वीसी की नजर टेढ़ी हुई तो केडीए ने खाली कराई 35 करोड़ की जमीन

आलोक ठाकुर

कानपुर। दबंगों तथा जमीन चोरों ने आम लोगों को ठग लिया। इन्होंने कम पैसों में सपनों का अशियाना बनाने का झांसा देकर तालाब की जमीन ही लोगों को बेंच डाली और यही नहीं इन अपनी सेटिंग के चलते जमीन खरीदने वालों के मकान बेंचने का झांसा देकर सरकारी जमीन पर अवैध प्लाटिंग करके प्लाट बेंच दिये गय। तो दबंगों ने बिना ड कई मकान बना डाले। कई बार शिकायत के बाद कार्रवाई न होने की बात सामने आने पर केडीए बीसी मदन सिंह गर्व्याल की इस तरह नजर टेढ़ी हुई तो मंगलवार को केडीए की टीम ने ऐसी ही एक जगह से कब्जे हटवाकर करीब 35 करोड़ रुपये की जमीन कब्जा मुक्त कराई।

प्रभावशाली निचले स्तर पर दबवा लेते थे शिकायत

विभागीय सूत्रों की मानी जाए तो कई बार तालाब की जमीन पर कब्जा कर इसे प्रभावशालियों द्वारा बेंचने की शिकायत की गई थी लेकिन इन शिकायतों को निचले स्तर पर केडीए कर्मचारियों के द्वारा ही दबा लिया जाता था। पिछले दिनों कब्जे की यह शिकायत एक बार फिर कीडीए वीसी के सामने आई। उन्होंने पड़ताल कराई तो यह भी सामने आया कि पहले भी इसकी शिकायते आ चुकी थीं इस बात को केडीए वीसी ने गंभीरता से लिया। केडीए वीसी की नजर टेढ़ी होने पर मंगलवार को प्रभावशालियों के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चल गया। करीब 35 करोड़ की सरकारी जमीन को कुछ घंटों में ही मुक्त करा लिया गया। इस कार्रवाई में ओएसडी अजय कुमार, जेई अर्पण सिंह, रामदास व तहसीलदार समेत थाना पुलिस ने संयुक्त अभियान में शामिल रही।

कई साल से किये जा रहे थे कब्जे

जानकार लोगों की मानी जाए तो कुछ प्रभावशाली निचले स्तर के कर्मचारियों तथा पुलिस से मिलीभगत कर केडीए की आंखों में धूल झोंक रहे थे। आम लोगों की गाढ़ी कमाई को किसान की जमीन बताकर प्लाटिंग करके बेंची जा रही थी। केडीए वीसी मदन सिंह गर्ब्याल के पास शिकायत पहुंचने के बाद मंगलवार को जरौली में आराजी संख्या 3520 तालाब की भूमि पर हुए अवैध कब्जे को मुक्त कराया गया। जिसकी कीमत लगभग 35 करोड़ की भूमि को मुक्त कराया गया। बता दे कि बर्रा, जरौली के आसपास तालाब,ग्राम समाज की जमीनों पर अवैधकब्जे करके प्लाटिंग का खेल कई सालों से चल रहा था। किस्तो पर प्लाट खरीद कर लोग फंस रहे थे जिसकी शिकायत वीसी तक पहुंची तो उन्होंने सचिव अभय पांडे को मामले में जाच कर कार्यवाही के निर्देश दिये। साथ ही वीसी ने लोगों से अपील की कि कहीं भी जमीन लेने से पहले सुनिश्चित कर ले कहीं वह जमीन केडीए या सरकारी तो नहीं है।

केडीए की अनुमति के बगैर न कराएं निर्माण

करीब 35 करोड़ रुपये की जमीन कब्जामुक्त कराने के साथ ही केडीए की तरफ से लोगों से यह अपील भी की गई कि कोई भी शासकीय भूमि पर कब्जा अथवा अतिक्रमण न करें। ऐसे अनाधिकृत निर्माण जिनके विरूद्ध कारण बताओ नोटिस आदि जारी किया गया है, उन पर बिना प्राधिकरण की अनुमति के निर्माण कार्य न करें के0डी0ए0 द्वारा नियमानुसार मानचित्र स्वीकृत करा कर ही निर्माण करना सुनिश्चित करें अन्यथा विधिक कार्यवाही की जायेगी। यह भी कहा गया कि कब्जाधारियों के खिलाफ इस तरह का अभियान लगातार चलाया जाता रहेगा।

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