विकास वाजपेयी
कानपुर। भूमाफिया गजेन्द्र सिंह नेगी से रावतपुर इंस्पेक्टर की यारी थी। इस यारी को निभाने के लिए इंस्पेक्टर अपने विभाग व पुलिस अधिकारियों से गद्दारी करता रहा। सब कुछ सामने आने पर रावतपुर इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया। भूमाफिया से यारी में निलंबित किए गए इंस्पेक्टर केके मिश्रा और नेगी की यारी का खुलासा नेगी व उसके परिवार के फोन की कॉल डिटेल से सामने आई और पुलिस अधिकारियों को पता चला कि इंस्पेक्टर अपने ही विभाग और विभागीय अधिकारियों से गद्दारी कर रहा है।
लच्छेदार बातों से अफसरों को धोखा देता रहा इंस्पेक्टर
जानकार पुलिस सूत्रों की मानी जाये तो जांच में सामने आया कि लच्छेदार बाते करने में माहिर रावतपुर इंस्पेक्टर केके मिश्रा काफी दिन तक अपनी बातो से पुलिस अधिकारियों को धोखा देता रहा। अब तक की जांच में सामने आया है कि निमान पुलिस आयुक्त अखिल कुमार द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाये गये अभियान में गजेन्द्र सिंह नेगी का नाम काफी पहले सामने आया था। नेगी से पीड़ित कई लोग रावतपुर पुलिस के पास मुकदमा लिखाने गये लेकिन थाना प्रभारी इन्हे टरका देता रहा। अधिकारी जब भी जवाब तलब करते तो इंस्पेक्टर कोई न कोई कहानी बताकर नेगी को बचा लेता था। तत्कालीन पुलिस आयुक्त अखिल कुमार द्वारा आपरेशन महाकाल शुरू करने पर नेगी के खिलाफ कई शिकायते एसआईटी के पास पहुंची तो नेगी की ऊची राजनीतिक पकड़ की जानकारी हो जाने के कारण अधिकारियों ने रावतपुर थाना प्रभारी केके मिश्रा को साफ निर्देश दिए की वह नेगी को हिरासत में ले ले ताकि मुकदमा दर्ज कर तुरन्त उस पर काररवाई की जा सके लेकिन पुलिस इंस्पेक्टर ने नेगी को हिरासत में नही लिया।
माफिया उसके परिजनों से अक्सर बात करता था थानाप्रभारी
जानकार पुलिस सूत्रो की मानी जाये तो भूमाफिया गजेन्द्र सिंह नेगी और रावतपुर इंस्पेक्टर कृष्णकांत मिश्रा के गठजो़ड़ की पोल नेगी के सीडिआर से निकली। पुलिस ने काफी दिन तक नेगी के हाथ न लगने पर नेगी उसकी पत्नी तथा भाईयो के फोन को सर्विलांस पर लिया साथ ही इनके फोन नंबरो की काल डिटेल भी निकलवायी। काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) में सामने आया कि पुलिस अधिकारी को नेगी की तलाश के लिए अभियान चला रहे थे। लेकिन रावतपुर इंस्पेक्टर केके मिश्रा लगातार नेगी और उनके परिवार के सदस्यों के सम्पर्क में था। कई बार तो एेसा भी हुआ कि जिस समय पुलिस अधिकारी ने नेगी की गिरफ्तारी की रणनीति बनायी उसके कुछ समय बाद ही इंस्पेक्टर द्वारा भूमाफिया नेगी अथवा उसके परिवार के सदस्यों से बात की गयी। जिससे इस बात की चुगली हो रही थी कि रावतपुर इंस्पेक्टर नेगी के खिलाफ पुलिस अधिकारियों द्वारा बनायी गयी रणनीति की जानकारी नेगी तक पहुंचा रहा है।
नये पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने किया निलंबित

बताया गया है कि अखिल कुमार के बाद कानपुर में पुलिस आयुक्त बनकर आये तेजतर्रार आईपीएस रघुबीर लाल ने एसआईटी में चल रहे मामलो की समीक्षा की तो रावतपुर इंस्पेक्टर की यह गद्दारी उनके सामने आयी जिसे गम्भीरता से लेकर पुलिस आयुक्त ने गुपचुप जांच करायी और कागजो में सारा खेल मिलने पर इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया।
सीडीआर से खुल गया खेल, जांच जारीः जेसीपी

सहायक पुलिस आयुक्त आशुतोष कुमार का कहना है कि आपरेशन महाकाल में कई शिकायतें आने और एसआईटी की जांच में आरोप सही मिलने पर रावतपुर इंस्पेक्टर को कई बार कहा गया कि वह नेगी को गिरफ्तार करे लेकिन इंस्पेक्टर ने ऐसा नहीं किया। सीडीआर में सामने आया कि वह लगातार माफिया नेगी तथा उसकी पत्नी से बात कर रहा था। सारे प्रमाण कागजों में होने के बाद पुष्टि हुई कि वह विभागीय अधिकारियों को धोखा दे रहा था। जांच में इन बातों की पुष्टि होने के बाद रावतपुर इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच जारी है।