विकास वाजपेयी
कानपुर। कच्ची उम्र या फिर क्रोध-आवेश-संगत के कारण जरायम में पहला कदम रखने वालों को सुधरने का मौका मिलेगा। बदनाम इतिहास के कारण नौकरी की उम्मीद काफूर है तो सरकार स्वरोजगार के दरवाजे खोलने के लिए तैयार है। इक्का-दुक्का अपराध से वास्ता था और आगे जरायम से तौबा का पक्का इरादा है तो मौका मत चूकना। सिर्फ आधार और पैनकार्ड लेकर करीबी थाना अथवा एसीपी दफ्तर पहुंचकर नाम-पता दर्ज कराओ। इसके बाद पुलिस आफिस में कौशल विकास मिशन के जरिए हुनर को निखारा जाएगा। बैंक वाले पांच लाख का कर्ज भी बगैर गारंटी मुहैया कराएं, वह भी ब्याजमुक्त और दस फीसदी सब्सिडी के साथ। प्रदेश सरकार की इस नायाब योजना को बतौर पायलट प्रोजेक्ट कानपुर में लागू किया गया है। झंडाबरदार बनी है कमिश्नरेट पुलिस।
18 से 40 साल उम्र वाले सामान्य अपराधियों को दिलाय जाएगा रोजगार
प्रदेश सरकार के ऑपरेशन हौंसला के जरिए सिर्फ ऐसे चेहरों को रोजगार की उम्मीद से जोड़ा जाएगा, जिनका इक्का-दुक्का मामूली अपराधों में नाम पुलिस रजिस्टर में दर्ज हुआ है। खौफनाक अपराध से वास्ता रखने वाले और आदतन अपराधियों के लिए सरकार दरियादिल नहीं होगी। एडीसीपी मुख्यालय महेश कुमार के मुताबिक, 18 से 40 साल की उम्र के दरमियान वाले अपराधियों को कौशल विकास मिशन के जरिए हुनरमंद बनाने के वास्ते गुरुवार से पुलिस आफिस में प्रशिक्षण कार्यशाला का श्रीगणेश किया जाएगा। प्रशिक्षण के दरमियान, आवश्यकता के आधार पर विभिन्न सरकारी महकमों से भी ट्रेनिंग का इंतजाम किया गया है। पहले चरण में पचास नौजवानों को हुनरमंद बनाने की तैयारी है।
बगैर गारंटी दिलाया जाएगा पांच लाख का कर्ज
हुनरमंद बनने के बाद सरकारी बैंक से पांच लाख रुपए का बेमियादी कर्ज मुहैया कराया जाएगा। रोजगार से कमाई के आधार पर 10-15 साल की अवधि में दस फीसदी सब्सिडी के साथ ब्याजमुक्त कर्ज को चुकता करने की सहूलियत इस योजना के जरिए हासिल होगी। कहने का अर्थ यह कि, पांच लाख रुपए कर्ज हासिल करने के बाद सिर्फ साढ़े चार लाख रुपए ही बैंक को वापस करने होंगे। प्रशिक्षण के इच्छुक नौजवानों को निकटवर्ती थाना अथवा एसीपी दफ्तर में आवेदन करना होगा। दावा किया गया है कि, कर्ज के लिए किसी गारंटर की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ आधार कार्ड और पैनकार्ड की छायाप्रति जमा करनी होगी। पढ़ाई-लिखाई के हिसाब से ऑपरेशन हौंसला का हिस्सा बनने के लिए आठवीं पास की मार्कशीट दिखना अनिवार्य है।