वेद गुप्ता।
कानपुर। देश में लगे आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा लगातार कार्यक्रम करते हुए आम लोगों व युवा पीढ़ी को यह बताने का प्रयास कर रही है कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में रहकर किस तरह से देश में इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र को अपने हाथ में ले लिया था। इस बीच आपातकाल के समय की कुछ फोटो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही है। आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों का कहना है कि लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए गिरफ्तार लोगो ने जेल में शाखा लगाकर सरकार का गुरूर तोड़ने का भी काम किया था।
आज से 50 साल पहले विभिन्न कारणों के चलते देश में इमरजेंसी लगायी गयी थी। तब लोगों के अपने विचार प्रकट करने पर भी अघोषित रूप से अंकुश लगा दिया गया था। उस समय केन्द्र व प्रदेश दोनो ही जगह कांग्रेस की सरकार थी। कोई भी कार्यक्रम करने की कोशिश करने में आयोजक गिरफ्तार कर लिए जाते थे। सरकार के खिलाफ बात करने को प्रशासन की नजर में अपराध माना जाता था। इस दौरान जनसंघ के साथ ही सोसलिस्ट पार्टी तथा अन्य उन राजनीतिक दलों के लोगों को जेल में डाला जा रहा था। जो विपक्ष में रहकर सरकार का विरोध करते थे।
जेल में लगाई थी शाखा लगाते थे सरकार विरोधी नारे

इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले लोगो की मानी जाये तो जेल में भी शुरूआत में सख्ती करने का प्रयास किया गया। लेकिन लोकतंत्र की आवाज उठाने वालो की एकजुटता व साहस देखकर बाद में प्रशासन कुछ नरम पड़ा था। उस समय जेल के बंदी भी आन्दोलन कारियों के साथ हो गये थे। जिसके बाद आन्दोलनकारियों का उत्साह और बढ़ा और यह लोग जेल में बैठके करने के साथ ही एक दिन तो सरकार का गुरूर तोड़ने के लिए इन लोगों ने जेल में शाखा भी लगा दी। लेकिन ध्वज न होने के कारण इस शाखा को सामान्य व्यायाम करने का नाम दिया गया। इस बात की जानकारी जब शासन में पहुंची तो वहां के निर्देश के बाद अधिकारियों ने आन्दोलनकारियों पर कुछ सख्ती भी की।
तीन साल की उर्म में जेल गयी थी नीलिमा कटियार
आपात काल के दौरान जेल जाने वालो में सबसे ज्यादा संख्या जनसंघ से जुड़े लोगों की थी। इनमें उस समय जनसंघ की राजनीति में आगे आगे रहकर काम करने वाली भाजपा की प्रमुख नेता प्रेमलता कटियार भी शामिल थी। जो बाद में कई बार कल्याणपुर क्षेत्र की विधायक रही और भाजपा सरकार में मंत्री भी हुई। बताया गया है कि उस समय प्रेमलता कटियार की पुत्री वर्तमान में कल्याणपुर क्षेत्र की विधायक नीलिमा कटियार की उम्र तीन वर्ष से भी कम थी। पुलिस ने पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के साथ ही उनकी पुत्री नीलिमा कटियार को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एकान्त के समय में आन्दोलनकारी मासूम बच्ची को गोद में खिलाकर अपने मन को हल्का करते थे। नीलिमा को खिलाने के लिए जेल में बंद आन्दोलनकारियों में होड़ मची रहती थी।