आलोक ठाकुर
कानपुर, जनपद में तैनात वन विभाग के एक दरोगा का दोहरा चरित्र सामने आया है। यह दरोगा जब सिपाही था तब एक युवती से शादी तय हुई। शादी होने के पहले ही उसका दरोगा के पद पर चयन होने का संदेश आया तो उसकी नीयत बदल गई और उसने युवती के घर वालों पर दहेज में पचास लाख रुपये का दबाव बनाना शुरू कर दिया। बात यहीं समाप्त नहीं हुई शादी में इतनी रकम दे पाने से असमर्थता जताने पर भी जब यह सिपाही शादी के लिये राजी नहीं हुआ तो युवती ने सिपाही के तैनाती स्थल के जनपद हरदोई में जाकर मुकदमा लिखा दिया। मुकदमा लिखा गया तो नौकरी पर संकट आ गया। नौकरी फंसती देख इस सिपाही ने युवती से समझौता कर आर्य समाज में शादी तो कर ली लेकिन साजिश के तहत इसका पंजीकरण नहीं कराया। शादी के बाद सिपाही व युवती से एक पुत्री भी जन्मी जो बीमार है लेकिन तब तक सिपाही दरोगा बन चुका था उसने मासूम पुत्री के साथ ही पत्नी से भी किनारा कर लिया। अब उसकी पत्नी अपनी मासूम पुत्री के साथ न्याय के लिये दर दर भटक रही है। पिछले दिनों न्याय के लिये युवती पहले डीसीपी दक्षिण के पास गई फिर वन विभाग में जाकर गुहार लगाई तो दरोगा साथ रखने की बात कही लेकिन अकेले। युवती परेशान है कि उसके दरोगा पति के अन्य युवतियों से प्रेम संबंध हैं वह अक्सर रात-रात भर घर नहीं आता है वह सामाजिक तरीके से उसे विदा कराकर अपने घर ले जाए तो ठीक नहीं यह कैसे हो सकता है कि उसके घर व ससुराल वालों से संबंध ही न रखे जाएं।
पहले था सिपाही दरोगा बनते ही बदला रुख
वर्तमान में नौबस्ता थानाक्षेत्र में रहने वाली मोना वर्मा ने पुलिस को बताया कि शादीडॉट काम के माध्यम से उसकी मुलाकात मूलरूप से मुरादाबाद में रहने वाले सार्थक सिंह से हुई थी जो उस समय हरदोई जनपद में सिपाही के पद पर तैनात था। शादी तय होने के बाद तैयारी चल रही थी उस समय शादी में जो खर्च करने की बात आई थी उस पर उसके घर वाले भी तैयार थे इस बीच सार्थक का चयन दरोगा के पद पर हो गया तो वह शादी करने की बात से पीछे हटने लगा उसने दहेज में 50 लाख रुपया खर्च करने की बात शुरू कर दी। मोना की तरफ से इतना पैसा देने की बात से इन्कार किया तो सिपाही से दरोगा के बनने की राह पर चल पड़े सार्थक ने दूसरी जगह शादी करने की बात शुरू कर दी और उसने मोना को बताया कि उसके संपर्क में अन्य लड़कियां भी हैं। इस बात से परेशान होकर मोना ने सार्थक के तैनाती स्थल हरदोई जनपद में जाकर पुलिस अधिकारियों से शिकायत की। मोना ने शादी न करने पर मुकदमा लिखाने की बात कही तो सिपाही सार्थक को नौकरी तथा दरोगा के चयन पर संकट आते दिखने लगा। इधर हरदोई में उसके प्रार्थना पत्र के आधार पर सार्थक को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन होने के बाद दबाव में आये सार्थक ने मोना से हरदोई में ही आर्य समाज में शादी कर ली। जिसके फोटो भी खींचे गए।
आर्य समाज से शादी की नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
मोना ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि शादी हो जाने की बात से वह संतुष्ट थी। उसके घर वालों ने कानपुर में शादी का रिशेप्शन रखा था जिसमें भी लाखों रुपये खर्च हुए लेकिन सार्थक के मन में खोट था। उसने इस शादी का कोर्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। औऱ जब उसकी तैनाती दरोगा के पद पर हो गयी तो वह दहेज की मांग तथा अन्य बातों को लेकर मोना को प्रताड़ित करने लगा। मोना का आरोप है कि सार्थक व उसके परिवार वाले एक चार पहिया गाड़ी तथा बीस लाख रुपये नकद देने का दबाव बनाते थे। उसका कहना है कि उसे प्रताड़ित करने के लिये उसके वन दरोगा पति ने कुछ और लड़कियों से संबंध बना लिये इसमें कानपुर के ही ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली एक लड़की से इतनी अंतरंगता हो गई कि दरोगा सार्थक अपनी वर्दी पहनाकर उसकी रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालने लगा इस बात की जानकारी होने पर मोना ने पिछले दिनों अपने पति के खिलाफ डीसीपी दक्षिण के कार्यालय में गुहार लगाई। इसके बाद वह पति की शिकायत लेकर वन विभाग के कार्यालय पहुंची और बताया कि उसका पति किस तरह उसे प्रताड़ित कर रहा है।
घर वालों से किनारा करने को कहा
यहां मासूम बच्चे के साथ पहुंची युवती की बात सुनने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने सार्थक पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया तो वह इस बात पर राजी हुआ कि वह पत्नी मोना को अपने साथ रखने को तैयार है लेकिन उसके घर वालों से कोई संबंध नहीं होंगे ना ही मोना उसके घर वालों से संबंध रखेगी इस बात से मोना परेशान है और उसका कहना है कि पति दूसरी लड़की के चक्कर में अक्सर घर से गायब रहता था वह खर्च के लिये पैसे भी नहीं देता था अगर वह साथ गई तो उसे अकेले कमरे में रखकर प्रताड़ित किया जाएगा। वह सामाजित तरीके से उसे विदा कराकर अपने घर ले जाए। इस पर अधिकारियों ने आपस में समझौता करने की बात कही।