्स योजना की वर्ष 2025-26 की कार्य योजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई, जिसके अंतर्गत ₹17.03 लाख की राशि व्यय की जाएगी। इसके माध्यम से तिल एवं मूँगफली की फसलों के क्लस्टर और खण्ड प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे, कृषकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, फार्मर फील्ड स्कूल का संचालन होगा, जनपद स्तर पर तिलहन मेले का आयोजन किया जाएगा तथा आयल एवं मिनी ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट का वितरण किया जाएगा।

बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न लाभकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक कृषकों तक पारदर्शी एवं प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाना सुनिश्चित किया जाए।

जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि  किसानों को आधुनिक तकनीकी से कृषि हेतु जानकारी समय समय पर जनपद में कार्यक्रम आयोजित कर  प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन ग्राम स्तर तक किया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हों। साथ ही  मॉडल डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट स्थापित कर किसानों को व्यावहारिक जानकारी दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने ने कृषि से संबंधित योजनाओं का पारदर्शी और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश अभी विभागों के अधिकारियों को दिए।

जिलाधिकारी ने उप  निदेशक कृषि को निर्देशित करते हुए कहा को किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य के अंतर्गत नवाचार एवं नई नई तकनीकी को अपनाते हुए किसको की आयु बढ़ाने में सक्रिय कार्य करें ।

बैठक में जनपद के प्रगतिशील कृषक / सदस्य रघुनाथ सिंह द्वारा भिण्डी की खेती एवं केला उत्पादन में अच्छा कार्य किया जा रहा है राजकिशोर पाण्डेय, मुख्य कार्याधिकारी, नेहा पाण्डेय फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि०, पारा प्रतापपुर चौबेपुर द्वारा गाय के गोबर से निर्मित 135 उत्पाद बनाये जा रहे है और प्राकृतिक खेती की जा रही है एवं श्रीमती कुसुमा देवी, अध्यक्ष, जय बजरंगबली स्वयं सहायता समूह, काकूपुर सीताराम, शिवराजपुर द्वारा अवगत कराया कि उनके द्वारा अगरबत्ती बनायी जा रही है, उन्होंने बताया कि उन्होंने इस उद्योग के माध्यम से अपने बेटे इंजीनियरिंग कराकर बेटी को डॉक्टर की पढ़ाई करा रही है उनके द्वारा उनके गांव के बच्चों को स्कूल में प्रवेश हेतु उनकी फीस भी उनके द्वारा दी जा रही है । जिलाधिकारी द्वारा तीनो प्रगतिशील किसानों की प्रशंसा की गयी।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती दीक्षा जैन उप निदेशक कृषि सहित एवं संबंधित विभागों के अधिकारी तथा प्रगतिशील किसान गण तथा समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।

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