कभी एक दूसरे के पूरक थे पिच्चा-सबलू

सरस वाजपेयी।

कानपुर। मुस्लिम क्षेत्र में नये गैंगवार के सूत्रधार बने कुख्यात शाहिद पिच्चा और डी 2 गैंग से जु़ड़े हिस्ट्रीशीटर एजाजुद्दीन उर्फ सबलू एक समय में एक दूसरे के पूरक माने जाते थे। उस समय तक अपराध जगत में गहरी जड़े जमा चुका पिच्चा जब भी क्षेत्र में निकलता था तो उसकी बाईक अक्सर सबलू ही चलाता था। दोनो को एक दूसरे पर इतना विश्वास था कि नई जगह पर दोनो साथ ही जाते थे। प्रापट्री के कारोबार में पैसा आने लगा तो ज्यादा पैसा हासिल करने के लिए दोनो के बीच दुरिया बढ़ने लगी और प्रापट्री का यह काम ही दोनो के बीच दुश्मनी का कारण बना। जो सबलू पर जानलेवा हमले के बाद गैंगवार में बदलता दिख रहा है।

सबलू पर हमले में शाहिद पिच्चा उसकी मां व बहनोई भी आरोपित

सोशल मीडिया में प्रसारित एक फोटो में शाहित पिच्चा व सनी मौरंग दोनों को सबलू पर हमले में नामजद किया गया है। फाइल फोटो

बताते चलें कि सोमवार की रात मोतीझील के पास चाय पीने जा रहे एजाजुद्दीन उर्फ सबलू पर बाइक सवार लोगों ने हमला किया था जिसमें सबलू की गर्दन पर गोली में लगी। इस घटना में सब्लू की तरफ से लिखाई गई एफआईआऱ में मुस्लिम क्षेत्र में जमीन का काम करने वाले फिरोज उर्फ भईया, शाहिद पिच्चा, उसकी मां तथा बहनोई जीशान मौरंग सनी मौरंग के साथ ही शाहिद पिच्चा के साथ रहने वाले यूसुफ चटनी को नामजद कराते हुए तीन अन्य को भी आरोपित बनाया गया है। इस घटना के बाद मुस्लिम क्षेत्र में एक बार फिर गैंगवार छिड़ने की संभावना जताई जाने लगी है।

पिच्चा का दाहिना हाथ बनकर चलता था सबलू

सोशल मीडिया में प्रसारित सबलू कांड में नामजद चटनी की फोटो फाइल फोटो

मुस्लिम क्षेत्र से जुड़े प्रमुख लोगों तथा इस क्षेत्र में लम्बे समय तक तैनात रहे पुलिस सूत्रो की मानी जाये तो शुरूआती दिनो में सबलू शाहिद पिच्चा का शार्गिद बनकर रहता था। शाहिद पिच्चा के पिता की कपड़े की दुकान में सबलू घंटों बैठा रहता था और ग्राहको को कपड़े दिखाने व उनकी तह लगाने के काम में पिच्चा वह उसके पिता की मदद भी करता था। दुकान छोड़ने के समय पिच्चा व सबलू एक साथ ही निकलते थे उस समय तक पिच्चा बड़े अपराधियों के सम्पर्क में आ चुका था, और उसका क्षेत्र में दबदबा भी बन चुका था। कहा जा रहा है कि पिच्चा के दबदबे के चलते सबलू भी अपनी क्षेत्र में हनक बनाना चाहता था इसलिए भी वह अक्सर पिच्चा को पीछे बैठाकर बाईक पर चलता था।

हत्या के प्रयास में पिच्चा-सबलू एक साथ हुए थे नामजद

मुस्लिम क्षेत्र के जानकार लोगों की मानी जाए तो शाहिद पिच्चा व सबलू के बीच इतनी गहरी दोस्ती थी कि दबाव बनाने के लिये जब भी पिच्चा कहीं जाता था तब सबलू उसके साथ ही होता था। आज के गैंगवार में आमने-सामने खड़े शाहिद पिच्चा और एजाजुद्दीन उर्फ सबलू किस तरह एक दूसरे के लिये मरते थे इसकी चुगली चमनगंज थानाक्षेत्र में हुई हत्या के प्रयास की एक घटना करती है जिसमें पिच्चा ने क्षेत्र में गैस रीफिलिंग का काम करने वाले लाला पर दबाव बनाया लेकिन शुरुआत में बात नहीं बनी तो इन लोगों ने गैस का काम करने वाले इस लाला पर गोली चला दी। हत्या के प्रयास की इस घटना में शाहिद पिच्चा व सबलू दोनों ही एक साथ नामजद हुए और जेल भी गये। इसके अलावा भी कई घटनाओं में दोनों साथ रहे लेकिन तब पिच्चा के तत्कालीन सपा विधायक के संपर्क के कारण इन घटनाओं में मुकदमा दर्ज होने के बजाए प्रभावशाली लोगों ने बैठकर समझौता करा दिया।

एक दूसरे को बचाने में लगा दे थे जान

जानकार सूत्रों की मानी जाए तो अपराध की दुनिया में शाहिद पिच्चा सीनियर था इस कारण शुरुआत में सबलू उसके कहने पर कई काम स्वयं ही जाकर निपटा लेता था। दोनों में सामंजस्य इतना बेहतर था कि दोनों एक दूसरे की मदद करने के लिये आगे-आगे रहते थे। जैसे अपराध जगत में दबदबा होने के कारण अगर किसी का मकान विवाद होता था तो केवल एक बार ही पिच्चा सामने आता था बाकी सारा काम सबलू जाकर पूरा करा लेता था। इसी तरह अगर सबलू कहीं फंसता तो पिच्चा अपने संबंधों का इस्तेमाल कर उसे बचाने के लिये दिन रात एक कर देता। बताया गया है कि एक बार पिस्टल बेंचने के आरोप में कलक्टर गंज के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी सुरेंंद्र नाथ तिवारी की टीम ने सबलू को स्टेशन के पास से हिरासत में लिया। पुलिस को सूचना थी कि सबलू गोवा में पिस्टल बेंचने जा रहा था इस बात की जानकारी मिलते ही सबलू को छुड़ाने के लिये पिच्चा ने अपने प्रभाव व राजनीतिक संबंध का इस्तेमाल कर तत्कालीन सपा विधायक से पुलिस पर दबाव बनवाकर सबलू को जेल जाने से बचा लिया। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी इसलिये पुलिस सपा के विधायक के दबाव के कारण सबलू से ज्यादा कड़ाई से पूछताछ भी नहीं कर सकी थी।

जमीन के काम से बढ़ी कमाई तो दोनों में पड़ी दरार

पुलिस सूत्रों का कहना है कि एक दूसरे के साथ रहने वाले पिच्चा व सबलू जब गैस वाले पर जानलेवा हमला करने में नामजद होने के बाद जेल गए तब सबलू का नाम भी अपराध जगत में तेजी से उभरा। इस बीच एक सपा के संगठन से जुड़े एक सपा नेता के करीबी ने सबलू पर हाथ रख दिया। शुरुआत में तो सपा नेता के करीबी द्वारा मकान खाली कराने के बदले जो रकम दी जाती थी वह पिच्चा व सबलू के बीच बराबर बंटती थी फिर पिच्चा ने अपना हिस्सा बढ़ा लिया वह मिलने वाली रकम को सबलू के सामने कम बताने लगा। सपा नेता के ॅलबली् से युवक ने ही यह बात सबलू को बता दी जिससे दोनों के बीच दरार बढ़ी। गैस वाले पर जानलेवा हमला करने की घटना में सबलू पहले जमानत पर छूट गया अपराधिक इतिहास होने के कारण पिच्चा की जमानत होने में देर लगी। जिसके चलते इस बीच के समय में ही सबलू ने जमीन के काम में अपना दखल बढ़ा लिया और जब पिच्चा जेल से छूटा तब तक सबलू अपने अतिकरीबी पिच्चा को संरक्षण देने वाले तत्कालीन सपा विधायक के राजनीतिक विरोधी दो प्रभावशाली सपा नेताओं के संपर्क में आ गया। जिसके चलते उसका भी प्रभाव बढ़ चुका था और उसने जेल से छूटे पिच्चा से दूरी बना ली। आमना-सामना न हो इसलिये सबलू ने अपने रहने का ठिकाना भी बदल दिया क्योंकि उसे डर था कि कुछ दूरी पर ही दोनों का घर होने के कारण पिच्चा व उसका आमना सामना हो सकता है क्योंकि उस समय पिच्चा के पास युवाओं की टीम ज्यादा थी इससे सबलू को डर भी था कि आमना-सामना होने पर उसे नुकसान हो सकता है।

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