ठीक हो गया घुटना अब करूंगी केदार नाथ के दर्शन

निशंक न्यूज।

कानपुर। बर्रा में स्थित सत्या ट्रामा सेंटर में घुटनों का उपचार कराने के बाद खुश महिला मरीज इतना खुश थी कि आज जब उन्हें समागम कार्यक्रम में बुलाया गया तो वह खुश होकर बोलीं कि अब घुटना ठीक हो गया चलने में दिक्कत नहीं है अब मैं केदार नाथ के दर्शन की अभिलाषा पूरी कर सकूंगी वह खुशी में यह भी कह गईं कि अब घर की शादी में डांस भी कर सकूंगी। मौका था सत्या ट्रामा सेंटर के संचालक प्रमुख अस्थि रोग विशेषक्ष डाक्टर एके अग्रवाल द्वारा आयोजित मरीजों के समागम कार्यक्रम का यहां मरीजों को गठिया की बीमारी के प्रति जागरूक भी किया गया।

बीमारी से बचने के तरीके बताए

कानपुर के बर्रा इलाके में स्थित सत्य ट्रामा एंड मैटरनिटी सेंटर में नी रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट, गठिया, गठिया से मुक्ति एक विशेष समागम कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अस्थि रोग विशेषज्ञ डाक्टर एके अग्रवाल तथा उनकी पत्नी महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाक्टर मनीषा अग्रवाल ने समागम कार्यक्रम में मौजूद मरीजों तथा अपना उपचार कराकर बेहतर जीवन जी रहे मरीजों को बीमारियों के संबंध जानकारी दी इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया कि बीमारियों से कैसे बचाव किया जाए। यह कहा गया कि दिन चर्या में थोड़ा बदलाव करने से भी बीमारी को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।

गरीब मरीजों को दी जाती रियायत

कानपुर दक्षिण के बर्रा स्थित सत्य ट्रामा एंड मैटरनिटी सेंटर में नी रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट एवं गठिया से स्वस्थ हो चुके मरीज तथा गठिया से पीड़ित मरीज आपस में अनुभवबांझपन जैसी जटिल बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है। यहाँ गरीबों को निःशुल्क अथवा रियायती दरों पर उपचार उपलब्ध कराया जाता है, जिसके कारण देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मरीज यहाँ आकर अपना इलाज कराते हैं।

मरीजों से साझा किये अनुभव, डाक्टर को दीं दुआएं

इसी क्रम में अस्पताल के द्वारा गठिया से मुक्ति एक विशेष समागम कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अस्पताल के डायरेक्टर घुटने के विशेषज्ञ डॉ ए के अग्रवाल ने बताया कि नी रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट एवं गठिया से स्वस्थ हो चुके मरीज तथा गठिया से पीड़ित मरीज आपस में अनुभव साझा किया।

विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने गठिया पर व्याख्यान किया। गठिया से कैसे विजय पायें, विषय पर चर्चा गई। घुटना प्रत्यारोपण के बाद जिंदगी कैसी रहती है, संबंधित भ्रांतियां दूर की गई। वे भी सीधे रोगी एक दूसरे से घुटना प्रत्यारोपण के अनुभव साझा किया।

इस अवसर पर गठिया मरीजों के बीच मनोरंजक गतिविधियाँ, खेलकूद एवं अन्य प्रतियोगी कार्यक्रम आयोजित कि गई। ये प्रयास किया गया कि कैसे गठिया रोगी सामान्य जिंदगी जी सकें।

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