83% तक नकारात्मक प्रतिक्रिया चिंताजनक,न सुधरे तो होगी कार्रवाई

निशंक न्यूज कानपुर।

शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल आईजीआऱएस से शिकायतों के निस्तारण में कानपुर पिछड़ा है। इस बात से जिलाधिकारी बहुंत नाराज हैं। स्वयं रोज ही सरकारी विभागों का निरीक्षण करने तथा कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के बाद भी आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों में 83 फीसद तक की नकारात्मक प्रतिक्रिया को चिंताजनक बताते हुए जिलाधिकारी ने बुधवार को संबंधित विभागों के प्रमुख लोगों की बैठक लेकर साफ कहा कि अगर इसके निस्तारण में सुधार न किया गया तो संबंधित अधिकारियो के खिलाफ अनशासन की कार्रवाई की जाएगी तथा संबंधित विभाग के प्रमुख पर कार्रवाई के लिये शासन को पत्र भी लिखा जाएगा।

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा आज आई.जी.आर.एस. संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु कठोर निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट सभागार में अधिकारियों संग बैठक के दौरान आई.जी.आर.एस. (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) संदर्भों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुशासन की आधारशिला होने के नाते, जन-सामान्य का विश्वास और संतुष्टि सीधे तौर पर इन संदर्भों के प्रभावी समाधान से जुड़ी है। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि दिनांक 03 जून, 2025 को शासन द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन रिपोर्ट में विभिन्न विभागों द्वारा निस्तारित संदर्भों के सापेक्ष प्राप्त नकारात्मक फीडबैक का प्रतिशत चिंताजनक रूप से उच्च पाया गया है।

नागिरकों की अपेक्षाओं की हो रही अनदेखी

विशेष रूप से, कुछ विभागों में यह नकारात्मक फीडबैक 83 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है, जो विभागीय कार्यप्रणाली में गंभीर शिथिलता और नागरिकों की अपेक्षाओं की घोर अनदेखी को दर्शाता है। जिलाधिकारी ने इस स्थिति को अत्यंत खेदजनक बताते हुए कहा कि यह कर्तव्य निर्वहन में स्पष्ट उदासीनता का द्योतक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दर्शाता है कि संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा गंभीरतापूर्वक और गुणवत्तापरक ढंग से शिकायतों का निस्तारण नहीं किया गया है, अथवा उनके पर्यवेक्षणीय दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन नहीं किया गया है।

प्रशासनिक छवि को पहुंच रहा गहरा आघात

जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि इस गंभीर चूक के परिणामस्वरूप, जनपद की रैंकिंग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई है, जिससे जिले की प्रशासनिक छवि को भी गहरा आघात पहुंचा है। इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए, जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों का दायित्व निर्धारण कर नियमानुसार आवश्यक एवं कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें।

सात विभागों को दिया गया कारण बताओ नोटिस

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आईजीआरएस पर शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले. जलकल विभाग, नगर निगम, उप जिलाधिकारी (सदर), कानपुर नगर,. प्रांतीय खंड, लोक निर्माण विभाग,. तहसीलदार (सदर), . जिला विद्यालय निरीक्षक, कानपुर नगर तथा सहायक श्रमायुक्त कानपुर को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। साथ ही, इन विभागों को 10 जून 2025 तक संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि निर्धारित समय-सीमा तक संतोषजनक रिपोर्ट प्राप्त न होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी के विरुद्ध बिना किसी विलंब के अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित कर दिया जाएगा। यह भी कहा गया कि जिलाधिकारी द्वारा यदि निर्धारित तिथि तक संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो इन विभागों के विरुद्ध शासन को दंडात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव शासन को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।

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