नेपाल से लाकर कानपुर में बेची जाती है चरस,तीन गिरफ्तार

निशंक न्यूज, कानपुर।

कानपुर व आसपास के जनपदों में नेपाल लाकर चरस का सप्लाई की जा रही है। रेलबाजार पुलिस ने युवाओं को नशे का लती बनाने वाले इस गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार कर इनके पास से करीब छह किलो चरस बरामद की है। जिसकी कीमत लगभग छह लाख रुपये आंकी गई है। चरस की सप्लाई करने वालों में गिरफ्तार एक युवक पहले भी अपराधी रहा है और एक मामले में उसे 15 साल की सजा भी हो चुकी है। पकड़े गए इन चरस तस्करों से पुलिस को मादक पदार्थ की तस्करी में लगे कुछ लोगों की जानकारी मिली है जिनकी तलाश में पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया है। पकड़े गए तस्करों के पास से एक बाइक व रुपये भी बरामद हुए।

पकड़े गए तस्करों में एक बिहार व एक नेपाल का रहने वाला

पकड़े गए तस्करों के संबंधित में जानकारी देतीं एसीपी कैंट आकांक्षा पांडे।

एसीपी कैंट आकांक्षा पांडे ने रेलबाजार थाने में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मुखबिर की सूचना में एक बाइक में सवार तीन लोगों को लोको रेलवे कॉलोनी रोड के पास चेकिंग के दौरान रोका गया। बैग की तलाशी के दौरान चरस मिली। पुलिस टीम तीनों आरोपियों को रेलबाजार थाने लेकर आई। जहां आरोपियों ने चरस तस्करी करने की बात कबूली। आरोपियों ने अपने नाम बिहार मोतिहारी के नायक टोला हारपुर निवासी राम बालक शाह, नेपाल के पुखरिया निवासी राम विनय और कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के चंदिका निवासी हरिओम बताया है। तस्करों ने नेपाल से चरस लाकर शहर समेत अन्य जनपदों में माल बेचने की बात कबूली है।

एक तस्कर ने कानपुर में जेल में काटी है 15 साल की सजा

थाना प्रभारी बहादुर सिंह ने बताया कि आरोपी हरिओम सिंह 15 साल की कानपुर जेल से सजा काट चुका है, वर्तमान में वो बेल पर बाहर है, जबकि अन्य दो आरोपियों के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। रेलबाजार थाना प्रभारी के अनुसार, पकड़े गए तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। साथ ही, इस तस्करी रैकेट से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस इस गिरोह के नेटवर्क और स्रोतों की भी गहन जांच कर रही है।

ब्रीफकेस में रखकर लाते थे चरस

पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में सामने आया कि यह तस्कर नेपाल से बस अथवा ट्रेन के माध्यम से चरस लेकर कानपुर आते थे किसी को संदेह न हो इसके लिये वह बेहतर ब्रीफकेस में चरस रखते थे। यही नहीं रोडवेज अथवा ट्रेन के स्टाफ को चकमा देने के लिये यह तस्कर जिस सीट पर बैठते थे उससे काफी दूर की सीट के पास ब्रीफकेस को रख देते थे ताकि अचानक चेकिंग होने पर वह ब्रीफकेस की किसी दूसरे का होने का चकमा पुलिस को दे सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *