ट्यूमर, लिवर, किडनी ,मधुमेह, उच्च रक्तचाप से बचा रहे औषधीय पौधे

प्रदीप शर्मा

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्थापित औषधीय वाटिका में लगे पौधे कई गंभीर बीमारियों के रोकथाम में सहायक साबित हो रहे हैं। इस वाटिका में करीब पौने दो सौ औषधीय पौधे लगाए गए हैं इन पौधों के बीच में जाने से ही लोगों को काफी बेहतर महसूस होता है। यह बात वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक नेकही।

डा.पाठक ने यह बात छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में विश्व योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित प्रकृति से स्वास्थ्य संवर्धन विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्रकृति का महत्व एक ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए कही। वह इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम में

डॉ.वंदना पाठक ने कहा कि परिसर में स्थित औषधीय वाटिका जन सामान्य के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। जिसमें लगभग 180 प्रकार के औषधीय जीवनदायनी पौधे वाटिका की शोभा को जीवंत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाटिका में स्थापित चिकित्सा एवं आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि एवं औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तक महर्षि चरक की मूर्ति जिसको विश्वविद्यालय के फाइनआर्ट विभाग द्वारा निर्मित कर स्थापित किया गया है वाटिका में लोगों के आकर्षण का केंद्र है। डॉ वंदना ने कहा कि वाटिका में लगे पौधें ट्यूमर, लिवर, किडनी ,मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि रोगों के रोकथाम हेतु अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में कार्यरत 60 से अधिक कर्मचारियों के परिवारों को व्यसन से मुक्ति दिलाने में औषधिय वाटिका की महत्वपूर्ण भूमिका है।

औषधीय पौधों को उसुरक्षित एवं संरक्षित करना मनुष्य का नैतिक कर्तव्य

प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी कहा कि प्रकृति सभी औषधीय पौधों को उत्पन्न करती है जिसको सुरक्षित एवं संरक्षित करना मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि वाटिका में लगे प्रत्येक पौधे के बारे में जानकारी के लिए विश्वविद्यालय द्वारा क्यूआर कोड लगाया गया है जो छात्रों एवं आमजनमानस को पौधों से संबंधित वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त करने में सहायक हैं। जिसमें पौधे एवं उसके स्वास्थ्य संबंधी लाभ तथा दैनिक मानव जीवन में उपयोग आदि विषयों पर जानकारी मिलती है। स्कूल ऑफ़ एडवांस्ड एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. हिमांशु त्रिवेदी ने कहा कि औषधीय वाटिका की सार्थकता इसमे है कि जन सामान्य यहाँ पर लगाये गए औषधीय पौधों को पहचानने तथा उनके लाभ से परिचित होने लगे। प्रकृति माता हमे पोषण के साथ आधिव्याधि निवारण हेतु औषधीय पौधों के माध्यम से हमारे स्वास्थ्य का संरक्षण करती हैं। यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों शिक्षकों सहित जन सामान्य के लिए बड़ी उपयोगी है। इस प्रदर्शनी में १८० से अधिक औषधीय पौधों को देखने पहचानने का अवसर प्राप्त हो सकेगा जो कि छात्रों तथा आमजनमानस हेतु आवश्यक एवं उपयोगी सिद्ध होगा। वाटिका में मखाना, हींग , पान, मडूकपर्णी , इंसुलिन, रुद्राक्ष जैसे पौधे मुख्य आकर्षण के केंद्र बने जिसके बारे में जानने के प्रति छात्रों में विशेष उत्सुकता रही।छात्र क्यूआर कोड के माध्यम से पौधों के बारे में जानकारी एकत्र करते दिखे। कार्यक्रम मे डॉ. प्रवीण भाई पटेल, डॉ.रंजना गौतम, डॉ.अंकित सिंह भदौरिया, डॉ. अभिषेक तिवारी ,डॉ. रोहित , डॉ. श्रेया, डॉ. शुभम बाजपेई , सुभाष चंद्रा जी , राम किशोर, राकेश मिश्र, शिवम दीक्षित, सुमित कुमार शुक्ल, आदि की मुख्य भूमिका रही।। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक छात्र कर्मचारी आदि मौजूद रहे।

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