संजीव शुक्ला।
कानपुर। अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की इस वर्ष की थीम है बाधाओ को तोड़ना सभी के लिए रोकथाम उपचार और पुनर प्रताप पुर्नप्राप्ति। हर साल थीम के जरिए नशे की सबसे गंभीर समस्याओं और उनके समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाता है सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली ड्रग्स है गांजा ओपिओइड्स ,एंफेटामाइन और कोकीन है नए सिंथेटिक ओपॉयड्स जैसे नेताजी निटाजीन के कारण कई देशों में ओवरडोज से मौतें बढ़ रही हैं यह बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में हिंदू जागरण मंच के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ निरोधक दिवस पर किए जाने वाले व्रहद कार्यक्रम हेतु आयोजित प्रेसवार्ता में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी योग गुरू ज्योति बाबा ने कही।
हर वार्ड में होगा नशीले पदार्थों का पुतला दहन
ज्योति बाबा ने पत्रकारों से आगे कहा कि कानपुर शहर ड्रग्स का हब बन चुका है और बड़ी संख्या में युवा ड्रग्स का लती होकर परिवार व समाज को नष्ट कर रहा है और मादक पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर निरंकुश रूप में हो रही है इन्हीं सब कुरीतियों से युवाओं,छात्रों व आम लोगों को जागरूक करने के लिए 110 वार्डों में 110 मादक पदार्थों का पुतला दहन एवं नुक्कड़ सभा की जाएगी।अब भी ड्रग्स की समस्या से जागरूक लोगों ने एकजुट होकर संघर्ष न किया तो सही स्थितियां हाथ से निकल जाएगी।
26 जून को माया जाता है राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस
ज्योति बाबा ने आगे बताया कि देश में भी 26 जून को राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता है भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यह दो बड़े ड्रग्स उत्पादक क्षेत्र के पास गोल्डन क्रिसेंट अफगानिस्तान,पाकिस्तान,ईरान गोल्डन ट्रायंगल म्यांमार,थाइलैंड और लॉओस जिससे तस्करी की समस्या और बढ़ जाती है इसीलिए भारत में भी इस दिन मादक पदार्थों से दूरी बनाने की जागरूकता व्यापक रूप से की जाती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष रंजन मिश्रा सनातनी ने कहा कि 2014 के बाद ड्रग्स के मामलों की गिरफ्तारियां और जप्त की गई ड्रग्स की मात्रा में भारी बढ़ोतरी हुई है 2014 से अब तक 12 लाख किलोग्राम से ज्यादा ड्रग्स नष्ट की गई है अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस केवल एक तारीख नहीं बल्कि एक वैश्विक आंदोलन है यह हमें याद दिलाता है कि नशे की समस्या से मिलकर जागरूकता सहयोग और सही कदमों से लड़कर विजय प्राप्त की जा सकती है।
नशामुक्त समाज बनाने की कोशिश
सोशल एक्टिविस्ट अमित सिंह रोबिन व मयंक त्रिपाठी ने कहा कि 26 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन दुनिया भर में नशीली दवाओ के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने और कार्यवाही करने का प्रतीक है डॉक्टर आर सी शर्मा ने कहा कि इस दिन का उद्देश्य लोगों में नशे की लत के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना,रोकथाम के उपाय को बढ़ावा देना,इलाज और पुनर्वास को समर्थन देना और देश के बीच सहयोग को मजबूत करना है ताकि एक नशा मुक्त समाज बनाया जा सके। वूमेन सोशल एक्टिविस्ट गीता ने कहा कि बड़ी संख्या में यंग एज की लड़कियां ड्रग्स की चपेट में आ रही हैं जिसका इलाज निकट भविष्य में दिखाई नहीं पड़ता है इसलिए हम सभी को मिलकर जागरूकता की आंधी चलानी होगी।