एक हफ्ते से बच्चा गायब,डीसीपी ने गठित की टीम

निशंक न्यूज।

कानपुर। बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाला एक 12 साल का बच्चा लापता है। पुलिस ने बच्चे के लापता होने की रिपोर्ट नही लिखी। बच्चे के लापता होने से परेशान परिवार के सदस्य सोमवार को डीसीपी कार्यालय पहुंचे, तब बच्चे की बरामदगी के लिए एक टीम गठित की गयी। घटना के बाद से बच्चे के परिजन दहशत में है।

बताया गया है कि बर्रा थाना क्षेत्र के तहत मेहरबान सिंह पुरवा में रहने वाले कमल वर्मा का करीब 12 वर्षीय पुत्र आदित्य 29 जून को सुबह 7 बजे टहलने जाने की बात कहकर घर से निकला था, इसके बाद से वह घर वापस नहीं लौटा। सुबह करीब 12 बजे तक बच्चे का इंतजार करने के बाद परिवार के लोगों ने आस पास उसकी तलाश शुरू की। इसके बाद सभी रिश्तेदारियों में उसका पता लगाने की कोशिश की गयी। तो संज्ञान में आया कि वह किसी रिश्तेदार के घर नहीं गया है।

बताया गया है कि परिवार के सदस्यों व क्षेत्रीय लोगों ने बच्चे के लापता होने की सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने यह कहकर उन्हें टरका दिया कि अभी अपने स्तर पर तलाश करे। इस बीच पुलिस ने रिपोर्ट तो नही लिखी लेकिन गुपचुप पड़ताल करायी तो एक सीसीटीवी में बच्चा अकेले ही जाता हुआ दिखा। घटना के 8 दिन बीतने के बाद भी बच्चे का कुछ पता न चलने पर परिवार के सदस्य व क्षेत्रीय लोग सोमवार को डीसीपी दक्षिण के कार्यालय पहुंचे। यह लोग अपने हाथ में बच्चे की फोटो भी लिए थे।

बच्चे के पिता कमल वर्मा ने बताया कि कक्षाा 7 में पढ़ने वाला उनका बेटा आठ नौ दिन से लापता है। कुछ जानकारी न होने पर वह लोग डीसीपी दक्षिण से मिले तो उन्होंने पूरी घटना को गम्भीरता से सुना और भरोसा दिया कि बच्चे को बरामद करने के लिए एक टीम गठित की जा रही है।

समस्याओं को सुनकर शीघ्र निस्तारण करे थाना प्रभारी-डीसीपी

सोमवार को डीसीपी दक्षिण पुलिस उपायुक्त दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी द्वारा अपने कार्यालय पर जन-सुनवाई की। जन-सुनवाई के दौरान आमजन की समस्याओं को सुना और उनके समाधान हेतु संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जन शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सुना गया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे इन समस्याओं को समयबद्ध तरीके से हल करें।

शिकायतों के निस्तारण में देरी न हो, इसके लिए संबंधित पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया कि वे त्वरित कार्रवाई करें और शिकायतकर्ता को समाधान की जानकारी दें। आगंतुकों और पीड़ितों से सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए और बैठने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। सभी फरियादियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक और धैर्यपूर्वक सुना जाए व शीघ्र निस्तारण किया जाए । स्थानीय स्तर पर बार-बार आने वाली समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाने को कहा गया ।

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