निशंक न्यूज, कानपुर।
अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के जेल भेजने व रिमांड पर लेने के बाद अब पुलिस ने दीनू के करीबी लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दीनू के खास साथियों में शामिल अधिवक्ता नारायण सिंह भदौरिया तथा नीरज दुबे की तलाश में मंगलवार को पुलिस ने उत्तर व दक्षिण दोनों ही इलाकों में छापेमारी की। इस दौरान दीनू के साथ मुकदमों में नामजद यह दोनों पुलिस के हाथ तो नहीं लगे लेकिन इनके घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल देख लोग तरह तरह की चर्चाएं करते रहे। इधर यह बात भी सामने आई है कि कोहना थानाक्षेत्र में एक कैंसर पीड़ित को धमकाने के मामले में पुलिस जल्द ही नारायण सिंह तथा उसके साथियों पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
दीनू पर दर्ज हो चुके हैं कई मुकदमें
बताया गया है कि अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के खिलाफ जमीन के काम में खेल करने कई लोगों को धमकाने तथा मारपीट करने की घटनाओं में आदि में नवाबगंज थानाक्षेत्र में रहने वाले दीनू उपाध्याय के खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। दीनू की अधिवक्ता की डिग्री भी फर्जी होने का मुकदमा दर्ज किया गया था जिसकी जांच में यह सामने आया कि दीनू ने बिहार के आरा इलाके में स्थित जिस कालेज से एलएलबी की डिग्री ली वह भी दागी रहा है और उस कालेज के कई कर्मचारी घालमेल करने के मामले में जेल गये अथवा निलंबित किये गये इसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि दीनू ने भी गलत प्रमाण पत्र लगाकर एलएलबी की डिग्री हासिल की। इस मामले में पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
डीसीपी की अगुवाई में मारा गया दो के ठिकानों पर छापा

दीनू गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। मंगलवार को डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता के नेतृत्व में दीनू गैंग के मुख्य सदस्य नीरज दुबे और धीरज दुबे के ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी। थाना हबंशमोहाल में दोनों आरोपियों पर एक गंभीर मुकदमा दर्ज है जिसको लेकर पुलिस लगातार नीरज और धीरज की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। हालांकि मौके पर दोनों ही आरोपी नहीं मिले।
नारायण सिंह भदौरिया के घर पहुंची कई थानों की पुलिस

उधर साउथ सिटी के थाना नौबस्ता में दीनू गैंग के सदस्य नारायण सिंह भदौरिया पर दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी को लेकर एसीपी बाबूपुरवा दिलीप कुमार सिंह की अगुवाई में सर्किल फ़ोर्स के साथ नारायण सिंह के दोनों घरों पर छापा मारा गया। लेकिन वह पुलिस को नहीं मिला। नारायण के खिलाफ पहले भी मुकदमें दर्ज हो चुके हैं इधर दीनू की गिरफ्तारी के बाद भी उसका कई मामलों में नाम सामने आया जिसमें यह कहा गया कि नारायण सिंह भदौरिया स्वयं को अधिवक्ता तथा एक राजनीतिक दल से जुड़ा बताकर क्षेत्र में दबाव बनाए था और इसी दबाव के चलते लोगों को धमकाकर अथवा फर्जी कागज के आधार पर जमीन ले लेता था। इस दौरान इनके घर के बाहर जमा लोग पुलिस कर्मियों से जानकारी करने का प्रयास करते रहे क्योंकि कुछ समय पहले तक इन दोनों का अपने घर के आसपास काफी रुतबा रहता था।