विश्वकर्मा जयंती आज,श्रद्धा से पूजा करें नहीं रहेगी धन-धान्य की कमी

वेद गुप्ता
भगवान विश्वकर्मा की जयंती १७ सितंबर को मनाई जाती है। मतलब आज भगवा विश्वकर्मा की जयंती मनाई जा रही है। हर व्यक्ति जो भी काम करता है उसमें इस्तेमाल होने वाले औजार (उपकरण) की पूजा करने की तैयारी में है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से भगवा विश्वकर्मा पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि में कोई कमी नहीं रहती है।

ब्रह्मा के सातवें पुत्र हैं भगवान विश्वकर्मा

हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि विश्वकर्मा दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर हैं। हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का निर्माणकर्ता और शिल्पकार माना जाता है. इन्हें यंत्रों का देवता कहा जाता है. विश्वकर्मा ब्रह्मा के ७ वें पुत्र हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक़, ब्रह्मा जी के निर्देशानुसार विश्वकर्मा जी ने इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक और लंका आदि राजधानियों का निर्माण किया था।

राहुकाल में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से बचें

हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान विश्वकर्मा जयंती का पर्व कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। विश्वकर्मा पूजा इस साल १७ सितंबर को अर्थात आज है. पंचांग के अनुसार, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त १७ सितंबर को सुबह 6:०7 बजे से लेकर १८ सितंबर को दोपहर 3:36 बजे तक है. ध्यान रहे कि १७ सितंबर को सुबह 12:20 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान विश्वकर्मा पूजा न करें।
कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था। सृष्टि की रचना में विश्वकर्मा ने भगवान ब्रह्मा का सहयोग किया था। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहती है. व्यापार में वृद्धि होती है. जीवन में धन-धान्य और समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती है। उनकी सभी मनोकामना भी पूर्ण होती है।

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