पहली सिगरेट पीने के साथ ही कान की ग्रंथियां होती प्रभावितः ज्योति बाबा

निशंक न्यूज।

कानपुर । अगर आप जानते कि सिगरेट के पहले कश के साथ ही शरीर में कैसी कैसी रासायनिक हलचल होने लगती हैं तो यह ना कहते ,जानते हैं सिर्फ एक सिगरेट आपके पूरे जीवन को निकोटिन का गुलाम बना सकती है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में आदर्श नेताजी सुभाष विद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय बाल देखभाल महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कहीं।

कई बीमारी पैदा करती है सिगरेट

स्कूली बच्चों को सिगरेट के नुकसान बताते ज्योति बाबा

ज्योति बाबा ने आगे जोर देकर कहा कि सिगरेट के धुएं के साथ निकोटिन खून में घुलता है और इसका असर मस्तिष्क पर भी होता है दिमाग में आनंद का एहसास कराने वाला डोपामिन रसायन रिलीज होता है सिगरेट की लत के लिए निकोटीन काफी हद तक जिम्मेदार है। ज्योति बाबा ने जोर देकर कहा कि यह बहुत खतरनाक है कि आजकल के स्कूली बच्चों में सिगरेट एक बड़ी लत बनकर धुआं,टार और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण उनके गलों में खराश पैदा करने के साथ सुबह उठने पर कफ की शिकायत बहुत ज्यादा दिखाई पड़ रही है।

सिगरेट छोड़ने से होता है काफी लाभ

राष्ट्रीय बाल देखभाल महोत्सव में ज्योति बाबा ने बच्चों को नशे के रोग से बचाने का किया आवाहन।

ज्योति बाबा ने आगे बताया कि सिगरेट छोड़ने के एक सप्ताह के भीतर आपकी स्वाद और गंध की क्षमता में सुधार हो सकता है तीन महीने के भीतर आपकी खांसी और घरघराहट कम हो जाएगी,आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और हाथों और पैरों में रक्त संचार बेहतर हो जाएगा और आपके फेफड़े,बलगम, टार और धूल को हटाने में बेहतर हो जाएंगे। वरिष्ठ स्वास्थ्य प्रेमी अनिल सिंह राठौर ने कहा कि सिगरेट छोड़ने के एक दिन बाद आपके शरीर में निकोटिन का स्तर भी नाटकीय रूप से कम हो जाता है जैसे-जैसे निकोटिन का स्तर कम होता है आपको निकोटिन की लत और लालसा के लक्षण भी महसूस होने लगेंगे,धूम्रपान छोड़ने की एक अच्छी योजना होने से आपको लालसा का विरोध करने,वापसी के लक्षणों से निपटने और धूम्रपान से दूर रहने में 100% मदद मिल सकती है । इस अवसर पर छात्र तन्मय शर्मा सारांश बाजपेई शैलेश कुमार प्राची सिंह संध्या आरव राज सिंह इत्यादि बच्चों को मां तुझे प्रणाम रैली में नशा मुक्त संकल्प रथ में विशिष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत भी किया गया।

धूम्रपान आफत है देता मौत को दावत है

बच्चों ने जोरदार नारे धूम्रपान भयंकर आफत है– देता मौत को दावत है ,धूम्रपान नहीं है कोई शान– धीरे-धीरे लेता सबके प्राण, गुटखा जो चबाएगा -जिंदगी भी गवाएगा इत्यादि जोश में लगाए। राष्ट्रीय सचिव गीता पाल ने बच्चों से मोबाइल से दूर रहते हुए पढ़ाई पर फोकस करने का आवाहन किया।

अंत में योग गुरू ज्योति बाबा ने सभी को नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प कराया। महोत्सव का संचालन राजेंद्र केसरवानी एवं धन्यवाद प्रधानाचार्य सुरेंद्र कुमार शर्मा ने दिया। अन्य प्रमुख गुरू जन राकेश शर्मा खुशी रोशनी कुमारी प्रगति विश्वकर्मा जितेंद्र यादव राजलक्ष्मी शर्मा इत्यादि थी।

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