अमित गुप्ता
कानपुर। स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस की व्यस्तता के चलते कचहरी में होने वाले लायर्स एसोसिएशन के चुनाव की तारीख बढ़ा दी गई है। 11 अगस्त को होने वाले मतदान के अब 19 अगस्त को होने की संभावना है। किसी कारणवश 19 अगस्त को मतदान के लिए डीएवी कॉलेज नहीं मिला तो मतदान की तारीख आगे भी बढ़ सकती है। पुलिस ने 19 अगस्त को मतदान स्थल उपलब्ध कराने के आश्वासन के साथ मतदान के लिए तारीख बढ़ाने का एल्डर्स कमेटी से कहा। एल्डर्स कमेटी ने पुलिस कमिश्नर के आश्वासन को टिप्पणी के साथ अंकित करते हुए पत्र मौजूदा कार्यकारिणी के पास भेज दिया है, जिसे कार्यकारिणी स्वीकृत भी कर लिया है। ऐसे में यह तो तय हो गया है कि कानपुर कचहरी में लायर्स एसोसिएशन का चुनाव अब 11 अगस्त के बजाय 19 अगस्त को होगा।
सावन के तुरंक बाद चुनाव नहीं चाहते थे तमाम अधिवक्ता
बताते चलें कि पिछले कई चुनावों से कचहरी के चुनाव में दोपहर का भोज और देर शाम की पार्टी का चलन शुरू हो गया था इस बार भी तमाम अधिवक्ता लायर्स एसोसिएशन के चुनाव में भोज व पार्टियों की उम्मीद किये थे लेकिन इस बार चुनाव सावन महीने के दो दिन बाद ही पड़ने से कई अधिवक्ता निराश थे। क्योंकि सावन में अधिकांश लोग पूजा-पाठ में व्यस्त रहते हैं और कई लोग तो सावन के दिनों में व्रत भी रहते हैं। इसके चलते यह लोग दिन में भोने वाले भोज तथा शाम को होने वाली पार्टियों से अलग थे और प्रत्याशियों ने भी इसपर अंकुश लगा रखा था। उम्मीदवारों के तमाम समर्थक लगातार इस प्रयास में थे कि किसी तरह चुनाव की तारीख बढ़ जाए ताकि वह पहले की तरह भोज व पार्टियों का आनंत दे सके। अब चुनाव की तारीख आठ दिन आगे बढ़कर 19 अगस्त को होने से प्रत्याशियों के समर्थक खुश हैं।
मैदान में ब्राह्मण उम्मीदवार सबसे ज्यादा
यूं तो तमाम पदों के लिए चुनावी संघर्ष होगा, लेकिन कचहरी का रोमांच अध्यक्ष और महामंत्री के चुनाव के इर्द-गिर्द मंडरा रहा है। दोनों पदों के लिए तेरह उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं, लेकिन गणित के हिसाब से ब्राह्मण उम्मीदवारों की तादात सबसे ज्यादा यानी आठ है। पीडीए वर्ग से सिर्फ तीन, जबकि मुस्लिम बिरादरी से सिकंदर आलम अकेले अध्यक्षी के लिए मोर्चा संभाले हैं। क्षत्रिय कुनबे से महामंत्री पद के लिए धर्मेंद्र भदौरिया भी इकलौते प्रत्याशी हैं। इसी समीकरण में कचहरी का चुनाव उलझा है।
अध्यक्ष में किंतु-परंतु में उलझा मुकाबला
अध्यक्ष पद के लिए बीते चुनाव के रनर अरविंद दीक्षित, अनूप द्विवेदी गुड्डन, सुरेंद्र पाण्डेय के अलावा राकेश सचान, सिकंदर आलम और दिनेश वर्मा किस्मत आजमाने उतरे हैं। राकेश और दिनेश पीडीए समीकरण के अलावा व्यक्तिगत रिश्तों के बूते नतीजों को लेकर आश्वस्त हैं, जबकि सिकंदर की नैया मौजूदा अध्यक्ष श्याम नारायण सिंह के हाथों में सुरक्षित है। ब्राह्मण प्रत्याशियों में आगे निकलने की होड़ है।
पांच ब्राह्मणों के बीच एक ठाकुर एक यादव मैदान में
महामंत्री पद का मुकाबला खासा दिलचस्प है। आठ उम्मीदवारों में पांच ब्राह्मण हैं, जबकि बीते चुनाव के रनर राजीव यादव अकेले पीडीए प्रत्याशी हैं। इन्हीं हुंकारों के बीच एक आवाज ठाकुर बिरादरी के धर्मेंद्र सिंह भदौरिया की गूंज रही है। महामंत्री पद के लिए सुनील पाण्डेय, नवनीत पाण्डेय, ज्योतेंद्र दीक्षित, देशबंधु तिवारी, अभय शर्मा भी दल-बल के साथ किला फतेह करने उतरे हैँ। सुनील पाण्डेय को मौजूदा बॉर महामंत्री अमित सिंह के साथ-साथ पूर्व महामंत्री राकेश तिवारी और राघवेंद्र प्रताप सिंह का जबरदस्त समर्थन हासिल है, जबकि राजीव यादव बीते चुनाव की कसर पूरी करने की जुगत में जुटे हैं। धर्मेंद्र भदौरिया और देशबंधु तिवारी अपनी मेहनत व व्यक्तिगत संबंधों के चलते अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं।