पत्नी ने भतीजे प्रेमी की मदद से की थी पति की हत्या

निशंक न्यूज कानपुर

कानपुर नगर के साढ़ थानाक्षेत्र में भतीजे के प्रेम में पागल होकर अपने पति की हत्या की थी। हत्या में प्रेमी भतीजा भी शामिल था। पुलिस ने घटना में नामजद कराए लोगों में दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन डाग स्क्वायड से मिले सुराग पर काम करना शुरू किया और घर के भीतर भी बारीकी से जांच की। इसके बाद डीसीपी दक्षिण के निर्देश पर मारे गये युवक धर्मंंद्र पासी की पत्नी की मोबाइल चेक कराया गया तो कहानी कुछ और निकली सत्यता सामने आने के बाद पुलिस ने धर्मेंद्र की पत्नी तथा उसके प्रेमी भतीजे के गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस पूर्व में इस हत्याकांड में जेल भेजे गये दोनो युवकों को छुड़ाने के लिये 169 की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

यह हुई थी घटना घर के बाहर मिला था युवक का शव

साढ़ थाना के लक्ष्मणखेड़ा गांव में 11 मई रविवार को सुबह चारपाई में धर्मेंद्र पासी का खून से लथपथ शव मिला था। पुलिस ने पत्नी रीना की तहरीर पर गांव के तीन लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के दौरान धर्मेंद्र पासी की नृशंस हत्या की जांच में फॉरेंसिक टीम के साथ डॉग स्क्वायड टीम को भी बुलाया गया। शव को सुंघाने के बाद डॉग सबसे पहले आंगन पहुंचा फिर बाथरूम में जा घुसा। इसके बाद घर के बाहर निकलकर गलियों से होते हुए गांव के पश्चिम दिशा में आम की बगिया पहुंचा। फिर वापस आकर आंगन में ही घूमकर बैठ गया जिससे ऐसा अनुमान है कि कातिल घर का करीबी ही है। पासियों और यादवों के विवाद का उठाया लाभ गांव में पासी और यादव समुदाय के लोग रहते हैैं। दोनों समुदायों का आपस में विवाद चलता है। जिसका फायदा सतीश और रीना ने उठाया था, इसी वजह से यादव समुदाय के तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। परिवार वालों ने आरोपियों की गिरफ्तारी तक शव न उठने की बात कहकर हंगामा किया था। जिसकी वजह से पुलिस ने दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच में दूसरे आरोपी होने की वजह से पुलिस 169 की कार्रवाई करेगी।

पुलिस ने साक्ष्य दिखाए तो टूट गई पत्नी बताया सच

10 मई की रात को हुई धर्मेंद्र पासी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में घर वालों ने गांव के ही कुछ लोगों के खिलाफ हत्या करने का आरोप लगाकर इन्हें नामजद कराया। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस ने पहले दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। बताया गया है कि हत्या की सूचना पर पहुंचे डाग स्क्वायड से मिले संकेत के आधार पर पुलिस ने दो लोगों को जेल भेजने के बाद भी जांच जारी रखी। एडीसीपी महेश कुमार के निर्देश पर घर के भीतर बारीकी से जांच की गई तो घर के अंदर और बाथरूम में मिले खून के छींटों ने पुलिस को शक में डाला। जांच के दौरान पत्नी रीना की कॉल डिटेल्स से पता चला कि उसका मृतक के भतीजे सतीश से लगातार संपर्क था। दोनों के मोबाइल से अश्लील तस्वीरें भी बरामद हुईं।

नींद की गोलियां खिलाकर पत्नी ने किया था पति को बेहोश

पूछताछ में रीना ने स्वीकार किया कि उसके और सतीश के बीच प्रेम संबंध थे। धर्मेंद्र ने दोनों को एक बार रंगे हाथों पकड़ा था और पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद दोनों ने धर्मेंद्र की हत्या की योजना बनाई। रीना ने 10 मई की रात धर्मेंद्र के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। धर्मेंद्र के बेहोश होने के बाद रीना ने दरवाजे की चौखट से उनके सिर पर कई वार किए। घटना के समय घर में केवल धर्मेंद्र की 75 वर्षीय बधिर मां मौजूद थी। पुलिस ने रीना और सतीश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

इस तरह से पुलिस को हुआ शक

कानपुर एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि धर्मेद्र का शव घर के बाहर मिला था, जबकि खून के छींटे घर के अंदर तक दिखाई दिए। इसके बाद घर की जांच करने पर पता चला, कि बाथरूम में भी खून के छींटे पड़े हुए थे। पुलिस ने शक के आधार पर घर के आंगन और बाथरूम का बेंजाडीन टेस्ट कराया, जिसमें आंगन और बाथरूम में खून के अंश दिखाई दिए। शव घर के बाहर और घर के अंदर खून देख अधिकारियों की शंका हो गई। जिस पर सतीश और रीना के फोन का सीडीआर निकाला गया, जिसमें दोनों के बीच लंबी बातचीत ने ये सिद्ध कर दिया कि हत्या में किसी घर के करीबी का हाथ है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो हत्या की बात दोनों ने कुबूल कर ली। रीना ने बताया कि वह हत्या के बाद खून से सनी चौखट लेकर घर के अंदर गई। जिससे चौखट से खून टपकता हुआ दिख रहा था इस दौरान सतीश ने घर धोने और बाथरूम में कपड़े धोने को कहा था, जिसकी वजह से बाथरूम और आंगन में खून के अंश मिले थे।

दोनो आरोपियों को जेल से बाहर निकलवाने में मदद करेगी पुलिस

कानपुर एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि रीना और सतीश को हत्या और साक्ष्य मिटाने और हत्या की साजिश करने में आरोपी बनाया गया है। दोनों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैैं। घटना के दिन नामजद होने और गांव वालों द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक शव न उठाए जाने के बाद जिन दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था पुलिस अब उनको जेल से रिहा कराने के लिये जेल भेजे गए दोनों युवकों के पक्ष में 169 की कार्रवाई करके उन्हें जेल से बाहर निकलवाने में मदद करेगी।

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