सड़क हादसे रोकने को पुलिस ने बनाई कार्य योजना

विकास वाजपेयी

कानपुर। कानपुर सागर राजमार्ग पर सड़क हादसे रोकने के लिये पुलिस ने कारगर योजना तैयार की है। इस योजना में तय किया गया है कि, नौबस्ता चौराहे से रमईपुर तक वाहनों की रफ्तार पर लगाम रहेगी। इस वास्ते कदम-कदम पर ट्रैफिक दस्ता मुस्तैद रहेगा। बीस किलोमीटर की दूरी के अंतराल पर ओवरस्पीडिंग वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए इंटरसेप्टर मोबाइल वाहन तैनात रहेंगे। रोजाना वाहनों की लोकेशन बदलती रहेगी, ताकि गच्चा देने वाले खुद जाल में फंसे। सख्ती के पहले दिन 977 वाहनों का ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में चालान किया गया। इस आंकड़े में 171 वाहन ऐसे हैं, जिन्हें ओवरस्पीडिंग में जुर्माना अदा करना पड़ा है।

कानपुर- सागर राजमार्ग पर पाए गए सात ब्लैक स्पॉट

ट्रैफिक विभाग और आरटीओ के रिकार्ड के अनुसार कानपुर-सागर हाईवे पर कुल सात ब्लैक स्पॉट हैं, जहां सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं। ये ब्लैक स्पॉट सजेती थाना क्षेत्र में रामपुर दुर्गा मंदिर, आनूपुर मोड़, बिधनू में अफजलपुर, हरबसपुर, रमईपुर, शंभुआ पुल व कल्याणपुर में दलहन क्रॉसिंग के पास स्थित हैं। गौरतलब है कि, दो दिन पहले बिधनू के अफजलपुर में बाइक सवार तीन युवकों को सरकारी बस ने मौत के हवाले कर दिया है। पड़ताल में सामने आया कि, रमईपुर में सड़क से एक फुट ऊपर बने नाले की वजह से सड़कों के सोल्डर गायब हैं, इस कारण भी दुर्घटनाएं होती हैं। इसके साथ ही घुमावदार मोड़ पर भी ओवरटेक करने के चिन्ह बनाए गए हैं।

बंद किये जाएंगे दो दर्जन डिवाइडर कट

बहरहाल, सोमवार को जिलाधिकारी की पहल पर कानपुर-सागर हाइवे का विशेष सर्वे किया गया। इस सर्वे में ट्रैफिक, पीडब्ल्यूडी, परिवहन और एनएचएआई की संयुक्त टीम ने हिस्सा लिया। टीम ने नौबस्ता से हमीरपुर तक के मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान पांच नए स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया। टीम ने पाया कि कई जगहों पर अनियमित रूप से वाहन खड़े किए जाते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इन स्थानों पर वाहन पार्किंग पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। जहांगीराबाद स्थित राजकीय विद्यालय के सामने स्पीड ब्रेकर बनाने की योजना है। कुछ मोड़ों पर सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण वहां चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी रखा गया है। साथ ही नौबस्ता चौराहे से बिधनू तक डिवाइडर के अवैध कट बंद किए जाएंगे।

सड़क हादसों में यूपी अव्वल नंबर

केंद्र सरकार के डाटा के अनुसार रोड एक्सीडेंट से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे अव्वल है। वर्ष 2018 से 2024 के बीच सिर्फ उत्तर प्रदेश में एक लाख बीस हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। कानपुर में सत्यपथ फाउंडेशन के सर्वे के मुताबिक, पिछले 10 साल में कानपुर-सागर हाई-वे पर 1000 से ज्यादा जिंदगियों का सफर थमा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मानक के विपरीत डिवाइडर, बेलगाम चलते मौरंग के डंपर और पुलिस की अनदेखी की वजह से हाइ-वे पर मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं। फिलहाल, ट्रैफिक पुलिस ने कानपुर-सागर हाई-वे पर निगरानी और सख्ती बढ़ाकर मौत और दुर्घटना के ग्राफ को नीचे करने का दावा किया है।

आठ स्थानों पर बैरियर बनाकर की जा रही चेकिंग

डीसीपी ट्रैफिक रवींद्र कुमार

सख्ती के पहले दिन ट्रैफिक पुलिस ने कानपुर-सागर हाई-वे पर आठ स्थानों पर बैरियर बनाकर ओवरस्पीडिंग को कंट्रोल करने का प्रयास किया है। नौबस्ता से घाटमपुर तक 20 किलोमीटर के अंतराल पर तीन इंटरसेप्टर वाहनों को तैनात किया गया है। स्पीडगन के जरिए फर्राटा भरने वाले 171 वाहनों को पकड़कर जुर्माना वसूला गया। इस वाहनों में 28 ट्रक, 06 बस और 104 कार-बाइक हैं। इसी प्रकार एनएच-19 पर 22 ट्रकों के साथ 73 कार-बाइक का ओवरस्पीडिंग में चालान किया गया। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को गलत दिशा में चलने के कारण 202 वाहनों का चालान किया गया, जबकि दोपहिया पर तीन सवारी में 68 वाहनों से जुर्माना वसूला गया।

सामने आएंगे सार्थक परिणाम

कानपुर के डीसीपी ट्रैफिक रवींद्र कुमार का कहना है कि कानपुर-सागर हाई-वे पर दुर्घटनाओं में कमी के लिए समग्र प्रयास किये गये हैं। स्पीडगन के जरिए रफ्तार पर अंकुश की कोशिश है। उम्मीद है कि, सार्थक परिणाम सामने आएंगे।

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